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Hiren. B. Brahmbhatt

फ़लसफ़ा ज़िंदगी का ।

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माना की हर चमन में कांटे भी मिलते हैं,
उनके बग़ैर ना होती फूलों की एहमियत,
     हर अच्छे वक्त के साथ बुरे वक्त का भी स्वागत करे,
     क्यूं की फूलों के साथ कांटे का भी होना ज़रूरी है.. फ़लसफ़ा ज़िंदगी का ।

J P Lodhi.

जिंदगी का फ़लसफ़ा

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ज़िन्दगी ने ज़िन्दगी का, फलसफा सिखाया।
गमों की भीड़ में भी, खुशियां ढूंढ़ते रहे हम।
दुश्मनों की टोलियों में, दोस्त खोजते रहें हम।
नफरतों के बाज़ार में,करते रहे मोहब्बत का सौदा।
रातों के अंधेरे में भी , सुबह तलाशते रहें हम।
रंग बदलती दुनियां में, राजदार चाहते रहें हम। 
 तूफानों में भी कस्ती किनारे पर लगाते रहें हम
 तेज आंधियों  में भी, चिराग जलाते रहें हम।
सिखाती रही ज़िन्दगी,फलसफा ज़िन्दगी का। जिंदगी का फ़लसफ़ा

Maan Singh Suthar

जिन्दगी का फ़लसफ़ा #शायरी

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m.s.jindgi ka falsafa

©M.S. Suthar जिन्दगी का फ़लसफ़ा

Manjeet Sharma 'Meera'

#फ़लसफ़ा मुहब्बत का🤔

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ये फ़लसफ़ा मुहब्बत का हम न जान पाए 
हो दास्ताँ तुम्हारी या दास्ताँ हमारी। #फ़लसफ़ा मुहब्बत का🤔

Manjeet Sharma 'Meera'

#मुहब्बत का फ़लसफ़ा 💕💞

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🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

इस मुहब्बत का फ़लसफ़ा क्या है? 
दर्द-ए-दिल या वफ़ा या धोका है। 

जिनसे दैर-ओ-हरम में मिलता हूं 
उनका दिल में भी आना-जाना है। 

घर किसी एक का नहीं होता
कुछ हमारा तो कुछ तुम्हारा है। 

बंद मुट्ठी को बंद ही रखना
ज़िंदगी का यही तक़ाज़ा है। 

मैं ही 'मीरा' हूं हर मुहब्बत की 
प्रेम मेरा ही तो दिवाना है। 
***

मनजीत शर्मा 'मीरा' #मुहब्बत का फ़लसफ़ा 💕💞

कवि शिवा "अधूरा"

जिंदगी का फ़लसफ़ा कुछ यूं सीखा हमने,
तुम हम बिस्तर तो हुए, पर हमसफ़र नहीं ।।

शिवा अधूरा #फ़लसफ़ा

कवि शिवा "अधूरा"

हमें इश्क़ का फलसफा सीखा रहे हो,
ख़ुद रकीब से मिलकर आ रहे हो,
कहते थे तुम बिन अकेले चलना मंज़ूर नहीं,
तो अब मुंह मोड़ कर क्यों जा रहे हो  ।

शिवा अधूरा #फ़लसफ़ा

Naqib96

फ़लसफ़ा

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यह जिंदगी के फलसफ़े
 न तुम समझ सके न हम

 ये फ़लसफ़ा है फ़लसफ़ा
कोइ समझ में आए ना फ़लसफ़ा

सुरेश सारस्वत

सहर से पहले ही डरने लगा हूं
खुद को अंधेरों से भरने लगा हूं

कुछ तो है गहरा ज़ख्म मेरा भी
खुद से ही अब ये कहने लगा हूं

बैर नहीं कोई ...मेरा रहा है
फिर भी क्यूं बैरी लगने लगा हूं

लम्हों में जिसके रहता था ज़िंदा
उसी के ख्यालों में मरने लगा हूं

अब तो नहीं कोई शाम सुहानी
सायों का मंज़र मैं बनने लगा हूं #ज़िंदगी#फ़लसफ़ा

Writer#Tinku.chuohan94

ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा कुछ इस तरह #5LinePoetry #शायरी

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#5LinePoetry ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा भी कितना अजीब है,
शामें कटती नहीं, और साल गुज़रते चले जा रहे हैं,
एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी,
जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं,
और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं..

©Author#tinkuchuohan94@gmail.com ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा कुछ इस तरह 

#5LinePoetry
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