Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best फ़लसफ़ा Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best फ़लसफ़ा Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutफ़लसफ़ा meaning in hindi, फ़लसफ़ा का अर्थ, फ़लसफ़ा meaning in english, फ़लसफ़ा,

  • 11 Followers
  • 16 Stories

Rabindra Kumar Ram

" तेरी कुछ कहीं खबर तो मिले , मुहब्बत को‌ मुहब्बत की नजर तो‌ मिले , एक रोज ये खिसा फ़लसफ़ा ना हो जाये , कम्बक्त तु भी कुछ हाले मिज़ाज जाहिर तो कर . " --- रबिन्द्र राम #खबर #मुहब्बत #नजर #फ़लसफ़ा

read more
" तेरी कुछ कहीं खबर तो मिले ,
मुहब्बत को‌ मुहब्बत की नजर तो‌ मिले ,
एक रोज ये खिसा फ़लसफ़ा ना हो जाये ,
कम्बक्त तु भी कुछ हाले मिज़ाज जाहिर तो कर . " 

                       --- रबिन्द्र राम " तेरी कुछ कहीं खबर तो मिले ,
मुहब्बत को‌ मुहब्बत की नजर तो‌ मिले ,
एक रोज ये खिसा फ़लसफ़ा ना हो जाये ,
कम्बक्त तु भी कुछ हाले मिज़ाज जाहिर तो कर . " 

                     --- रबिन्द्र राम

#खबर #मुहब्बत #नजर #फ़लसफ़ा

Rabindra Kumar Ram

" कुछ निशान अब भी बाकी ‌है , तेरे हसरतों की मक़ाम अब भी बाकी हैं , वेशक रुठा हूं छुटा हैं कुछ नाराज़ सा हूं तुझसे , अब भी दिल में तेरी दस्ता लबालब हैं , बना कोई फ़लसफ़ा फिर से तेरी दस्ता बेसबब्ब हैं ." --- रबिन्द्र राम

read more
" कुछ निशान अब भी बाकी ‌है ,
तेरे हसरतों की मक़ाम अब भी बाकी हैं ,
वेशक रुठा हूं छुटा हैं कुछ नाराज़ सा हूं तुझसे ,
अब भी दिल में तेरी दस्ता लबालब हैं ,
बना कोई फ़लसफ़ा फिर से तेरी दस्ता बेसबब्ब हैं ."

                                     --- रबिन्द्र राम
 " कुछ निशान अब भी बाकी ‌है ,
तेरे हसरतों की मक़ाम अब भी बाकी हैं ,
वेशक रुठा हूं छुटा हैं कुछ नाराज़ सा हूं तुझसे ,
अब भी दिल में तेरी दस्ता लबालब हैं ,
बना कोई फ़लसफ़ा फिर से तेरी दस्ता बेसबब्ब हैं ."

                                     --- रबिन्द्र राम

Rabindra Kumar Ram

" वो हैं कि नहीं ख्वाब किसका देख रहे , अंजुमन में ये किस के एहसास का फ़लसफ़ा है जो , न जान है ना पहचान ये किसकी तिसनगी है , खामेखा किसकी आरज़ू में मुहब्बत कर रहे हैं ." --- रबिन्द्र राम #ख्वाब

read more
" वो हैं कि नहीं ख्वाब किसका देख रहे ,
अंजुमन में ये किस के एहसास का फ़लसफ़ा है जो ,
न जान है ना पहचान ये किसकी तिसनगी है ,
खामेखा किसकी आरज़ू में मुहब्बत कर रहे हैं ." 

                              --- रबिन्द्र राम " वो हैं कि नहीं ख्वाब किसका देख रहे ,
अंजुमन में ये किस के एहसास का फ़लसफ़ा है जो ,
न जान है ना पहचान ये किसकी तिसनगी है ,
खामेखा किसकी आरज़ू में मुहब्बत कर रहे हैं ." 

                              --- रबिन्द्र राम 

#ख्वाब

Rabindra Kumar Ram

*** कविता *** *** फ़लसफ़ा *** " अब ये बात रहने भी दें , थोड़ा दर्द सहने भी दें , सम्भाल लूं खुद को कैसे , मुहब्बत हो रही है बहकने दे , मत सोच कुछ ऐसा ये‌ शामे वफ़ा ,

read more
*** कविता *** 
*** फ़लसफ़ा *** 

" अब ये बात रहने भी दें ,
थोड़ा दर्द सहने भी दें ,
सम्भाल लूं खुद को कैसे ,
मुहब्बत हो रही है बहकने दे ,
मत सोच कुछ ऐसा ये‌ शामे वफ़ा ,
कर मेरे नाम यू तूझसे हसरतें पूरी करने दे ,
मिला हर कोई यहां कोई फ़लसफ़ा बना नहीं,
मुहब्बत के‌ आसियाना तुझमें बनाने दे ,
दे तब्बजो हसरतों को मेरी हर शाम तेरी हो ,
बना नहीं अभी कोई आशियां ,
फ़लसफ़ा तेरी चाहतों का बन ने दे ."

                                --- रबिन्द्र राम *** कविता *** 
*** फ़लसफ़ा *** 

" अब ये बात रहने भी दें ,
थोड़ा दर्द सहने भी दें ,
सम्भाल लूं खुद को कैसे ,
मुहब्बत हो रही है बहकने दे ,
मत सोच कुछ ऐसा ये‌ शामे वफ़ा ,

Anita Saini


फ़लसफ़ा ज़िंदगी का, 
बस इतना सा है..। 
कोई ख़्वाब मुक़म्मल,
 कोई अधूरा सा है...।। 
सफ़र ज़िंदगी का,
 मुसलसल चलता है...। 
कभी ख़ुशी कभी ग़म,
कभी मौसम प्यार का सा है...।। #AnitaSainiAS #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqrekhta  #फ़लसफ़ा #yqhindiurdu #yqbhaijan

Rabindra Kumar Ram

" तेरी कुछ कहीं खबर तो मिले , मुहब्बत को‌ मुहब्बत की नजर तो‌ मिले , एक रोज ये खिसा फ़लसफ़ा ना हो जाये , कम्बक्त तु भी कुछ हाले मिज़ाज जाहिर तो कर . " --- रबिन्द्र राम #खबर #मुहब्बत #नजर #फ़लसफ़ा

read more
" तेरी कुछ कहीं खबर तो मिले ,
मुहब्बत को‌ मुहब्बत की नजर तो‌ मिले ,
एक रोज ये खिसा फ़लसफ़ा ना हो जाये ,
कम्बक्त तु भी कुछ हाले मिज़ाज जाहिर तो कर . " 

                     --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " तेरी कुछ कहीं खबर तो मिले ,
मुहब्बत को‌ मुहब्बत की नजर तो‌ मिले ,
एक रोज ये खिसा फ़लसफ़ा ना हो जाये ,
कम्बक्त तु भी कुछ हाले मिज़ाज जाहिर तो कर . " 

                     --- रबिन्द्र राम

#खबर #मुहब्बत #नजर #फ़लसफ़ा

Rabindra Kumar Ram

*** कविता *** *** फ़लसफ़ा *** " अब ये बात रहने भी दें , थोड़ा दर्द सहने भी दें , सम्भाल लूं खुद को कैसे , मुहब्बत हो रही है बहकने दे , मत सोच कुछ ऐसा ये‌ शामे वफ़ा ,

read more
*** कविता *** 
*** फ़लसफ़ा *** 

" अब ये बात रहने भी दें ,
थोड़ा दर्द सहने भी दें ,
सम्भाल लूं खुद को कैसे ,
मुहब्बत हो रही है बहकने दे ,
मत सोच कुछ ऐसा ये‌ शामे वफ़ा ,
कर मेरे नाम यू तूझसे हसरतें पूरी करने दे ,
मिला हर कोई यहां कोई फ़लसफ़ा बना नहीं,
मुहब्बत के‌ आसियाना तुझमें बनाने दे ,
दे तब्बजो हसरतों को मेरी हर शाम तेरी हो ,
बना नहीं अभी कोई आशियां ,
फ़लसफ़ा तेरी चाहतों का बन ने दे ."

                                --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram *** कविता *** 
*** फ़लसफ़ा *** 

" अब ये बात रहने भी दें ,
थोड़ा दर्द सहने भी दें ,
सम्भाल लूं खुद को कैसे ,
मुहब्बत हो रही है बहकने दे ,
मत सोच कुछ ऐसा ये‌ शामे वफ़ा ,

devinder singh chahal

#फ़लसफ़ा ए ज़िंदगी

read more

कवि शिवा "अधूरा"

हमें इश्क़ का फलसफा सीखा रहे हो,
ख़ुद रकीब से मिलकर आ रहे हो,
कहते थे तुम बिन अकेले चलना मंज़ूर नहीं,
तो अब मुंह मोड़ कर क्यों जा रहे हो  ।

शिवा अधूरा #फ़लसफ़ा

कवि शिवा "अधूरा"

जिंदगी का फ़लसफ़ा कुछ यूं सीखा हमने,
तुम हम बिस्तर तो हुए, पर हमसफ़र नहीं ।।

शिवा अधूरा #फ़लसफ़ा
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile