Find the Latest Status about कविराज गीत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कविराज गीत.
अनुराग "सुकून"
कि मिटा दूंगा ख्वाब तेरे , जो सजाये थे हमने, तू नहीं रही मेरी तो न सही, चांद, सितारे नहीं आयेंगे अब, उन्हें भी कभी बुलाये थे हमने। .... कविराज कविराज
HANAMANT YADAV (कवीराज)
नारी। माय, जननी सखी, रमनी नारी तुझे विश्वची अवनी। माय.... तू शक्ति,तू भक्ति, गौरव तू, तू मुक्ति, सवंगड़ी तू तुच भगिनी।माय.... ममता तू, करुणा तू, लोभस तू, ललना तू, सौख्य शिदोरी तूच जीवनी। माय.... कविराज। हनमंत यादव 8698845253 कविराज
HANAMANT YADAV (कवीराज)
हसकर जीना है.... इकपल हसना है, यहां इकपल रोना है... गमोंको पीकर यहां, हसकर जीना है... उसका भी जीना, क्या है बताना पाकर भी सबकुछ,जो रोए दीवाना आसुओंकी नदी में भी, मन को बहेलाना है... गमोंको पीकर यहां, हसकर जीना है... किस्मत में किसकी, क्या है लिखावट जाने ना कोई, ना किसको है आहट पढ़ते उस लिखाई को, हसते गुजरना है... गमोंको पीकर यहां, हसकर जिना है.... इकपल हसना है, यहां इकपल रोना है.... गमोंको पीकर यहां, हसकर जीना है... कविराज। 8698845253 कविराज
HANAMANT YADAV (कवीराज)
एक हि बार प्यार हुआ जालिम, के दुनिया भूल गए। उनको ही बनाए दुनिया, हम खुद को भूल गए। ८६९८८४५२५३ कविराज
HANAMANT YADAV (कवीराज)
तेरे सीवा ए बेखबर..... तेरे सीवा ए बेखबर, जाऊ कहा जिंदगीसे...... मोड़कर मुह दुनियासे, जाऊ कहा जिंदगीसे..... सफर मेरा जिंदगी का , अब लगता है मुश्किल सा चाहत ना रही किसीकी, खोया आमावस के चांद सा कह ना पाऊं तड़फन, चुभन जो मिली है तुमसे..... छोडा जो हाथ तुमने, अकेली बन गई ऐसी तपती रही धुपमे, पीपल के पेड़ जैसी तू था मेरा सवेरा, रोशन मै तेरे दमसे.... तेरे सीवा ए बेखबर, जाऊ कहा जिंदगीसे..... मोड़कर मुह दुनियासे, जाऊ कहा जिंदगीसे.... कविराज। 9021034917 कविराज
अनुराग "सुकून"
अरे हमे तो अब वो भी भूल गए होंगे, जिनको कभी हमने चाहा था, अब तुम भी हमें भूल जाओ तो कोई ग़म नही, तुमने तो अभी अभी हमें सराहा था। .... कविराज कविराज
HANAMANT YADAV (कवीराज)
तादात बडी है लखडबकखोंकी, शेरो झुण्ड करो। कबतक अकेले शिकार बनोगे, अब मिलकर शिकार करो।... कविराज। कविराज
HANAMANT YADAV (कवीराज)
RIP Arun Jaitley दीपक। ओ दीपक बुझ नहीं सकता, जिसकी बाती तुमने सुलगाई है। जीतली तुमने सारी दुनिया, अब खुदाई तुम्हें जितनी है। ताउम्र कोई रहेता नहीं यहां पर, सारेही यहां महेमां है। जीतना जिया सिद्दत से जिया, बुलंद उनके आर्मा है। वक्त के कपाल पर , सदियों तक तुम्हारी मुहर रहेगी। जब भी देखेंगे तिरंगा हम, सुरत तुम्हारी नज़र में रहेगी। कविराज। कविराज