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vimlesh Gautam https://youtube.com/@jindgikafasana6684

#वृद्धों को सम्मान और उपहार HeartfeltMessage

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Parveen kabis shikha

कविता-"बहू का सम्मान"

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Arpita Roy

हिन्दी का सम्मान करो कविता

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KISHAN VERMA

हिंदी दिवस पर कविताहिंदी मेरा सम्मान

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Aastha Kukreja

#Stoprape कविता: नारी का सम्मान: एक सवाल.. !!

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कविता:-नारी का सम्मान: एक सवाल..!!
जिसके कपडे तूने यूँ सरेआम !
बेरहमी से उतार के फेंक दिए !
ए ज़ालिम बेख़ौफ़ दरिंदे तू !
क्यों उसके बाद तूने ज़िंदा !
ये सारे दिन गुजार दिए !
जिस माँ ने तुझको जन्म दिया !
उसकी ममता को भी रौंद दिया !
अपनी बेटी और बहन की !
इज़्ज़त को झकझोर दिया !
अरे! जानवर भी अच्छा तुझसे !
तूने तो उसको पीछे छोड़ दिया !
क्यों तूने उसके बदन पे !
अपने गंदे हाथ फेर दिए !
ए हैवान, ए शैतान !
क्यों उसके  कपडे तूने यूँ सरेआम !
बेरहमी से उतार के फेंक दिए !
जा कालिख तू पुतवा के आ !
अपने हाथ कटा के आ !
जिन आँखों से देखा उसको !
उन आँखों को नोचवा के आ !
जा कब्र अपनी खुदवा के आ !
और खुद को सूली पर लकटा !
क्यों तूने उस नारी के !
तन पे यूँ सौ आघात किये !
ओ हवस के काफर सुन !
क्यों उसके  कपडे तूने यूँ सरेआम !
बेरहमी से उतार के फेंक दिए !
रचयिता: आस्था कुकरेजा #Stoprape कविता: नारी का सम्मान: एक सवाल.. !!

vimlesh Gautam https://youtube.com/@jindgikafasana6684

#वृद्धों को वृद्धाआश्रम क्यों #समाज

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Lalit Teli

कोरोना का बचाव पर कविता #nojotovideo

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Prashant Mishra

आज़मगढ़ विश्वविद्यालय VC सम्मान कविता

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शिखा जगत की उच्चतम बीनाइयों तक जाएगा
हल वो मसला होगा जो कठिनाइयों तक जाएगा
आज़मगढ़ की सरजमीं पर उग रहा जो सूर्य है
आपके सानिध्य में ऊंचाइयों तक जाएगा

--प्रशान्त मिश्रा आज़मगढ़ विश्वविद्यालय VC सम्मान कविता

Shivam Chander

कविता औरत सम्मान फूल🌹

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फूल और औरत

             फूलो जैसी है औरत की जिन्दगी,
             वह फूल भी तबी तक खिला है,
             जब तक वो डाली से जुडा है,
            और औरत भी तबी तक खिली 
            रहती है जब तक पिता के आँगन मे है,
  
             कि जैसे ही पिता का घर छुटा,
            और जैसे ही डाली से फूल टूटता है,
             दोनो पराये हो जाते है जनाब,
             फूल डाली से औरत माँ के आँचल से,

           उस के बाद भी कहाँ जीवन आसान
           होता ना जाने कौन माला मे पिरौता है,
           या रास्ते पर सिर्फ तोड के छोड जाता है,
           वैसे ही औरत का जीवन होता है दोस्तो,
          कि कौन सिर्फ इसे भोग विलास की वस्तु
          समझे या कोई इसे घर की लक्ष्मी दोस्तो,
          कि कौन अन्नपूर्णा देवी खुशहाली और 
         समृद्धि समझे या मात्र पैर की जुती दोस्तो,
         कुछ भी कहो दोनो का एक जैसा ही जीवन,

        फूल और औरत ने अपना जीवन हमेशा 
         ही दूसरो के लिए जीते आये है दोस्तो
         दुख तो तब होता जब सम्मान करने की
         जगह इनका अपमान होता है दोस्तो
        दुख होता है जब फूलो को पैरो तले रौदा
        जाता है अपने मतलब के लिए तोडा जाता
        और देवी जैसी औरत का अपमान किया
        किया जाता उसे मारा पीटा जाता या शरीरक 
        उत्पीडना का शिकार बनाया जाता है,
       जिनका जीवन सदा दुसरो के काम आता है,
        उनकी ऐ हालत कभी कभी मन विचलित
        कर जाते है मत करो दोस्तो ऐसा कभी भी
       जरा सोच के देखना एक माँ, बेटी, बहन 
        और पत्नी के बिना कैसा जीवन होगा,
       अगर जीवन मे ऐ सब औरत के रूप तुम्हे
        मिले तो इसका सम्मान कीजिए दोस्तो,
              ✍ShivamChander #कविता #औरत #सम्मान #फूल🌹

Satpal Singh

कविता- तिरंगे का सम्मान आवाज और शब्द- सतपाल सिंह लौंगोवाल #deshkeveer

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