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KAKE KA RADIO
है रात पूर्णमासी, फिर भी घना अंधेरा । मैं जग रहा हूँ व्याकुल, होता नहीं सवेरा । कितनी दफ़ा की कोशिश, फ़ोन लगता नहीं है तेरा । पूर्णमासी की रात
Anamika
किसान है साहब.. दो जून की रोटी खा कर , पेट हम सब का भर सके, उसे अमावस्या या पूर्णिमा से वास्ता नहीं होता। #किसान_की_व्यथा #अमावस्या #पूर्णमासी #योरकोटजिंदगी #तूलिका
Nammy S
हर पूर्णमासी तो आयी और आकार मायूस चली गयी इस इंतेज़ार में की तुम आओगे और देखो न अब इस साल की आखिरी पूर्णमासी ये भी खामोश सी, डरी हुई अपना झोला उठाये जा रही अब कभी न लौटने के लिए। #पूर्णमासी #पूर्णिमा_का_चाँद #रातकाअफ़साना #bestyqhindiquotes #तन्हाई
Brijendra Dubey 'Bawra,
प्रेम तुम्हारा चन्द्रज्योति है, ये दिल चकोर है मानो तुम! कभी अर्ध्दकला से सिंचित करना ,कभी पूरनमासी कर देना तुम!! नया रिश्ता सम्बन्ध पुराना, फिर मेल अभी तो शुरु हुआ है! रात अमावस बीत चुकी अब, कुछ और चाँदनी बिखराओ तुम!! ©बृजेन्द्र 'बावरा, #NojotoQuote प्रेम-रस #प्रेम#चंद्रज्योति#चकोर#अर्धकला#पूर्णमासी#चांदनी#अमावस्या#NojotoHindi #NojotoLove #Nojotoemotion #bawraspoetry
Murari Shekhar
Sant Prasad Maurya
कहीं मौसम सताता है कहीं प्रियतम प्रवासी है किसी छत पर उदासी है किसी की पूर्णमासी है नहीं सब कुछ किसी के हाथ में सब वक्त के मारे ,, किसी
Subodh Kumar
#rkrony
तिल लिए कातिल सा तू _ क्यू मुजसे दूर रहति हो दिल लिए मेरा हो तुम _ फिर भि खुद पे मगरुर होति हो । उस रकिब के इश्क मे तू क्यू पागल हेै इस तरह _ मावस की रात को भी पूर्णमासी का नूर कहती है । #rkrony तिल लिए कातिल सा तू _ क्यू मुजसे दूर रहति हो दिल लिए मेरा हो तुम _ फिर भि खुद पे मगरुर होति हो । उस रकिब के इश्क मे तू क्यू पाग
Kulbhushan Arora
तुम ओस की बूंदों सी, फूलों पे चमकती हो Dedicating a #testimonial to Neha Sharma✍️ पूर्णमासी के चांद सी, धवल चांदनी बिखराती तुम, खुशी के लम्हों से बुना, गीत अदभुत सा गाती तुम, उदास
Nanki Patre
आज पूर्णमासी की रात, सज गई आने को मेरी बरात। ये चांद तारे बरसा दे फूल, ज़िन्दगी अब न मिलेगी खैरात।। ये पवन तू डोला दे चंवल, सांस मेरी हो गई उच्छ्वसित । कर्म मेरे साथ जाने को खड़े, अधुरी तमन्ना नैन में आसीत। ये नियति तेरी खेल अजीब, स्वेत बिमल तुने चादर बिछाई। टकराई जीवन में धूप -छाँव से, चौरासी यौवन मेरे बरात आई। आज पूर्णमासी की रात, सज गई आने को मेरी बरात। ये चांद तारे बरसा दे फूल, ज़िन्दगी अब न मिलेगी खैरात।। ये पवन तू डोला दे चंवल, सांस मेरी