Nojoto: Largest Storytelling Platform

New ललना Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about ललना from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ललना.

Stories related to ललना

    LatestPopularVideo

id default

मंगल गाओ रे सभी ललना झूले रे पलना,गोपी-गोपिका सभी झुलावों पलना में बैठे ललना,राह तके झुलावो उन्हे कोई, आओ रे सभी झुलावो रे पलना, हमारे लड्डू #hindipoetry #yourquotebaba #yourquotedidi #Realpic #trendingquotes #tarunasharma0004 #पलनेमेंललना

read more
मंगल गाओ रे सभी ललना झूले रे पलना,गोपी-गोपिका सभी झुलावों पलना में बैठे ललना,राह तके झुलावो उन्हे कोई, आओ रे सभी झुलावो रे पलना, मंगल गाओ रे सभी ललना झूले रे पलना,गोपी-गोपिका सभी झुलावों पलना में बैठे ललना,राह तके झुलावो उन्हे कोई, आओ रे सभी झुलावो रे पलना,
हमारे लड्डू

बी.सोनवणे

धन्य ती ललना किती रे सहनशील, त्याग करीत सुखाचा दुसऱ्यांना सुखावशील ।। कैक वेदना दडविल्यास हृदयांतरीच्या कप्प्यात, दु:खाच्याच पांघरूणान #SAD

read more
धन्य ती ललना 
किती रे सहनशील, 
त्याग करीत सुखाचा 
दुसऱ्यांना सुखावशील ।। 

कैक वेदना दडविल्यास
हृदयांतरीच्या कप्प्यात, 
दु:खाच्याच पांघरूणाने
अदृश्य खपल्या जपल्यात।। 

आधार हवायं रे ज्याचा 
तोची स्वत:च अविश्वासी, 
व्यसनाच्या लालसेपोटी
दुरावून  गेलायं परिवारासी ।। 

मायाजाळ ना आपुलकी 
प्रेमबंध ना रे जिव्हाळा, 
कदर कदापी नाही केली 
कश्यला तो असा गोतावळा।। 

गर्वाने अन् अभिमानाने 
आदर्शानेच करावे कौतुक, 
अशी ती थोर नारी तिची
महती अनमोल मौलिक।। 

बी सोनवणे 
       मुंबई

©बी.सोनवणे धन्य ती ललना 
किती रे सहनशील, 
त्याग करीत सुखाचा 
दुसऱ्यांना सुखावशील ।। 

कैक वेदना दडविल्यास
हृदयांतरीच्या कप्प्यात, 
दु:खाच्याच पांघरूणान

Aradhana Agrawal Riddhi

आज लिखने बैठी हूँ चांद पंक्तियां तेरे कृष्ण पर माँ कि जितना सुन लिया उतना काफी कहाँ हैं ?? है समंदर का किनारा पर तेरा लाल कहाँ हैं?? #कविता #lord_krishna

read more
अाज लिखने बैठी हूँ
चांद पंक्तियां
तेरे कृष्ण पर माँ

कि जितना सुन लिया
उतना काफी कहाँ हैं ??
है समंदर का किनारा
पर तेरा लाल कहाँ हैं??

माना तो नहीं है अभी 
पर कुछ झाकियाँ,
मुझे तेरे कृष्ण की
बड़ी सुन्दर लगती है ।

गाय का ग्वाला वो,
आत्मा का मंथन वो ।
कंस के लिए विष,
और भक्तों का अमृत वो ।

जेल का जन्मा है,
गोकुल का पलना है ।
देवकी की गोद है,
तो यशोदा का ललना है ।

©Aradhana Agrawal Riddhi आज लिखने बैठी हूँ
चांद पंक्तियां
तेरे कृष्ण पर माँ

कि जितना सुन लिया
उतना काफी कहाँ हैं ??
है समंदर का किनारा
पर तेरा लाल कहाँ हैं??

pooja roy

ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं! कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना #nojotophoto

read more
 ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं!
कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं।
रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना

pooja roy

ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं! कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना #Krishna #poem #writing #nojota #nojotophoto

read more
 ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं!
कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं।
रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना

Yogita Sahu

happy जन्माष्टमी घनघोर अंधेरा मा जनम लेहे तोर कन्हैया ललना हा तोर कन्हैया लालना पापी मन के नाश करथे देथे सरन मा हमला पापी मन के नाश करथे ड #म्यूज़िक #DearKanha

read more
घनघोर अंधेरा मा जनम लेहे तोर कन्हैया ललना
हा तोर कन्हैया लालना  
पापी मन के नाश करथे देथे सरन मा हमला
पापी मन के नाश करथे डेथे सरन मा हमला -2
जय कान्हा हा जय कान्हा जय कन्हैया जय हो तोर -2
जनम हाइस आऊ तैहा कान्हा समस्या ला गिराए
सबो समस्या ला तै गिराए
सुन्दरी बन के आइस हे पूतना वहू ला मार गिराए -2
जय कान्हा हो जय कान्हा जय कन्हैया जय हो तोर -2
नटखट हबे तोर माया हा मन मा सबके मोहाय 
हा मन मा सबके मोहाए
घर घर मा तै जाके कन्हैया दही ला तैहा चोराए -2
जय कान्हा हो जय कान्हा जय कन्हैया जय हो तोर -2
दही चोराय तैहा कान्हा संग मा तै पकड़ाए 
हा संग मा तै पकड़ाए
मासूम चेहरा देख के तोरे माता मन तोला नचाए -2 
चाले ला देख के तोर कन्हैया गोपियन के मन हा मो 
हा गोपीयन के मन हा मोहाए 
नदियां तीर मा जाके कन्हैया गोपियन संग रास रचाए -2 
जय कान्हा हो जय कान्हा जय कन्हैया जय हो तोर -2

©Yogita Sahu happy जन्माष्टमी घनघोर अंधेरा मा जनम लेहे तोर कन्हैया ललना
हा तोर कन्हैया लालना  
पापी मन के नाश करथे देथे सरन मा हमला
पापी मन के नाश करथे ड

ADARSH SAHU

"देखो आज हमारी लूट रही हैं अस्मितायें" देखो आज हमारी लूट रही हैं अस्मितायें। हर पल यहां अब छलि जा रही है सुताए॥ जहां सबसे बड़ा नारी का ही

read more
देखो आज हमारी लूट रही हैं अस्मितायें।
हर पल यहां अब छलि जा रही है सुताए॥

जहां सबसे बड़ा नारी का ही सम्मान था।
जहां प्रथम पूज्य का उनको वरदान था॥
जहां की बेटियों ने त्याग दी स्वर्ण लंका।
संपूर्ण विश्व में बजता था जिसका डंका॥
उसी भारत में अब रो रही है सीतायें॥

करे विश्वास किस पर कुत्सित सभी है।
बिके के सारे संबंध और वहसी सभी है॥
घर परिवार हाट बाजार हर जगह अब।
बेटियां देखो अब कहीं सुरक्षित नहीं है ॥
रोज सड़कों पे देखो दम तोड़ती निर्भयाए।

सत्ता चढ़ने की सीढ़ीयाँ हो गयीं है।
इज्जत बेटियों की रोटियां हो गई है॥
हर तरफ दर-बदर हो रही बेटियां।
न्याय बन करके बैठा है कठपुतलियां॥
एक तरफ देखो आज जल रही है चिताए।

जब तक रहा बचा स्वाभिमान बेटियों का।
 तब तक रहा नाज़ देश को पीढ़ियों का ॥
 ये गरीबी भुखमरी हर तरफ है लाचारी क्यों है।
 क्योंकि बेटियों के देश में बेटियां बेचारी जो है॥
 पतन है उसका जिस घर रोती हैं ललनाए।

चाहते हो यदि उन्नति के सोपान चढ़ना।
 देश के विश्व सारे दुख व्यवधान हरना॥
नारियों को उनके सारे सम्मान दो तुम।
छीना जो उनके सारे अधिकार दो तुम॥
तभी देश अपना विश्व गुरु फिर कहाए। "देखो आज हमारी लूट रही हैं अस्मितायें"

देखो आज हमारी लूट रही हैं अस्मितायें।
हर पल यहां अब छलि जा रही है सुताए॥

जहां सबसे बड़ा नारी का ही

SamadYusufzai

वो गीत है वो छंद है वो नंद का आनंद है वही भूत है भविष्य है वही आदि है अनंत है वो बाल है वो लाल है अधर्मियों का काल है वो यत्र है वो तत्र है #Krishna

read more
 वो गीत है वो छंद है
वो नंद का आनंद है
वही भूत है भविष्य है
वही आदि है अनंत है

वो बाल है वो लाल है
अधर्मियों का काल है
वो यत्र है वो तत्र है

Suvesh Shukla 'CHANDRA'

#ramdharisinghdinkar #inspirational सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है, शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ् #बात

read more

राघव रमण

लडकियो के साथ बलात्कार के विरोध मे ये कविता #क्या_पाया चीखों मे सिमटी दुनियां वो अपनी धुन मे लगा रहा वो बिलख रही थी खुद मे ही

read more
कला की देवी थी ललना
उसपर शक्ति का था साथ
तुमने महिषासुर बनकर ललकारा
आब देखो क्या होता अभिशाप 
जो पुजने योग्य थी सबकी
दुत्कार बनाकर क्या पाया
जो उडती आकाश गगन मध्य
बरबाद बनाकर क्या पाया लडकियो के साथ बलात्कार  के विरोध मे ये कविता

         #क्या_पाया

 चीखों मे सिमटी दुनियां 
वो अपनी धुन मे लगा रहा
वो बिलख रही थी खुद मे ही
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile