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Karan Kumar
पवन लहर उन्मन उन्मन कुंतल कोमल सिहर सिहर मंथर मंथर लघु कतरत निर्मल नदी कि उलझन पुलित छोर ज्वारों से उठती मंद मंद दीर्घ हिलोर ©Karan Kumar ज्वार लहर #drowning
Mohan Sardarshahari
पढ़ लेते हैं वो मेरे दिल के जज़्बात हर रोज रहकर फिर भी खामोश करते हैं वो मेरे दिल में उठे ज्वार की खोज।। ©Mohan Sardarshahari ज्वार की खोज #Top
Yash Verma
#MessageOfTheDay दिल और दिमाग जब ज़िन्दगी से हारा ,, तिनके सा थामे तूने तो पुकारा,,,, समुंदर सा मैं तू साथ बनके किनारा .. ज्वार पनपाये तुझे आग़ोश में उतारा.,,, घेरे बांहों में तेरे छलके जाये ये जाम हमारा.. जर्रा जर्रा सा यू मिल बन जाये एक रास्ता दिल तक एक अरसे से जागा हू सोजाउँगा कुछ दिन तक ©Yash Verma #समुंदर #किनारा #ज्वारभाटा #bestyqhindiquotes #yqdidi #yourquote #jnvian #uttrakhand #smily #Messageoftheday
Ashwani Dixit
साहिल से लहरें टकराती ज्वार बहुत हैं इस जीवन में पल पल रिसते हैं सांसों से तकरार बहुत हैं इस जीवन में #NojotoQuote ज्वार बहुत है इस जीवन में ..
xyz
समय भी न जाने हमें कैसे कैसे रूप दिखाता है.. कभी खुशी बनकर दरवाज़े पर दस्तक दे जाता है, तो कभी दुख व अवसाद बन हमें खूब रुलाता है। लेकिन साथ ही एक अच्छी सीख सदैव दे जाता है, उस सीख द्वारा हमें जीवन का महत्त्व बतला जाता है। परिस्तिथियाँ और समय कभी एक समान नहीं रहते.. निरंतर प्रगति और बदलाव ही प्रकृति का नियम है, समय चक्र के इस ज्ञान का हमें बोध करा जाता है। समय और ज्वारभाटा कभी किसी की प्रतीक्षा नहीं करते। #yqdidi #yqhindi #time #change #tishiyapa
Dimika2sister
अहसासों के ज्वार में, फंस गए तुम बेकार में। #bolteshabddimika
ragini sharma
हृदय हिलोरें ले रहा,धड़कन उठते ज्वार । साँसे विरहन हो गयीं, पिय को रहीं पुकार ।
SURAJ आफताबी
जिसमें तेरे मेह का मीठा आधार न हो , आँख में उस आँसू ख़ारे का क्या करें ; जिस प्रेम ज्वर में बदन तोड़ बुखार न हो , मापन यंत्र में उस स्थिर पारे का क्या करें !! जिस चौखट सर टेका उसी से निकाले हुए, हम पक्षी पराये थे पराये रहे, दिल में उनके पाले हुए ; जिसकी मुझमें ठहर ही नहीं उस ज्वारे का क्या करें , जो भटक रहा मुझमें, प्यार के उस मारे का क्या करें !! कल्पों से जाने किसकी भाट में जल रहा सूरज, सुबह से शाम दौड़ते ऐसे सितारे का क्या करें ; सोचो प्रेम ज्वर में कितना तप रहा होगा दिनकर , ऐसे में वो औषधि भी बरसाये अंगारे तो क्या करें !! कविता.. 😊 मेह- बारिश ज्वार- तूफाँ कल्प- युग दिनकर- सूरज #कविता
Vedha Singh
#चिन्ता होती है सदा, एक मृत्यु का द्वार। तिल-तिल कर ये मारता ,एसा है ये ज्वार।। वेधा सिंह