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Mihir Choudhary
तुमने तो हँस के पूछा था बोलो न कितना प्रेम है बोलो कैसे मैं बतलाता बोलो ना कैसे समझता जब अहसास समंदर होता है तो शब्द नही फिर मिलते हैं उन बेहिसाब से चाहत को कैसे कैसे मैं बतलाता बोलो न कैसे दिखलाता बोलो न कैसे समझता तब भी हिसाब का कच्चा था अब भी हिसाब का कच्चा हूँ जो था वो ना मेरे बस का था अब तो जो हालात हुए उनसे तो मैं अब बेबस हूं अब अंदर -अंदर सब जलता है लावा जैसा सा कुछ पलता है धीमे धीमे कुछ रिसता है कुछ टूट-टूट के पीसता है नस-नस मैं जैसे कुछ खौलता है धड़कन बिजली सा दौड़ता है अब बेहिसाब ये यादे है बस बेहिसाब ये चाहत है बोलो क्या वो प्रेम ही था बोलो न क्या ये प्रेम ही है मिहिर... बिरहा
Anuj Ray
" बिरहा की रातें" न धुंआ न कहीं ,आग जला करती है, बिरहा की रातें यूं ही ,खामोश जला करती हैं जलता है बदन आग की लपटों में,दो बूंद की उम्मीद लिये, बेबसी हाथ मला करती है। फागुन का महीना हो, या घनी सावनी रातें, पिया मिलन की आस में, यूं ही ख़ला करती हैं। ©Anuj Ray #बिरहा की रातें
कपूर तिवारी "हिन्द"
सियासी खेल को देखकर,खुद राम शर्मिन्दा है कि मेरे नाम को लेकर एकदूजे की करते निन्दा है ये खेल गन्दा है ये जानते सब है लेकिन अपने स्वार्थ के ख़ातिर इनके दिलो मे राम जिन्दा है सियासी राम
ajay jain अविराम
इंसानियत के नाम पर बबाल करेंगे इंसानों के हत्यारे अब सवाल करेंगे हैवानियत है हावी ओड़ रखी खाल ये लोग सियासी ही बुरा हाल करेंगे अजय जैन अविराम सियासी लोग
CK JOHNY
कृषि कानून से हो गए फैसले मेरी दिल की सरकार के हमने भी पक्का धरना दे दिया उनके दिली दरबार में। दिल की फसल किसी को भी दो इसमें बड़ा मुनाफा है समझ नहीं आता ये मुहब्बत है या है कोई व्यापार ये। हमारे फायदे के फैसले हमें ही समझ नहीं आते हैं न हम समझना चाहते हैं न वो समझा ही पाते हैं। कई दौर की बातचीत हमारी भी बेनतीजा निकली न वो फैसला वापिस लेते हैं न हम ही वापिस जाते हैं। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ सियासी मुहब्बत
vijay singh panwar
इस सियासी खेल मे केसा हो रहा देखो बवाल ना जीती BJP ना पूरा बहुमत CONG को जीत गए हैं माँईकेलाल #NojotoQuote सियासी खेल
manoj kumar jha"Manu"
मेरे साथ जो फूल हैं, उन्हें अच्छा नहीं बताता है। वो सियासी है अच्छे को अच्छा नहीं बताता है।। वो सियासी है
Rafat Ansari
इन्सान ही इन्सान से क्यों दूर हो रहे हैं ।सियासत के घाव क्यों नासूर हो रहे हैं ।उनको तो चैन से सोने दो यारो जो भूखे पेट सोने को मजबूर हो रहे हैं ।मिलती नही सजा क्यो गुनाहो के सौदागर को वो भी आज कल बेकसूर हो रहे हैं ।इसको खत्म करने मरहम तो खोजो रफत ।भाई ही कत्ल करने को मंजूर हो रहे हैं । ©Rafat Ansari सियासी इन्सान । #Walk
@ShubhRish Status
कविता =नाकारा लेखक= शुभम "गीता मां "वैष्णव एक नेता जी को देख लगा कि, वे क्रोध का घूंट पी गए सारा, पर उनके मुंह से अपने साथी के लिए, शब्द निकला निकम्मा और नाकारा, नेताजी ने नो बॉल पर छक्का मारा, अपने साथी को बागी बताकर फटकारा, सोशल मीडिया ने इस घटना पर खूब लगाया मिर्च मसाला, आगे देखिए अब कौन-कौन नेता बदलेगा अपना पाला, आज सियासत ने अपना रंग बदल डाला, नेता बने सफेदपोश लोगों ने ही, जनता के अरमानों पर डाका डाला, #Politics सियासी संग्राम
BANDHETIYA OFFICIAL
सियासी खयालात नहीं मिलते तो क्या? इसी दौर हालात नहीं मिलते तो क्या? जज्बाती है वो भी, जज़्बात नहीं मिलते तो क्या? रूठा है वो, मेरे मन भी कुछ मुटाव, बनाव समझो, है भी कुछ दिल में लगाव, तनाव काबू में है, दिन -रात नहीं मिलते तो क्या? शिकवे रुखसत हैं, रुसवा होना न तौर, रहना है यहीं पे रिश्ते के ही ठौर, न ठांव खोना है 'चुप' , नग्मात नहीं मिलते तो क्या? ©BANDHETIYA OFFICIAL #रिश्ते #सियासी #Morning