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✍️मुकेश कुमार

मैं उसे बरसों से जानता था–
एक अधेड़ किसान
थोड़ा थका
थोड़ा झुका हुआ
किसी बोझ से नहीं
सिर्फ़ धरती के उस सहज गुरुत्वाकर्षण से
जिसे वह इतना प्यार करता था
वह मानता था–
दुनिया में कुत्ते बिल्लियाँ सूअर
सबकी जगह है
इसलिए नफ़रत नहीं करता था वह
कीचड़ काई या मल से!
 #किसान_का_सम्मान_करो

अजनबी

मैं जिन्दगी में अपने वसूलों का वचन देता हुं। जमीर जिन्दा है मैं किसान हूं और किसान का बेटा हूं।। सर्दी आया ठंड बढ़ाया पर हिम्मत से हमने हर कदम बढ़ाया । लिए हाथ में बांकी हमने धान की फसल को कटवाया हूं।। मैं जिन्दगी में अपने वसूलों का वचन देता हुं। जमीर जिन्दा है मैं किसान हूं और किसान का बेटा हूं।। सर्दी से भी लड़ते है ठंडी को भी सहते है। हम किसान है कुदरत के मौसम से भी लड़ते है।। #किसान_का_सम्मान_करो #किसानदिवस #किसानों_की_मेहनत_पर_पानी #किसान_देशकीशान #किसानपुत्र

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मैं जिन्दगी में अपने वसूलों का वचन देता हुं।
जमीर जिन्दा है मैं किसान हूं और किसान का बेटा हूं।।
सर्दी आया ठंड बढ़ाया पर हिम्मत से हमने हर कदम बढ़ाया    ।
लिए हाथ में बांकी हमने धान की फसल को कटवाया हूं
जमीर जिन्दा है मैं किसान हूं और किसान का बेटा हूं।।
सर्दी से भी लड़ते है ठंडी को भी सहते है।
हम किसान है कुदरत के मौसम से भी लड़ते है।।
 पड़ी जरूरत जब देश  को रोटी खाने की ।
कंधो पर लिए हल बैलों संग  चला जाता हूं।।
सिर पर पगड़ी और कंधो पर लेकर बीज।
धरती का सीना चीरकर गेहूं बोकर आता हूं।
जमीर जिन्दा है मैं किसान हूं और किसान का बेटा हूं।। मैं जिन्दगी में अपने वसूलों का वचन देता हुं।
जमीर जिन्दा है मैं किसान हूं और किसान का बेटा हूं।।
सर्दी आया ठंड बढ़ाया पर हिम्मत से हमने हर कदम बढ़ाया    ।
लिए हाथ में बांकी हमने धान की फसल को कटवाया हूं।।
मैं जिन्दगी में अपने वसूलों का वचन देता हुं।
जमीर जिन्दा है मैं किसान हूं और किसान का बेटा हूं।।
सर्दी से भी लड़ते है ठंडी को भी सहते है।
हम किसान है कुदरत के मौसम से भी लड़ते है।।

i am Voiceofdehati

#do_not_waste_food ये जो अच्छा नहीं लगा कहकर रोज फेंक आते हो कूड़ें में खाना। आओ कभी हमारे खेतों तक खुद ही जान जाओगे कैसे उपजाते हैं हम एक एक दाना।। #किसान_का_सम्मान_करो #अनाज़_की_क़ीमत #voice_of_village #voiceofdehati #yqdidi #lifelessons #restzone

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ये जो अच्छा नहीं लगा कहकर
रोज फेंक आते हो कूड़ें में खाना।
आओ कभी हमारे खेतों तक
खुद ही जान जाओगे कैसे उपजाते हैं
हम एक एक दाना।। #do_not_waste_food
ये जो अच्छा नहीं लगा कहकर
रोज फेंक आते हो कूड़ें में खाना।
आओ कभी हमारे खेतों तक
खुद ही जान जाओगे कैसे उपजाते हैं
हम एक एक दाना।।
#किसान_का_सम्मान_करो #अनाज़_की_क़ीमत 
#voice_of_village #voiceofdehati #yqdidi

sahil tayde

किसानों को कमजोर समझने की भूल ना करना,
बड़ी बड़ी मुसीबतों से इन्होंने डटकर किया है सामना।

©sahil tayde #किसान  #किसानों #किसान_का_दर्द #किसान_का_सम्मान_करो #किसान_एकता #किसान_भाई #किसान

#bharatband

Aniket

यहां रक्षकों और अन्नदाताओं पर भी राजनीति होने लगीं,
जो मिट्टी कभी सोना उगला करती थी वो आज बंजर होने लगीं। #किसान_का_सम्मान_करो 

#IndianArmy

ANIL KUMAR

जिनके घरों में दो जून के फांके होते हैं जो जिंदगी भर दो गज जमीन पर सोतें हैं जो न मौसम के कहर से डरते हैं जो न तूफान की प्रचंडता से एक पग पीछे करते हैं उस अन्नदाता की मत पूछिए साहिब जो कभी-कभी अपनी जिंदगी तक खोते हैं उनकी शख़्सियत को दिल से सलाम उनकी इंसानियत को दिल से सलाम #Quotes #कुछपालदिलकेपास #कुछनछुएपहलू #किसान_का_सम्मान_करो #farmerlife

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 जिनके घरों में दो जून के फांके होते हैं
जो जिंदगी भर दो गज जमीन पर सोतें हैं
जो न मौसम के कहर से डरते हैं
जो न तूफान की प्रचंडता से एक पग पीछे करते हैं
उस अन्नदाता की मत पूछिए साहिब
जो कभी-कभी अपनी जिंदगी तक खोते हैं
उनकी शख़्सियत को दिल से सलाम
उनकी इंसानियत को दिल से सलाम


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