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Chetan

गावों में राह तकती कुछ धुंधली सी नजरे... #कविता

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Indian Farmers/motivation

#FarmersLife जीवन जीने का मजा तो गावों में ही आता है।/A To Z amazing videos #समाज

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Dr Om Saa

#YourQuoteAndMine Collaborating with Singh Saab पधारो कभी हमारे गावों में...🙏 #yqbaba #yqdidi #hindiquotes #village #City #hindiwriters # #kalwasaab

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यहां खूबसूरती तो हर एक चेहरे पर है
पर चप्पल नही है पावों में,
साहब...छोड़कर शहरों की मजबूरियां
कभी घूमने आओ हमारे गावों में..!!
  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Singh Saab
पधारो कभी हमारे गावों में...🙏

#yqbaba #yqdidi #hindiquotes #village #city 
#hindiwriters #

ओमेन्द्र ठाकुर

आजकल गावों में नीम के पेड़ कम हो गए हैं । इसलिए घरों में कड़वाहट बढ़ती जा रही हैं ॥ जुबान में मिठास कम हो रही हैं । लेकिन शरीर में शुगर बढ़ #nojotophoto

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 आजकल गावों में नीम के पेड़ कम हो गए हैं । 
इसलिए घरों  में कड़वाहट बढ़ती जा रही  हैं ॥ 
जुबान में मिठास कम हो रही हैं । 
लेकिन शरीर में शुगर बढ़

साहस

हर कोई जानता है मगर मानता नहीं जिस गाय ने गावों को शहर में बदल दिया उस गाय को शहरों में कोई पालता नहीं।। और सुबह उठते ही दूध भावे बेटों ने #YourQuoteAndMine #देशी_छोरो #deshilifestyle

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कोई तो जानता है,कोई मानता भले नहीं।
जिस गाय से शहर की गलियां दूध से नहाई,
उस गाय को गांवों में छूटने के बाद कोई पालता नहीं।। हर कोई जानता है मगर मानता नहीं
जिस गाय ने गावों को शहर में बदल दिया
उस गाय को शहरों में कोई पालता नहीं।।

और सुबह उठते ही दूध भावे बेटों ने

अवधराम गुरु

जब देवलोक से सुख की देवी- नर्तन करने पृथ्वी पर आ जाएगी, जब आसमान के सूने मस्तक पर- उल्लासों की लाली सी छा जाएगी! जब ढोलक की थापों की #कविता #nojotophoto

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 जब देवलोक से  सुख की  देवी-
नर्तन करने पृथ्वी पर आ जाएगी, 
जब आसमान के सूने मस्तक पर-
उल्लासों की लाली सी छा जाएगी!

जब  ढोलक  की  थापों  की

Rakesh frnds4ever

#Train #दूर दूर तक ले जाते हुए भी कितनी पास रहती है #गंतव्य पर पहुंचा ही देने की आस रहती है,, कभी #कन्द्राओ से कभी #रेगिस्तानों से,, पर् #ज़िन्दगी #एहसास #घाटी #संगीत #पर्वत #मैदानों

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

सार छन्द :- तख्ती दवात खडिय़ो में कल, बचपन था मुस्काता । गावों के टेड़ी गलियों से, है अपना भी नाता ।। तख्ती दवात खडिय़ो में कल.... #कविता

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सार छन्द :-

तख्ती दवात खडिय़ो में कल, बचपन था मुस्काता ।
गावों के टेड़ी गलियों से, है अपना भी नाता ।।
तख्ती दवात खडिय़ो में कल....

जो मुझमे थे सदा समाहित, वो संस्कार हमारे ।
लेकिन इस युग में है देखा , होते वारे न्यारे ।।
अब कहाँ ज्ञान दादा-दादी से , पोता वो ले पाता ।
तख्ती दवात खड़िय़ो में कल ....

ट्रेड ट्रेड में बदल गई है , देखो दुनिया सारी ।
अब तो सब ही माँग रहे हैं , पुस्तक हो व्यापारी ।।
काल खण्ड़ की वो बातें अब , कौन यहाँ सुन पाता ।
तख्ती दवात खड़िय़ो में कल ....

हानि-लाभ की बातें करते, देखो छोटे बच्चे ।
इसी आयु में हम आप कभी , थे तो दिल के सच्चे ।।
लेकिन दुनिया बदल रही है , गौर न तू कर पाता ।
तख्ती दवात खड़िय़ो में ....

आज पुनः जीवित हो जाये , वो संस्कार हमारे ।
उठना सोना खाना पीना , वो व्यवहार हमारे ।।
जिसे देख जीवन मेरा यह ,धन्य पुनः हो जाता ।
तख्ती दवात खड़िय़ो में कल ...।

तख्ती दवात खडिय़ो में कल, बचपन था मुस्काता ।
गावों के टेड़ी गलियों से, है अपना भी नाता ।।

२७/०१/२०२३     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सार छन्द :-


तख्ती दवात खडिय़ो में कल, बचपन था मुस्काता ।

गावों के टेड़ी गलियों से, है अपना भी नाता ।।

तख्ती दवात खडिय़ो में कल....

lalitha sai

#goodwalimorning #lalithasai #myworld ईद और चारमीनार. बहुत खूबसूरत...लगता था... राष्ट्र के कहीं शहरों से गावों से.. यहाँ सिर्फ ईद की खरीदार

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चारमीनार सुनते ही याद आता है..
रंग भी रंग चूड़ियाँ..
और असली खास मोतिया..!

चारमीनार सुनते ही याद आता है..
ईद की खरीदारी..
और बहुत सारा ख़ुशी की मोहोल! #goodwalimorning
#lalithasai
#myworld
ईद और चारमीनार.
बहुत खूबसूरत...लगता था...
राष्ट्र के कहीं शहरों से गावों से..
यहाँ सिर्फ  ईद की खरीदार

Kavi Pawan Kumar Sharma kautliya

बांध भर गए सारे , अतिवृष्ठि के मारे पहाड़ खिसके , पुल टूटे , रोड खुदे सारे बारिश से परेशान है आधा हिदुस्थान नदियों का विकराल रूप देख डरा #कविता #rainfall

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पानी रे पानी 
बांध भर गए सारे , अतिवृष्ठि के मारे 
पहाड़ खिसके , पुल टूटे , रोड खुदे सारे 
बारिश से परेशान है आधा हिदुस्थान 
नदियों का विकराल रूप देख डरा इंसान 
सभी शहर , गावों,कस्बों आदमी परेशान 
पहाड़ों पर बादल फटने से आया तूफान 
जलमग्न हो गए घर , अस्पताल , खेत खलिहान
प्रकृति में मानव के हस्तक्षेप का है परिणाम 
करो प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण ,  
बनाओ प्रदूषण मुक्त वातावरण
तब ही हम सभी सुखी रह पाएंगे 
वरना कही अतिवृष्टि, कही अनावृष्ठि , तो कही पहाड़ खिसकने, कही तूफान की भेट चढ़ जायेंगे ।
हे इन्द्रदेव ,हो रही बारिश को कम करवाओ 
सारी आबादी परेशान है 
इन्हे बचाओ इन्हे बचाओ 
कवि कौटिल्य

©Kavi Pawan Kumar Sharma kautliya बांध भर गए सारे , अतिवृष्ठि के मारे 
पहाड़ खिसके , पुल टूटे , रोड खुदे सारे 
बारिश से परेशान है आधा हिदुस्थान 
नदियों का विकराल रूप देख डरा
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