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Anjali Singhal
"प्यार की थाप बज चुकी, गीत रुनझुन सा बजना है; मुझे तेरी बाहों में रहना है। प्यासे तन-मन-जीवन को, रंग में तेरे रँगना है; मुझे तेरी बाहों में #Poetry #EXPLORE #AnjaliSinghal
read moreअज्ञात
श्रंगार की शान... विवाह की पहचान विवाहिता के प्राण ... धर्मपत्नी का परम् धर्म कह दूँ.. श्री का स्थान.. सुखों की खान.. सुहाग की पहचान भावों का मर्म कह दूँ.. बंधन नहीं मनरंजन नहीं आजीवन त्यजन नहीं तन मन धन अर्पण कह दूँ.. कह दूँ उसे सिंदूर या सर्वस्व समर्पण कह दूँ.. ©अज्ञात #सिंदूर
Ankur tiwari
White ना करना हैं तार तार ना बिगाड़ने का इरादा है मुझे तो तुझे दुल्हन सा संवारने के इरादा हैं तेरे हाथों में मेहंदी मेरे नाम की लगे बस तुझे उबटन भी मेरे नाम का लगाने का इरादा है तेरे आंखों को चमक यू बनी रहें हरदम तेरे आंखों में काजल सजाने का इरादा हैं ना आएं कभी आंसू किसी भी वजह से तेरे होठों पर मुस्कुराहटे सजाने का इरादा हैं बेपनाह सा इश्क हैं मुझे बेबाक सी तेरी बातें है तेरे इश्क में डूब हो जानें का अब मेरा इरादा हैं तेरे माथे की बिंदियां सितारों सी चमकती रहें तेरी मांग में सिंदूर सजाने का इरादा है ये मत सोच कभी कि पवित्रता भंग करूंगा तेरी तुझे अपनी अर्धांगिनी बनाने का इरादा है @mr_master__sab ©Ankur tiwari #love_shayari ना करना हैं तार तार ना बिगाड़ने का इरादा है मुझे तो तुझे दुल्हन सा संवारने के इरादा हैं तेरे हाथों में मेहंदी मेरे नाम की ल
#love_shayari ना करना हैं तार तार ना बिगाड़ने का इरादा है मुझे तो तुझे दुल्हन सा संवारने के इरादा हैं तेरे हाथों में मेहंदी मेरे नाम की ल #Poetry
read more꧁༒शिवम् सिंह भूमि༒꧂
Love तुम्हारे माथे पर सिंदूर डालने का हक सिर्फ हमारा होगा😍😍🖋️🖋️🖋️🖋️ #hunarbaaz
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल:- तू फ़िदा है हमीं पे जताती नहीं । क्या मुझे देख तू मुस्कराती नहीं ।।१ थाम लूँ थाम तेरा मैं कैसे भला । प्यार का मैं वहम दिल बिठाती नहीं ।।२ साथ चलना तुम्हारे अलग बात है । साथ पर अजनबी का निभाती नहीं ।।३ जिनसे रिश्ता जुड़ा है यहाँ प्यार का । देख उनको कभी मैं रुलाती नहीं ।।४ प्रेम उनका करें कैसे जाहिर यहाँ । माँग सिंदूर क्या मैं सजाती नहीं ।।५ दौड़ आयेगा वो एक आवाज़ में । पर उसे भी कभी मैं बुलाती नहीं ।।६ प्यार का सोचकर आज अंज़ाम मैं । कोई रिश्ता भी देखो बनाती नहीं ।।७ है सड़क पर बहुत आज मजनूं पड़े । मैं नज़र यार उनसे मिलाती नहीं ।।८ भूल तुमसे हुई है जताकर वफ़ा । जा प्रखर केश तुझ पर लगाती नहीं ।।९ ०६/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल:- तू फ़िदा है हमीं पे जताती नहीं । क्या मुझे देख तू मुस्कराती नहीं ।।१ थाम लूँ थाम तेरा मैं कैसे भला । प्यार का मैं वहम दिल बिठाती नहीं ।
ग़ज़ल:- तू फ़िदा है हमीं पे जताती नहीं । क्या मुझे देख तू मुस्कराती नहीं ।।१ थाम लूँ थाम तेरा मैं कैसे भला । प्यार का मैं वहम दिल बिठाती नहीं । #शायरी
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