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Rakesh Ladhrh Robert
जगमगाती दीवाली जिन्दगी को जगमगा दे खुशियों के दे इतने तोहफे आपके ग़मों को भुला दे | खुशियों के दीये जलते रहें मुहब्बतों के गीत बजते रहें| रोशनी से जैसे जगमगाती है रात, आपके दिन हँसी से सजते रहें| शुभ दीपावली जगमगाती दीवाली जिन्दगी को जगमगा दे खुशियों के दे इतने तोहफे आपके ग़मों को भुला दे | खुशियों के दीये जलते रहें मुहब्बतों के गीत बजते रहें|
Shivangi
तेरी यादें मुझे सताती हैं, इन आँखों में नये ख़्वाब सजाती हैं, दूर बैठा वो चाँद किसी के मिलन का साक्षी बनता हैं, उन असंख्य तारों में किसी को अपना कोई बिछड़ा मिल जाता हैं, जब भी ये रात जगमगाती हैं, अपने संग कई जज्बात और एहसास लाती हैं।।।। जब रात जगमगाती हैं, तेरी यादें मुझे सताती हैं, इन आँखों में नये ख़्वाब सजाती हैं, दूर बैठा वो चाँद किसी के मिलन का साक्षी बनता हैं, उन असंख्
AK Ajay Kanojiya
कुछ परिवारों में चिराग नहीं होते, वहाँ रोशनी घर जगमगाती है, जहाँ बेटे नहीं होते साहब, वहाँ बेटियाँ फर्ज निभाती है, समाज के ताने सहकर भी, परिवार की शान बढ़ाती है, यह यूँही नहीं पापा की माया, और माँ की छाया कहलाती है। माँ-बाबा से प्यार अधिक उसे, भाई से भी लाड़ लड़ाती है, छोटी बहना के मन भाव को, बिना पूछे वो पढ़ जाती है, दादा-दादी के जीवन में, यह अनोखा किरदार निभाती है, उनके बुढ़ापे के लम्हों में, रंग नए यूँ बेहिसाब भर जाती है। न जाने क्यों ये दुनिया बेटी को, पराया धन बतलाती है, यह बेटी ही तो है जनाब जो, हर जख्म पर मरहम लगाती है, जिस घर में रखती है पाँव, लक्ष्मी सा वरदान बन जाती है, दुःख की घड़ियों में भी ये, खुशियों की ज्योत जगाती है। इच्छा रखती बड़ी नहीं बहुत, ये तो बस सम्मान चाहती है, लड़का लड़की से बेहतर, यह फर्क समझ नहीं पाती है, तुम इनको समझो थोड़ा सा, यह तुम्हें तुमसे ज्यादा समझ जाती है, एक खुशी जो दो इनको तुम, ये तुम पर जिस्मों जान लुटाती है। ©AK Ajay Kanojiya " कुछ परिवारों में चिराग नहीं होते, वहाँ रोशनी घर जगमगाती है, जहाँ बेटे नहीं होते साहब, वहाँ बेटियाँ फर्ज निभाती है, समाज के ताने सहकर भी, प
~Bhavi
जब रात जगमगाती है... तब वो प्यार के दो पंछी .... अपनी सुध बुध खो कर... प्यार में ही डूब जाते हैं.... वो सागर की धीमी लहरें हैं... वो मध्यम मध्यम बहती हवा है... वो हल्की चाँद की रौशनी है.. जिसमें तारों ने भी चार चांद लगाए हैं... और उस जगमगाती रात में.... उन प्यार के पंछियों को..... अकेला छोड़ दिया है।। #भावना❤ #Light #नाईट#love#belive #Nojoto जब रात जगमगाती है.... तब वो प्यार के दो पंछी .... अपनी सुध बुध खो कर... प्यार में ही डूब जाते हैं.... वो स
Jyotshna Rani Sahoo
हमारे खुशियों के खजाने का ठिकाना परी से प्यारी नन्ही जान हमारी शिवन्या। तुम हो साई के सबसे बड़े वरदान तुम से ही शुरू और ख़तम हमारा जहां। बोली तुम्हारी दादी मा जैसी है पट पट बोलने में तू माहिर है। दिन दो गुनी रात चार गुनी बढ़ती खुशियां तुम से ही जगमगाती है हमारी आशियाना। पापा की टॉकिंग टम मम्मी की चहकती जेरी दादी की सौतन बनके भी करती उनकी काम सारी। कहां से आते इतने नखरे जो रग रग में तुम्हारे है भरे। आखों को सुकून दिल को ठंडक देती है तुम्हारे हरकत एक एक। अपनी नाना और नानी के झगड़े(झडगे) से परेशान फिर भी सुलझा देती हो झटसे बनके नन्ही मेहमान। नाना के तो हो दिल का टुकड़ा सुन ना पाए उनका थोड़ा भी दुखड़ा। एक दूसरे के वो हम सफर है कबसे उसको चाहिए जीवन साथी अपने नाना जैसे। बुआयों के चाहत बहनों के दोस्त मासी के साथ तो चमची बाली हरकत। थोड़ी घुसेल और ढेर सारा प्यार दिल में छुपाती ना करती इकरार। झूठी मुठ्ठी डॉक्टर बनके इलाज है करती पर नहीं जान पाती सच में सबकी बीमारी, उसकी होने से ही गायब हो जाती। जब जब थिरकती उसकी नन्ही पैर दिल सबका झूमता मद होस होकर। है कामना साई बाबा से तुम्हारे जनम दिन में सदा स्वस्थ रहो और हर दिन कटे तुम्हारे खुशी में। कुछ बनने कि आस नहीं रखते तुमसे बस यूंही रहो जिंदगी भर हमारे सान बनके बस यहीं दुआ मागते है हम रब से। हमारे खुशियों के खजाने का ठिकाना परी से प्यारी नन्ही जान हमारी शिवान्या। तुम हो साई के सबसे बड़े वरदान तुम से ही शुरू और ख़तम हमारा जहां। बो
निर्भय चौहान
क्षमा देना।। (कविता अनुकृति में) मुझको अब रोक ना ,तू आज जाने दे। सरहदें बुला रही हैं मेरे महबूब जाने दे । हर एक पल हर इक सांस समेत जाना है बुलावा आया है मुझे खेत जाना ह
Kaushambhi Dixit
"वो लाज़ ओढ़े बैठी रही अपने 'घराने' , मुरेड़ पर कि ज़मीर बिक गया उन इज़्ज़तदारों का , उसके 'कोठे' की चौखट पर" •(caption)• माँ, बहन, बेटी, सखी, प्रेयसी, पत्नी और न जाने कितने रूप हैं स्त्री के । प्रत्येक रूप में वह सृष्टि की और समाज की पूरक है ,कहने भर मात्र ही स
Vivek
#love आप कितने भी उम्रदराज़ क्यों न हो जाइए माँ तो आपसे बेटा ही कहती है अपने अबोध मन की किलकिलारियों को जो समझना हो कभी तो माँ के पास जाकर उसके गले लग जाना वो एक इतनी जगमगाती कविता है जिसके समक्ष बहुत भावुक कविताएँ भी मद्धिम पड़ जाती हैं ---!!! ©Vivek #जगमगाती कविता
Yadav Ravi
जगमगाती दुनिया में हर तरफ चकाचौंध है पर अब पहले जैसी रौनक नहीं है ©Yadav Ravi जगमगाती दुनिया #City