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Praveen Jain "पल्लव"

#mothers_day नारी का अपनापन,लालच की भवनाओं में बह गया

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White पल्लव की डायरी
तेवर नारी के देखो घर घर मे
संस्कारो का दायरा सिमट गया
कामकाजी ग्रहस्थी का बोझ
औरतो को नॉकरानी सा लगने लगा
अपनी निजी जिंदगी जीने का 
भूत उन पर चढ़ गया
बन्धन सारे पीछे छूते 
ममता का आँचल  सिकुड़ गया
एक डोर से बाँधने का जिम्मा था जिस पर
उसका संयम आधुनिकता के सामने डोल गया
बुनियाद परिवार की धूमिल होती
नारी का अपनापन, बदले की भावना में बह गया
                                                   प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #mothers_day नारी का अपनापन,लालच की भवनाओं में बह गया

azad satyam

जी करता है तेरे मद भरे नैनो में डूब के मदहोश हो जाऊं भूल के सारी दुनियां को अपना होश खो जाऊं बखान क्या करूं तेरी सुन्दरता का, है नहीं कोई फू

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जी करता है
तेरे मद भरे नैनो में डूब के मदहोश हो जाऊं
भूल के सारी दुनियां को अपना होश खो जाऊं
बखान क्या करूं तेरी सुन्दरता का,
है नहीं कोई फूल ऐसी कोमलता का
इठलाती बल खाती जुल्फों की ये अदाएं
कोई कैसे न इनके भंवर में बह जाए
और लब जैसे मद के प्याले छलकाए
सादगी ऐसी की चांद भी शरमाए
करूं क्या तारीफ तेरी
ऐसे अल्फ़ाज़ नहीं
जो थी बात जेहन में मेरे
अनकहे अल्फाजों में है कही

💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞
#ek_panchi_diwana_sa

©azad satyam जी करता है
तेरे मद भरे नैनो में डूब के मदहोश हो जाऊं
भूल के सारी दुनियां को अपना होश खो जाऊं
बखान क्या करूं तेरी सुन्दरता का,
है नहीं कोई फू

Anjali Singhal

"आया मौसम बसंत का, पतझड़ का अंत हुआ; जग में शोभा अनंत है छाई, खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं। पीली-पीली सरसों फूली, बौरें आमों में उठ झूलीं; ल

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"आया मौसम बसंत का,
पतझड़ का अंत हुआ;
जग में शोभा अनंत है छाई,
खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं।

पीली-पीली सरसों फूली,
बौरें आमों में उठ झूलीं;
लेकर सुगंध हवा बह रही,
रस प्रेम का घोल रही।

डाली डाली पात पात,
कोकिला का मधुर गान;
ॠतुराज का स्वागत करने,
सजधज धरती है तैयार।।"

Basant Panchami 🏵️

©Anjali Singhal "आया मौसम बसंत का,
पतझड़ का अंत हुआ;
जग में शोभा अनंत है छाई,
खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं।

पीली-पीली सरसों फूली,
बौरें आमों में उठ झूलीं;
ल

theABHAYSINGH_BIPIN

#sad_qoute एक अधूरा सफ़र एक सफ़र अधूरा रहा, ख्वाहिशों का साथ छूट गया। मंज़िल मेरी रूठ गई, मैं खुद से ही तो रूठ गया।

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White एक अधूरा सफ़र

एक सफ़र अधूरा रहा,
ख्वाहिशों का साथ छूट गया।
मंज़िल मेरी रूठ गई,
मैं खुद से ही तो रूठ गया।

दरिया में कश्ती डूब गई,
पतवार मेरी टूट गई।
मैं खुद से ही तो रूठ गया,
मैं खुद से ही तो टूट गया।

ख़्वाब सजाए आँखों ने,
एक पल में सब टूट गया।
सफ़र पर निकला जब,
खुद ही रास्ता भटक गया।

रुका मैं अभिलाषा में,
मुश्किल दौर से गुज़र गया।
माया के भंवर में फँसकर,
भरी ज्येष्ठा में सर्द सा सिहर गया।

एक महल बनाया रेत सा,
जो पल भर में ढह गया।
ख़्वाबों की दीवारें टूटीं,
और दिल भी कहीं बह गया।

साथ किसी का छूट गया,
दर्द सा दिल में बैठ गया।
मैं खुद से ही तो रूठ गया,
मैं खुद से ही तो टूट गया।

दिल मासूम फिर से टूट गया,
मंज़िल मेरी फिर छूट गई।
महबूब मुझसे रूठ गया,
मैं खुद से ही तो टूट गया।
मैं खुद से ही तो रूठ गया।

©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute  
एक अधूरा सफ़र

एक सफ़र अधूरा रहा,
ख्वाहिशों का साथ छूट गया।
मंज़िल मेरी रूठ गई,
मैं खुद से ही तो रूठ गया।

F M POETRY

#मेरी आँखों से दरिया बह रहा है....

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset हर इक झोंका हवा का कह रहा है..
कोई तो है जो दिल में रह रहा है..

जो दिल में है वही दिल तोड़ता है..
मेरी आँखों से दरिया बह रहा है..


यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #मेरी आँखों से दरिया बह रहा है....

theABHAYSINGH_BIPIN

#sad_shayari तराशो मुझे ख्वाहिशों के सांचे में, तपने दो इस बदन की जलती आग में। बरसों मुझ पर बादल-सा बरसा करो, बह जाने दो मुझे दरिया की धार

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White तराशो मुझे ख्वाहिशों के सांचे में,
तपने दो इस बदन की जलती आग में।
बरसों मुझ पर बादल-सा बरसा करो,
बह जाने दो मुझे दरिया की धार में।

घटा बनके छाई तेरी ज़ुल्फ़ें घनी,
खो जाने दो मुझे मखमली छांव में।
ऐशगाह अब वीरान क्यों लगता है,
ले चलो मुझे ख़्वाबों की गोद में।

अरसों से खुद को सँवारा है मैंने,
बांध लो अब मुझे नैनों के जाल में।
लौट गए जज़्बातों के सारे खरीदार,
मैं बिक गया बस इश्क़ के बाज़ार में।

थक चुका हूं मैं इस कच्ची सर्दी से,
ले चलो मुझे इश्क़ की गरमाहट में।
ढूंढते रहे जो मुझे शहर के शोर में,
अब बसा हूं 'अभय' कुदरत के गांव में।

©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_shayari 
तराशो मुझे ख्वाहिशों के सांचे में,
तपने दो इस बदन की जलती आग में।
बरसों मुझ पर बादल-सा बरसा करो,
बह जाने दो मुझे दरिया की धार

Anjali Singhal

"क्या मिला उनसे दिल कि उनका ही होकर रह गया! क़तरा-क़तरा एहसास का दिल में जो प्यार बनकर बह गया!!" ❤️ #AnjaliSinghal #Shayari nojoto

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"क्या मिला उनसे दिल कि उनका ही होकर रह गया!
क़तरा-क़तरा एहसास का दिल में जो प्यार बनकर बह गया!!"

❤️

©Anjali Singhal "क्या मिला उनसे दिल कि उनका ही होकर रह गया!
क़तरा-क़तरा एहसास का दिल में जो प्यार बनकर बह गया!!"

❤️

#AnjaliSinghal #shayari #nojoto

Lotus Mali

"बर्फ तो पानी बन बह जाता हैं लेकिन ना जानें क्यों....? ये हिमालाय किसका दर्द अपने सीने मैं संभाले खड़ा हैं!" https://lotusshayari.blogspot.

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"बर्फ तो पानी बन बह जाता हैं
लेकिन ना जानें क्यों....?
ये हिमालाय किसका दर्द
अपने सीने मैं संभाले खड़ा हैं!"
https://lotusshayari.blogspot.com/

©Lotus Mali "बर्फ तो पानी बन बह जाता हैं
लेकिन ना जानें क्यों....?
ये हिमालाय किसका दर्द
अपने सीने मैं संभाले खड़ा हैं!"

https://lotusshayari.blogspot.

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने स

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सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई,
ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई।

ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए,
सफ़र का हिसाब करने से पहले ही गुज़र गए।

बरसों बरस का सामान किस काम आएगा,
जब मौत का फरिश्ता पल में बुलाएगा।

जिंदगी को समझने में उम्र गुजर गई,
और मौत ने आते ही कहानी बदल गई।

साजो-सामान क्या, ये तख़्तो-ताज क्या,
पल भर की है जिंदगी, फिर ये आज क्या।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई,
ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई।
ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए,
सफ़र का हिसाब करने स
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