Find the Latest Status about बिती ना बितायी रैना from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बिती ना बितायी रैना.
ARTIST VIP MISHRA
याद है वो दिन जब मैने बचपन में खुब खेलकूद के साथ-साथ स्कूल जाकर पढ़ाई - लिखाई किया करता था । खूब दोस्तो के साथ मिलकर मजाक मस्ती किया करता था । अब आज कल लोगो की सेवा सहायता किया करता हूँ। ©ARTIST VIPIN MISHRA VIP आप बिती
J P Lodhi.
रैना मधुर सुहाने सपनों की लेकर सौगात, दिनभर की जद्दोजहद से देती मुक्ति। काम को विराम देती,शरीर को विश्राम, शान्ति के पल देती,चैन की नींद देती। चांद तारों को लेकर आती,चांदनी रात, जीवन के अंधेरों से कराती है आभास। आने वाले कल की भी बनाती तस्वीर, रिश्तों को समय देकर बनाती मधुर। सपनो की नींद में देती खुशियों के पल, जीवन के कठिन सवालों का देती हल। राहों को ,मैदान को करती है, निर्जन, मुसाफिरों को थामकर,भेजती सराय। *रैना*
भगसिंह मरूधरियाई
रैना इस रैना से सीखा है मैंने इंतजार कुछ पलों का अंधेरा फिर तेरा दीदार। end सहम गई है ये रैना भी किसी आफताब ने इसका भी दिल तोड़ा है। end #रैना
Nilam Agarwalla
रैना चंद्र किरन से सुशोभित रैना पल भर को न आए चैना। याद आए पीया की बतिया काटे से न कट रही रतिया। फिरुं मैं इत-उत बनके बाबरी सो रही चैन से सब सखियां। नींद से हुई जाने क्यूं अनबन बरस रही रिमझिम अंखियां। #रैना
Kamlesh Kandpal
रैना गम हो तो, लम्बी लगे रैना छोटी लगे, जब दिल में हो चैना चंदा की चांदनी निखर जाये जब हो सुहानी रैना सितारों की चमक लगे न्यारी जब हो सुहानी रैना #रैना
Devkaran Gandas
रैना जब कभी होता हूं तन्हा दिन ढले आकर मिलती है रैना , पूछा करती वो हाल ए मेरा दिल नयनों से नयन मिलाती है रैना , फिर ज़िक्र यादों का चल पड़ता है किस्से , कहानी सुनाती है रैना , जब थक जाती मेरी आंखें गोद में अपनी सुलाती है रैना । ............✍️देवकरण #रैना
usha
रैना रैना देखे या देखूँ मै उसे सौ बार मै सदके जावा तारे देखो कितने हजार,आधे गिनु तो लगते कम है ,पूरे गिनु तो थकते मेरे हाथ,कोई तो मेरे पास इस नज़ारे को देखो तो लगती आखें चार,फिर भी समझ नहीं आता कि, रैना देखें या देखूँ मैं उसे सौ बार...... । usha...✍ # रैना
J P Lodhi.
रैना रैना आई चांद संग,लेकर तारों की बारात। निखर रहा है आसमान,चांद तारों के साथ। जगमगा रही रात,टिमटिमाते तारों के साथ। महक रही रैना सुहानी,फूलों की खुशबू से। चांद खेलता अटखेलियां,चमकते तारों संग। महक रहा ये समां, ठंडे पवन के झोको संग। सो गया शोर रात में, तारों की खामोशी संग। बुन रहे है सब मधुर सपने निंदिया रानी संग। जाग रही है बस खामोशी,रैना के सन्नाटे में। सो चुकी है सूनी राहें,रातों के इस सन्नाटे संग। पैर फैलाए पसर रहा है,धरती पर ये सन्नाटा। ***रैना***
Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
रैना जाने क्यों कहती है ये दूनियाँ? बाबूल के आँगन की हम हैं सुनहरी चिड़ियाँ। पीहर है, बस रैन बसेरा, उड़ जायेंगी होते ही सवेरा। ये रीत-रिवाज़ झूठा समाज,बचपन से ही हमें पराया बताता है। दूसरे की अमानत होती हैं हम,हर पल बाबूल को यही सुनाता है। मईया भी हमारी कभी समाज के, इस ताने को झेली थीं। इसीलिए वो भी भुल जाती हैं,एक दिन हम उनके ही गोद में खेली थीँ। करती हैं जननी अकसर ये शिक़ायत की हम तात-सा उनसे न प्रेम जताती हैं। इसमें हमारा कोई दोष नहीं, हर पल बाबूल ही हम पर विश्वास दिखाते हैं। न जाने क्यों ये समाज बेटी के बाबुल पर ज़हर सा बाण चलाता है? विदा करो अब जल्द से जल्द अपनी लड़की को बस यही हर पल सुनाता है। पर फिर भी लाडली के बाबूल मतलबपरस्ती समाज को अनदेखा करके। कुल के दीपक पर नहीं, बल्कि अपनी नन्हीं कलियों पर स्नेह बरसाते हैं। इसीलिए तो हर पिता बेटी के "हृदयमंजूला" बनकर जीवन भर याद आते हैं। -Rekha💕Sharma(हृदयमंजूला) #रैना