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SI Neer
दूध नहीं माताएं भारत में शौर्य पिलाती हैं , लोरी नहीं माताएं रणगाथाएं सुनाती हैं । भारत की माता बच्चों को ऐसा पाठ पढ़ातीं हैं , दुश्मन कांप
Anuradha T Gautam 6280
बुराइयों को चाहे कितना भी अंधकार हो सूरज भगवान का ताप उसे दूर कर देता है थरथर कांपते शत्रु जहां पर #सूर्य देव की जय जय कार हो..🖊️ 🌞 #Chhathpooja 🌞 🙏#@2🤦🏻🙆🏻♀️🙏 ©Riddhi Anuradha Gautam बुराइयों को चाहे कितना भी अंधकार हो सूरज भगवान का ताप उसे दूर कर देता है थरथर कांपते शत्रु जहां पर #सूर्य देव की जय जय कार हो..🖊️
ittu Sa
तुम मुझे डराओगे, मैं डरता चला जाऊँगा। जब तुम थक जाओ तो बताना, मैं आऊँगा तुम्हें डराने....तुम्हें मिटाने। माना मैं तुम्हें देख नहीं सकता ,सुन नहीं सकता। तुम जिसके नाम से थरथर काँपते हो, मैं भगत हूँ उस हनुमान का इत्तु सा पैग़ाम भगती की शक्ति के नाम। #nojoto #quotes #hanuman तुम मुझे डराओगे, मैं डरता चला जाऊँगा। जब तुम थक जाओ तो बताना, मैं आऊँगा तुम्
_suruchi_
कड कड कड कड गरजे अम्बर थरथर कापी धरती रे मात्र उनके दहाड़ से देखो काल चक्र भी स्थगित हुए। क्रोधाग्नि से जिनके,ब्रम्हांड ये कंपे षडरिपु भी जलकर भस्म हुए त्रिलोकी पालनहार जगत के, भक्तोद्धार करने आये है। धड़धड़ धड़धड़ भड़की ज्वाला संतप्त आग बबूला रे अन्याय का करने परम संघार अवतीर्ण देखो नरसिह अवतार हुए। कड कड कड कड गरजे अम्बर थरथर कापी धरती रे मात्र उनके दहाड़ से देखो काल चक्र भी स्थगित हुए। क्रोधाग्नि से जिनके,ब्रम्हांड ये कंपे षडरिपु भी
अल्पेश सोलकर
दोष देऊ कुणा...दोष देऊ कुणा मला चीड येत नाही..हाच माझा गुन्हा - वामनदादा कर्डक मला चीड येत नाही हाच माझा गुन्हा दोष देऊ कुणा मला चीड येत नाही हाच माझा गुन्हा दोष देऊ कुणा, सांगा दोष देऊ कुणा आहे तेच माझे गांव आणि तेच गा
Azad
कुछ चार पंक्तिया अनुशीर्षक में 🇮🇳😊🇮🇳 शीश झुका सम्मान करू भारत माँ को प्रणाम करू दिल में है जज्बा चेहरे पर मुस्कान सरहद पर खड़ा है अम्मा राम और रहमान यह मिट्टी है उन वीरो की जहाँ
#maxicandragon
India quotes लक्षद्वीप लद्दाख से लेकर कच्छ कोहिमा सब एक होकर बिगुल बजादो तुम दम भरकर जिससे कांपे दुश्मन थरथर हिंद हिंदू हिंदुत्व एक है बैरी नहीं ढाई, अनेक हैं चौंगा चादर सब हटवाकर करो कीर्तन घर घर जाकर जब्बर हैं ये नहीं मानेंगे जब तक हम सब ना जागेंगे न माने जब तक बाप राम को जपो चालीसा तुम घर घुसकर हर दुश्मन को चिह्नित करलो कुकर्म देखते ही तुम धरलो नष्ट कर दो सारे दुश्मन संग जेलों को आग लगाकर नव आजाद तुम हिंद बनाओ शासन संसद कानून बदकर सैंतालीस के पहले के सारे मुगल अंग्रेजी हर नाम हटाकर हिंद हिंदू हिंदुत्व बचेगा हिंदुस्तान बचेगा तब जाकर #Sadharanmanushya ©#maxicandragon लक्षद्वीप लद्दाख से लेकर कच्छ कोहिमा सब एक होकर बिगुल बजादो तुम दम भरकर जिससे कांपे दुश्मन थरथर हिंद हिंदू हिंदुत्व एक है बैरी नहीं ढाई, अ
Er.Shivampandit
जयहिन्द🌹🌹💐💐 हमने कितना कुछ कहा नहीं आतंक कहो कहाँ तक सहा नहीं पर पाक आतंक पोषने वाला है जाहिल नहीं समझने वाला है हो विवश हमने आज युद्ध लड़ना है देशभक्त वीरों को आज फिर लड़ना-मरना है तभी आज आई.ए.फ ने भीषण हुंकार किया जैश-ए-मुहम्मद पर सर्जिकल स्ट्राइक किया थरथर-थरथर पाकी हुक्मरान डोले महामहिम संकल्पित होकर बोले- मैं देश नहीं रुकने दूंगा मैं देश नहीं झुकने दूंगा... #जयहिन्द🌹🌹💐💐 हमने कितना कुछ कहा नहीं आतंक कहो कहाँ तक सहा नहीं पर पाक आतंक पोषने वाला है जाहिल नहीं समझने वाला है हो विवश हमने आज युद्ध लड़न
Parul Sharma
डर कुछ को सच कहते हुए डर लगता है। कुछ को झूठ कहते हुए डर लगता है। बड़ा अजीब है ये डर का दानव डर को डर कहते हुए डर लगता है। किसने रख दिया है ये डर सिराहने पर अब तो अधेरों और उजालों में भी डर लगता है। थरथर काँपता है दिल दिमाग तन भी जिनको डर का दानव डसता है। कहीं भूत प्रेत सफलता असफलता न्याय अन्याय डर डराने के लिये कई रूप धरता है अपनी देह में न दो जगह इसे नहीं तो ये दीमक बन तन को खोखला कर देता है रखो स्वच्छ,उज्वल, सदा मन और दिल ऐसे घर में डर पल भर भी न टिकता है। यहाँ डर को डटकर रहते हुए डर लगता है। पारुल शर्मी कुछ को सच कहते हुए डर लगता है। कुछ को झूठ कहते हुए डर लगता है। बड़ा अजीब है ये डर का दानव डर को डर कहते हुए डर लगता है। किसने रख दिया है ये
राघव_रमण (R.J)..
खून रगों की बहाकर अपनी सींच रहे हर खेत खलिहान खुशकिस्मत है देश हमारा पाकर ऐसे सैन्य जवान.. सब खेल रहे है वासंती उनका बस एक ही ध्यान चाहे होली हो दिवाली तलवार सजाये रखते म्यान चल पड़े है लगाकर मस्तक हर माटी चंदन समान खुशकिस्मत है देश हमारा पाकर ऐसे सैन्य जवान... लिपटा रहता धूलों में गंगाजल का करता पान सरजमीं को बिठा हृदय में बिसरा देता हर सुख संधान सबकुछ ले लेता हूँ खेतों में उगकर मैं धान खुशकिस्मत है देश हमारा पाकर ऐसे सैन्य जवान.... थरथर कांपे जब मस्तक शीतलता से अंजान जलती है लौं तन की उष्णता का होता भान बनकर हरपल कर्तव्यनिष्ठ करते अपना सर्वस्व दान खुशकिस्मत है देश हमारा पाकर ऐसे सेन्य जवान... प्रण करते है हमसब मिलकर बढायेंगे देश का मान व्यर्थ न होने पायेगा हर सैनिक के तीर कमान हर युवा कदम बढायेगा नव स्वरूप गढेगा हिन्दुस्तान खुशकिस्मत है देश हमारा पाकर ऐसे सैन्य जवान..... ©राघव रमण (R.J.) खून रगों की बहाकर अपनी सींच रहे हर खेत खलिहान खुशकिस्मत है देश हमारा पाकर ऐसे सैन्य जवान.. सब खेल रहे है वासंती उनका बस एक ही ध्यान चाहे ह