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BAWA
💞महसूस हो रही है सरगोशियाँ धडकनो की, लगता है कोई मेरी पोस्ट को दिल से पढ रहा है... ©THAKUR VIRENDER SINGH #febkissday 💞महसूस हो रही है सरगोशियाँ धडकनो की, लगता है कोई मेरी पोस्ट को दिल से पढ रहा है...
Sangeeta G
Ramavtar Pal
मुझको तेरी इन आँखो में मेरी सूरत दिखती है। तू क्या जाने मेरे दिल को कितनी प्यारी लगती है। तुझको पाकर इस जीवन में गम सारे मै भूला हूँ, मुझको बेचैनी हो तो तू रात-रात भर जगती है। सच कहता हूँ तुझ बिन अब तो इक पल कटना मुश्किल है, बिन तेरे जीवन अँधियारा रात यह काली डसती है। तेरे दिल की हर धडकन पर नाम मै अपना लिख दूँगा जब में तेरे साथ खड़ा हूँ तू क्यों इतना डरती है। देख के अपना साथ यह दुनिया जाने क्या-क्या बोलेगी जब मै तेरे साथ में हूँ तो तू क्यों चिन्ता करती है। ©Ramavtar Pal #Dance तेरे दिल की धडकन पर नाम मै अपना लिख दूँगा
Dil galti kr baitha h
आखों से उनकी तस्वीर हटती ही नहीं, दिल से उनकी यादें मिटती भी नहीं, भूलाए तो भूलाए भी कैसे उन्हें, उनके बिना धडकने चलती भी तो नहीं ©Dil galti kr baitha h #delicate आखों से उनकी तस्वीर हटती ही नहीं, दिल से उनकी यादें मिटती भी नहीं, भूलाए तो भूलाए भी कैसे उन्हें, उनके बिना धडकने चलती भी तो
Shivam
दिल की धड़कन, तेरी यादों की गलियों में, बसी है जैसे, ख्वाबों की मिठास के बीच। ©Shivam दिल की धडकन💚💚 #umeedein#nojoto
Lalit Saxena
तुम धीरे धीरे मरने लगते हो अगर तुम यात्राएं नही करते अगर तुम पढ़ते नही अगर तुम जीवन की आवाज़ नही सुनते अगर तुम अपने से सामंजस्य बिठाकर अपनी सराहना नही करते (अनुशीर्षक में पूर्ण है) ©Lalit Saxena तुम धीरे धीरे मरने लगते हो अगर तुम यात्राएं नहीं करते अगर तुम पढते नहीं....... अगर तुम जीवन की आवाज को नहीं सुनते अगर तुम अपने से सामंजस्य ब
Pushpa Rai...
रात की खामोशी में कुछ आवाज आती है ध्यान से सुना तो पता चला कि ये तो मेरे दिल की आवाज है जो हर वक़्त तेरे लिए ही धड़कती है ©Pushpa Rai... #धडकन_की_आवाजें #मुहब्बत #यादें #नोजोटो #नोजोटोहिंदी
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- अब नही आती शिकायत बर्तनों से । हो गये परिवार छोटे दर्जनों से ।। मौत के जो नाम से डरते नहीं थे । वह लगे डरने यहाँ तो गर्जनों से ।। बाप तक की चीख भी जिसने दबा दी । अब लगाए कान है वो धडकनों से ।। भूखी ही रोती रही माँ आज दिन भर । लौटकर आए न बेटे बंधनों से ।। बेचकर जागीर पुरुखों की सुना है । तुम न पाए क्यों निकल फिर उलझनों से ।। २२/०८/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- अब नही आती शिकायत बर्तनों से । हो गये परिवार छोटे दर्जनों से ।। मौत के जो नाम से डरते नहीं थे । वह लगे डरने यहाँ तो गर्जनों से ।।
Mohammad Arif (WordsOfArif)
दिल फिर से धडकनें लगा इश्क़ में कोई अपना हो तो दिल दे दे मुझको वरना हम जान दे देगें इनके प्यार में इक बार जरूर आकर मिल ले मुझसे ©Mohammad Arif (WordsOfArif) दिल फिर से धडकनें लगा इश्क़ में कोई अपना हो तो दिल दे दे मुझको वरना हम जान दे देगें इनके प्यार में इक बार जरूर आकर मिल ले मुझसे #follow #Li