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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी टर्र टर्र सियासी ,फसल काटने वोटो की सियासी लोग आने लगे है पूरे ना कर चुके वायदे अपने वे नये जुमलो के सपने दिखाने लगे है गिरगिट से भी आगे रंग बदलते देश राष्ट्र की कीमत घटाने लगे है वोट देना सिर्फ सियासी मसला है जीतकर वो शतरंज शकुनि जैसी बिछात बैठाने लगे है मात जनता को देकर,अरबो चुनावी ब्रांड पाने लगे है सरकारी खजाने में सेंध लगाकर कर्जदार देश को बनाने लगे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #truecolors टर्र टर्र सियासी #nojotohindi
Azaad Pooran Singh Rajawat
"तेरी यादों के सहारे दिन कट जाता है कट जाती है रात वो पल सुकून भरा होता है जब होती है सपने में तुझसे संजीदा मुलाकात टूटते ही सपना तुझसे मिलने को दिल करता है सच है सखी विरह में प्रेम पलता है खुदा मेहरबान होगा जल्द मिलेंगे हम दोनों दिल से दिल लगाकर उड़ेल देंगे इक दूजे को अपना संचित प्यार करके बयां दिल का हर जज़्बात।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #Youme सच है सखी बिरहा में प्रेम पलता है
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी अफसाने सियासी हावी हो रहे है तोड़ कर न्याय अपराधी हो रहे है टूट रहे पैमाने न्याय के फैसले पलटने के अन्याय हो रहे है तेल लेने गये सबूत गवाह मीडिया और बुल्डोजर दलील देकर तबाह कानून कर रहे है दबाबो में है माननीय सियासी लोग अपहरण लोकतंत्र का कर रहे है नही रहा भय मर्यादाओं का लूटतंत्र जैसा माहौल पैदा कर रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #justice अफसाने सियासी हावी हो रहे है #nojotohindi
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी पथों पर अब,अवरोध नजर आते है शान्त हवा में भी तूफान नजर आते है कैसे दम्भ सच्चाई के तोड़े जा रहे है लूट के कानून को अमली जामा पहना कर खुद अरबो की दौलत पा रहे है सूखा कर समुन्दर कलाकारी से कर्ज देश पर आवाम को तरह तरह से सता रहे है आने वाली पीढ़ी के लिये गुलामी के रास्ते तय करते जा रहे है खतरो से जूझेगा अब सबका भविष्य सियासी लोग अब खतरा बनते जा रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #bachpan सियासी लोग अब खतरा बनते जारहे है #nojotohindi
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी हालातो के आगे,झुकना पड़ा रहा है सियासी शोर के आगे गूँगा बनना पड़ रहा है अकाल है इन्सानियत का बाजार में शिकार हमे हैवानियत का बनना पड़ रहा है बड़ी बड़ी बाते है तरक्की पहुचाने की चिराग भी रोशन हमे दिल जलाकर पैदा करना पड़ रहा है बादशाही के कारनामो के आगे हमे खुद को जिंदा रहने का नाटक करना पड़ रहा है उसने तो बेचैनी में फूक कर मुर्दा कर रखा था मगर हम भी तबियत मिजाज है एहसान किसी का कैसा भी हो उधार नही रखते है एक वार वोट फिर दे देने दो चौबीस का तब तक ये मशाल शपथो के तौर पर जलाये रखने दो प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #DiyaSalaai सियासी शोर में,गूँगा बनना पड़ रहा है #nojotohindi
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी घर घर मे आग लगी है ,महँगाई ख़ुशियाँ जलाती है रन विरंगे सपनो का जीवन सियासी होलिका में स्वाह होता जाता है स्वार्थो में जन जन का आनन्द मर गया भार और बोझ,हर त्योहार लगता है मन की सब आजादी मर गयी नाते रिश्ते छिटके जाते है तन्हा तन्हा परिवार हो गये उमंगों और उत्साह ढूढे नही मिलते है सत्ता ने सब हदे मिटाने दी रँग मिजाजी,जीवन पर अब भारी पड़ती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Colors सियासी होली में सब स्वाह हुआ जाता है #nojotohindi