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Ashraf Fani【असर】
उन राहों से आना जाना छोड़ चले हम जिन राहों ने हम दोनों को जुदाई दी थी मस्जिद और मयखाना वाना छोड़ चले हम तोहफे जब दोनों ने हमें रूसुवाई की दी ©Ashraf Fani【असर】 उन राहों से आना जाना छोड़ चले हम जिन राहों ने हम दोनों को जुदाई दी थी मस्जिद और मयखाना वाना छोड़ चले हम तोहफे जब दोनों ने हमें रूसुवाई की दी
Bhupendra Ganjam
_.ShEHer._. shubham Pathak
.. aayega नही चेन तुन्हे रूटने के बाद क़ीमत पता चलेगी tumhe हाथ छूटने के बाद .! है, वक़्त tho अभी माना लो यार को कल केसै बनाओगे साँस टूटने ke बाद..! -.Sheher.- #paper_jugli अब tho वाना लो यार को.
Pandey Sunil 🇮🇳
पत्नी ने पूछा आ जी खाना में बनाउ क्या, मत वैसे खुद के हक को दिखाना था, खाना बन चुका था पहले खुद के ही अनुरूप, खाना वाना पूछना तो बस एक बहाना था।,,,,,,,,,,,, अधूरा skp@basti time pass writting पत्नी ने पूछा आ जी खाना में बनाउ क्या, मत वैसे खुद के हक को दिखाना था, खाना बन चुका था पहले खुद के ही अनुरूप, खाना वाना पूछना तो बस एक बह
Anant Nag Chandan
#FourLinePoetry रूह जिस्म का ठौर ठिकाना चलता रहता है जीना मरना खोना पाना चलता रहता है सुख दुख वाली चादर घटती बढती रहती है मौला तेरा ताना वाना चलता रहता है ©Anant Nag Chandan रूह जिस्म का ठौर ठिकाना चलता रहता है जीना मरना खोना पाना चलता रहता है सुख दुख वाली चादर घटती बढती रहती है मौला तेरा ताना वाना चलता रहता है
Nisheeth pandey
#5LinePoetry मैं डूबाता रहा रोग के भंवर में..... कोई सहारा न बना अपनो की भीड़ में.... ताना-वाना बुनने वालों में मेरा मुक़द्दर भी मजे ले रहा था… गंगा जमुना बहा रहा था आँखों से जो बेजान जिश्म से लिपटकर मेरे ...... कैसे कह दूं कि वही मेरा कातिल है मुँहब्बत कि निगरानी तनी है ............. 🤔निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey मैं डूबाता रहा रोग के भंवर में..... कोई सहारा न बना अपनो की भीड़ में.... ताना-वाना बुनने वालों में मेरा मुक़द्दर भी मजे ले रहा था… गंगा जमुन
Santosh Sagar
उन दिनों हमने फेसबुक का अकॉउंट बनाया था , अचानक एक दिन उनका मेरे पास रिकवेस्ट आया था ..... हमने बहुत पूछा उनसे आप हमे जानती हैं क्या ? फिर भी नहीं किया कुछ अपनी ओर से बयां ! प्रोफाइल को खंघाल कर जानने की बहुत कोशिश की, फिर भी कुछ हाथ नहीं लग पाया मियां !! तीखे नयन और तिरछी नजर का कायल हो गया मैं , उनके व्हाट्सअप नंबर मेरे पास आया तो घायल हो गया मैं ! उसके बाद ताना वाना का सिलसिला सुरु हुआ , उनकी बातों को देख कर पागल हो गया मैं !! धीरे - धीरे बातों से रिझाना चाहा उनको , अपनी हंसी अदाओं से फ़साना चाहा उनको ! हमे कहती कभी पगला , हम भी कहते उन्हें पगली ; पर डर गया मैं यारों जब वो पुलिस वाली निकलीं ! वो बात-बात पर डराना , बात-बात पर धमकाना ; बातों-बातों में रूठना , मीठी बातों से मनाना !! सपने से अचानक जागा तो मैं बहुत जोर से चिल्लाया था , अभी कहानी में कोई मोड़ नहीं आया था .... अचानक एक दिन उनका मेरे पास रिकवेस्ट आया था ..... :- 'साग़र' उन दिनों हमने फेसबुक का अकॉउंट बनाया था , अचानक एक दिन उनका मेरे पास रिकवेस्ट आया था ..... हमने बहुत पूछा उनसे आप हमे जानती हैं क्या ? फि
Pankaj Singh
एक कहानी Caption में लिख रहा हूँ। कहानी का शीर्षक है "देखवकि" उम्मीद करता हूँ आप लोगो को पसंद आयेगी। 👇👇👇 जरूर पढियेगा। "देखवकि" मेरी माँ से पास की आंटी बात कर रही थी, की तोहार बिटिया की खातिर एक ठो लड़का देखा है। बड़ा पैसे वाला घर है , लड़का भी अच्छा कमाता है,
NEERAJ SIINGH
❤..... टीम रंग में भंग मेम्बर्स अपनी रचनाएँ caption में collab करें।शुभकामनाएं🌸🌼 #होलीकेहमजोली #collabwithकोराकाग़ज़ #YourQuoteAndMine Collaborati