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राjN
भई शोर मचाए जैसे बाजा सुनति नहिंन वि कौन की घूमति बनिके समाज मा दूल्हे राजा ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_171 👉 अन्धों में काना राजा लोकोक्ति का अर्थ --- मूर्खों में कुछ पढ़ा-लिखा व्यक्ति। ♥️ इस पोस्ट को हाईला
दि कु पां
सब लडकियों में तू मेरी महबूबा, ना तुझको कोई गिला ना मुझको कोई शिकवा... जो मुझे मिला मै उसमे ही हुआ संतुष्ट, कि मेरे लिए नही कोऊ तुझसे दूजा.. कि तू ही मेरी महबूबा.. ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_171 👉 अन्धों में काना राजा लोकोक्ति का अर्थ --- मूर्खों में कुछ पढ़ा-लिखा व्यक्ति। ♥️ इस पोस्ट को हाईला
Writer1
कोरा कागज के मंच पर जब लिखी रचना, अपनी रचना देखकर मन हो रहा शादमाँ, कोई कोई लिख रहा कर के चोरी किसी का, बन यूँ रहे जैसे अंधो में हो काना राजा। जो वाकई में सोच का धनी है, वो इतराए ना, बहस में क्या रखा हैं, वो मसाफ़त बनाएगा, कई उम्दा दोस्त मेरे प्रिय रचना को पढ़ कर, खुमार छा जाए सजदा में सर झुक जाएगा। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_171 👉 अन्धों में काना राजा लोकोक्ति का अर्थ --- मूर्खों में कुछ पढ़ा-लिखा व्यक्ति। ♥️ इस पोस्ट को हाईला
Vedantika
अन्धों में काना राजा जो कोई उसे मान सयाना सो हर कोई उसके शब्द जैसे ग्रंथों की बानी विश्व का एकमात्र यहां वो ज्ञानी अपना राग सुनाता जाए हर पल अन्धों को राह दिखाए हर पल ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_171 👉 अन्धों में काना राजा लोकोक्ति का अर्थ --- मूर्खों में कुछ पढ़ा-लिखा व्यक्ति। ♥️ इस पोस्ट को हाईला
DR. SANJU TRIPATHI
गांँव के सीधे साधे भोले भाले लोग जहांँ पढ़ाई का कोई चलन ना हो और हिंदी के सिवा उनको कुछ भी समझ ना आता हो जब कोई थोड़ा सा अंग्रेजी पढ़ना सीख जाता है तो वह अंधों में काना राजा ही कहलाता है। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_171 👉 अन्धों में काना राजा लोकोक्ति का अर्थ --- मूर्खों में कुछ पढ़ा-लिखा व्यक्ति। ♥️ इस पोस्ट को हाईला
Vimal ji
एक है राजा, जो करता रहता शोर सबको अपनी उंगली पर नचाता चाहे सांझ हो या भोर लोग करें तो क्या करें क्योंकि यह उनकी मजबूरी है यह अंधों में काना राजा हां में हां मिलाना भी जरूरी है ©Vimal ji #अंधों में काना राजा #hindikahawat
vishnu prabhakar singh
अति सुंदर, गुजरात में महापर्व हुआ हमारे यहाँ भी मेला लगा हुआ है हर ओर कुछ अद्भुत है। आमंत्रण है मेरा, हमारे मेले में आईये वैचारिक स्वाद अनुसार लगभग सब कुछ पाइये साहित्य, प्रबंध, विज्ञान, विकास या जनसमुह के मस्तिस्क आकलन पर नोबल कृत पुस्तक आश्वाशन है प्रबुद्धता का दौड़ ही पड़िए, वैतरणी है पर, लौट कर महत्मा बन जाइएगा इस हेतू विचार कर लिया जाए कि, कैसे आयेंगे! संविधान के अनुरूप ज्ञान के या फिर, स्वतंत्र भारत के संज्ञान पे या फिर नहीं आएंगे बिगुल बजने पर टकराएंगे अभी तो बस, नए-नए नुक्से अपनाएंगे हाँ ! युद्ध छोड़ कर कैसे आयेंगे? निश्चित ही ऐसे अनेक अवसर आयेंगे आते ही रहेंगे प्रसाद स्वरुप ग्रहण कर लिजियेगा, नहीं तो दोष होगा और, व्यस्तता में भी मंदिरो की दौड सभी राष्ट्र देखेंगे महाशय ! राजनीति के तफरी के लिए ही आया जाए हजारों किलोमीटर दूर स्वर्ग के मार्ग नरक को विस्मृत किए यहां भी राजनीति है पांच सितारा नहीं, चार सितारा वर्ण गंगा है। ©vishnu prabhakar singh अंधों में काना राजा #विप्रणु
Jogi Sarkar H.S.
एक बात सीखी हे मेने भी तुजसे मेरे कान्हा सब जगह रहो या ना रहो पर सबके दिल में जरूर रहना जोगी सरकार काना
Adbhut Alfaz
शोर भाने लगे हैं मुझे आजकल, बहुत सताती है ख़ामोशी तेरी.. मैं तुझे भूलना तो चाहता हूं, बहुत तड़पाती है मदहोशी तेरी.. मुझे मालूम है तू मेरा हो नहीं सकता कभी, बहुत रुलाती है मुझे सरगोशी तेरी.. ©H!N$@✍️ *सरगोशी - काना-फूंसी