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Ram Kumar Baiga

kishori jha

bharat ki प्रमुख जनजाति #merikahaani #Videos

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Ramsingh Nag

हलबी जनजाति गीत बस्तर #loveconvo #poem

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Arjun Singh

सबसे खूँखार जनजाति 🙄😱😱 #News

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Axar pathak

दुनिया की सबसे खतरनाक जनजाति 😱😱 Courtesy: Mr Facton #amazingfacts #suspense #रोचक_कहानियां

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Axar pathak

ये जनजाति शादी में ऊंगली काटते हैं #story Courtesy - facttell #Knowledge

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tufail

भारतीय जन एवं जनजाति किसान महासभा गरीबों के लिए सर्घष कर रहे हैं #शायरी #nojotophoto

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 भारतीय जन एवं जनजाति किसान महासभा गरीबों के लिए सर्घष कर रहे हैं

बीरेन्द्र कुमार

वीरेंद्र कुमार बाल्मीकि जिला उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति एंव जनजाति प्रकोष्ठ मिशन सुरक्षा परिषद जनपद औरैया #nojotophoto

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 वीरेंद्र कुमार बाल्मीकि जिला उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति एंव जनजाति
 प्रकोष्ठ मिशन सुरक्षा परिषद जनपद औरैया

Abeer Saifi

अस्थि-पंजर - कंकाल, कंजर - भटकने वाली जनजाति, जंजर - कमज़ोर सुप्रभात। सुबह के उजाले में, मेरी आँखें देखती हैं ज़िन्दगी का मंज़र... #मंज़र # #Collab #yqdidi #yqtales #YourQuoteAndMine #yqquotes #yqlife

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ये ज़िन्दगी का मंज़र है पीठ में कितने खंजर हैं,
कलियां सारी सूख गयीं ज़मीं भी देखो बंजर है اا

मुझमें कुछ अब शेष नहीं जीवन का अवशेष नहीं, 
ढांचे में मुझको क़ैद न कर जो बस अस्थि-पंजर है اا

एक जगह टिकता भी नहीं चाह नहीं बिकता भी नहीं,
के चहूं दिशा विचरण भ्रमण ये मनवा मारा कंजर है اا

ये देह मेरे किस काम का स्मरण है बस प्रभु राम का,
मेरी आत्मा तू त्याग तन आसक्त क्षीण ये जंजर है اا
 अस्थि-पंजर - कंकाल, कंजर - भटकने वाली जनजाति, 
जंजर - कमज़ोर 

सुप्रभात।
सुबह के उजाले में,
मेरी आँखें देखती हैं 
ज़िन्दगी का मंज़र...
#मंज़र #

Abeer Saifi

अस्थि-पंजर - कंकाल, कंजर - भटकने वाली जनजाति, जंजर - कमज़ोर सुप्रभात। सुबह के उजाले में, मेरी आँखें देखती हैं ज़िन्दगी का मंज़र... #मंज़र # #Collab #yqdidi #yqtales #YourQuoteAndMine #yqquotes #yqlife

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ये ज़िन्दगी का मंज़र है पीठ में कितने खंजर हैं,
कलियां सारी सूख गयीं ज़मीं भी देखो बंजर है اا

मुझमें कुछ अब शेष नहीं जीवन का अवशेष नहीं, 
ढांचे में मुझको क़ैद न कर जो बस अस्थि-पंजर है اا

एक जगह टिकता भी नहीं चाह नहीं बिकता भी नहीं,
के चहूं दिशा विचरण भ्रमण ये मनवा मारा कंजर है اا

ये देह मेरे किस काम का स्मरण है बस प्रभु राम का,
मेरी आत्मा तू त्याग तन आसक्त क्षीण ये जंजर है اا
 अस्थि-पंजर - कंकाल, कंजर - भटकने वाली जनजाति, 
जंजर - कमज़ोर 

सुप्रभात।
सुबह के उजाले में,
मेरी आँखें देखती हैं 
ज़िन्दगी का मंज़र...
#मंज़र #
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