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PoonaM म्हस्के
White कुछ कहानियां नहीं बन पाती बस किस्सा बन जाता है जो हमारी जिंदगी की किताब का छोटा सा ही सही पर खूबसूरत हिस्सा बन जाता है ©PoonaM म्हस्के #Moon कुछ कहानिया नही बन पाती... बस किस्सा बन जाता है....
Srashti kakodiya..
Poet Maddy
दिल करता है बात करने का, मगर उनसे बात हो नहीं पाती...... मन करता है उनसे मिलने का, मगर मुलाकात हो नहीं पाती....... इसे किस्मत का खेल समझें, या फ़िर मोहब्बत का इम्तेहान...... तकदीर के इस खेल से अब, हम ह़ो गए है काफ़ी परेशान........ ©Poet Maddy दिल करता है बात करने का, मगर उनसे बात हो नहीं पाती...... #Feel#Conversation#Meet#Game#Luck#Test#Love#Fate#Worried.........
Rishu singh
कभी कभी मैं खुद पर विश्वास नहीं कर पाती की मैं आज तक एक ऐसे इंसान के साथ थी जिसे मेरे न होने का रत्ती भर भी अफसोस नही है 😔😔😔 ©Rishu singh #thepredator कभी कभी मैं खुद पर विश्वास नहीं कर पाती की मैं आज तक एक ऐसे इंसान के साथ थी जिसे मेरे न होने का रत्ती भर भी अफसोस नही हैं
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
माहिया/टप्पा छन्द दुनिया दुखयारी है पाँव पडूँ गिरधर यह पीर हमारी है ।। पढ़कर दौड़े आना पाती हूँ लिखती अब छूट गया दाना ।। चाल चलूँ मतवाली देखो तुम साजन हो अधरो पे लाली ।। पट आज उठा लेना बाते करने को ढ़ल जाये जब रैना ।। क्या प्रीति बिना फागुन भायेगा मुझको कुछ आकर कर अवगुन । २०/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR माहिया/टप्पा छन्द दुनिया दुखयारी है पाँव पडूँ गिरधर यह पीर हमारी है ।
Sangeeta Kalbhor
कागज पर उतर आओ ना.. लिखने बैठी हूँ मैं तुम्हें कागज पर उतर आओ ना नही सुझ रहा है कैसे लिखूँ तुम ही लिखने आओ ना..... लिख देना ओ सब बातें जो मैं तुमसे कहना चाहती हूँ हूँ दूर ही सही पर ऐ दिल मैं तुमसे दूर नही रह पाती हूँ लिख देना वो भी मुराद तुमसे कोई गिला शिकवा नही तुम हो प्रीत मेरी.... तुम्हें भूल पाना संभव ही नही देखो तुम ए भी लिख देना कोई अधिकार नही तुम पर तुम जहां में जहाँ भी रहो प्रेम करती रहूँगी तुम्ही पर..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor कागज पर उतर आओ ना.. लिखने बैठी हूँ मैं तुम्हें कागज पर उतर आओ ना नही सुझ रहा है कैसे लिखूँ तुम ही लिखने आओ ना..... लिख देना ओ सब बातें
Sangeeta Kalbhor
जहाँ जहाँ से मैं गुजरु मैं एक पुकार सुनती हूँ कोई है यहाँ मुझे समझनेवाला सुनकर मैं सहमीसी जाती हूँ रसोई मेरी ,बर्तन मेरे घर के सारे काम मेरे मैं बस किये और किये ही जाती हूँ कोई है यहाँ मुझे समझनेवाला सुनकर मैं सहमीसी जाती हूँ पति का अपना रौब है बच्चों के अपने शौक है मैं सबको खुश करके थक जाती हूँ कोई है यहाँ मुझे समझनेवाला सुनकर मैं सहमीसी जाती हूँ सबके लिए हूँ मैं काम के लिए हूँ मैं सबकी होकर भी अकेला खुदको पाती हूँ कोई है यहाँ मुझे समझनेवाला सुनकर मैं सहमीसी जाती हूँ..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #outofsight जहाँ जहाँ से मैं गुजरु मैं एक पुकार सुनती हूँ कोई है यहाँ मुझे समझनेवाला सुनकर मैं सहमीसी जाती हूँ रसोई मेरी ,बर्तन मेरे घर के
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Village Life औरत इश्क में अल्हड़ की तरह होती है,वो सहरा में बेफिक्र*गजालो की तरह होती है//१ नही पसंद उसे किसी रिश्ते में मिलावट उसको,वो अपनी मुफलिसी में खुशहालो की तरह होती है//२ तब तक नही होती मुत्तासिर जब तक उसे अपनापन ना मिले,वोऐसे मे अबुझे सवालो की तरह होती है//३ फिजूल फितने फसाद नहीं उसकी आदत में शुमार ,वो अपनी पेआए तो*कमोबेशजवालों की तरह होती है/४ हां"शमा"औरत इश्क में अल्हड़ ही होती है नही समेट पाती खुदको,वो गोया फिर बदहालों की तरह होती है//५ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #villagelife औरत इश्क में*अल्हड़ की तरह होती है,वो सहरा में बेफिक्र*गजालो की तरह होती है//१ दुनियादारी न जानने वाला / वाली*वन*हिरण नही पसंद
Madhu Singh
aditya prasad
White आधुनिक दुनिया के समाज में एक किरदार को महान किरदार बनाने के लिए कई किरदारो की अहम भूमिका होती हैं पर लोग सिर्फ किरदार के उसी सहयोगी को याद रखते हैं जो या तो उस किरदार की धर्मपत्नी होती हैं या फिर प्रेमिका बाकी किरदारो का क्या? क्या वो मायने नहीं रखते क्या उनकी कहानी मायने नहीं रखती। या फिर वो भी बस एक नींव की ईट हैं। या शायद हो भी यहि। वैसे भी कौन याद रखता हैं इन छोटे किरदारो की भूमिका। एक किरदार के उस महान किरदार बनने में लगी रहती हैं दादी कि बुढ़ापे की जमा की हुई जमा पूंजी, मां का त्याग अपने लाल के प्रति। एक भाई कि उम्मीद उस अनुज के प्रति। एक पिता का त्याग समाज के प्रति एक दोस्त की उम्मीद अपने दोस्त के प्रति तथा लगता हैं एक प्रेमिका का साथ उस किरदार के बुरे परिस्थिति के प्रति, और उस किरदार का अपने सपने के प्रति जुनून तब जाकर के कहीं वो किरदार महान बन पाता हैं। उसकी कहानी समाज के लोगों के बीच में अमरत्व हो पाती हैं। ऐसे बनता है एक किरदार, एवं उसकी कहानी। ~ आदित्य कुमार प्रसाद ©aditya prasad आधुनिक दुनिया के समाज में एक किरदार को महान किरदार बनाने के लिए कई किरदारो की अहम भूमिका होती हैं पर लोग सिर्फ किरदार के उसी सहयोगी को याद