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✍️ Mohit Merotha
हर शाम सुहानी नही होती , हर गोपी कृष्ण की दिवानी नही होती । इश्क मोहब्बत महज़ एक झलावा है, क्योंकि हर शख्स की कहानी पूरी नही होती । ©✍️ Mohit Merotha हर शाम सुहानी नही होती , हर गोपी कृष्ण की दिवानी नही होती । इश्क मोहब्बत महज़ एक झलावा है, क्योंकि हर शख्स की कहानी पूरी नही होती । #kavimo
OMG INDIA WORLD
💓 ये मस्त उम्र फिर नहीं आने वाली 💓 💞सभी दोस्तों की समर्पित💞 जब धीरे धीरे उम्र बढ़ जायेगी, इत्र की जगह आयोडेक्स की खुश्बू आयेगी! कहता हूं अब भी मिल लिया करो, ये घडिया पलटकर नहीं आयेगी! अभी तो आंखो में नुर है बाकी फिर खूबसूरती नजर नहीं आयेगी! अभी तो यार चलते है अपने साथ, फिर केवल छड़ी ही नजर आयेगी! सुन लो आवाज दोस्तो की, फिर कानों में मशीन नजर आयेगी! हसलो खिल खिलाकर आज फिर नकली बतिसी ही, झलाक दिखलाएगी! जब दोस्तों बुलाए चले आओ फिर, डॉक्टर से फुरसत न मिल पायेगी! समझ जाओ यारो समझ जाओ, ये मस्त उम्र फिर नहीं आने वाली!! ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD 💓 ये मस्त उम्र फिर नहीं आने वाली 💓 💞सभी दोस्तों की समर्पित💞 जब धीरे धीरे उम्र बढ़ जायेगी, इत्र की जगह आयोडेक
Nisha Dhiman
*स्त्रियाँ*, कुछ भी बर्बाद नही होने देतीं। वो सहेजती हैं।संभालती हैं।ढंकती हैं।बाँधती हैं। उम्मीद के आख़िरी छोर तक। कभी तुरपाई कर के। कभी टाँका लगा के। कभी धूप दिखा के।कभी हवा झला के। कभी छाँटकर। कभी बीनकर। कभी तोड़कर। कभी जोड़कर देखा होगा ना? अपने ही घर में उन्हें खाली डब्बे जोड़ते हुए। बची थैलियाँ मोड़ते हुए। बची रोटी शाम को खाते हुए। दोपहर की थोड़ी सी सब्जी में तड़का लगाते हुए। दीवारों की सीलन तस्वीरों से छुपाते हुए। बचे हुए खाने से अपनी थाली सजाते हुए। फ़टे हुए कपड़े हों। टूटा हुआ बटन हो। पुराना अचार हो। सीलन लगे बिस्किट, चाहे पापड़ हों। डिब्बे मे पुरानी दाल हो। गला हुआ फल हो। मुरझाई हुई सब्जी हो। या फिर तकलीफ़ देता " रिश्ता " वो सहेजती हैं।संभालती हैं। ढंकती हैं।बाँधती हैं। उम्मीद के आख़िरी छोर तक.. इसलिए , आप अहमियत रखिये! वो जिस दिन मुँह मोड़ेंगी तुम ढूंढ नहीं पाओगे...। *स्त्रियाँ*, कुछ भी बर्बाद नही होने देतीं। वो सहेजती हैं।संभालती हैं।ढंकती हैं।बाँधती हैं। उम्मीद के आख़िरी छोर तक। कभी तुरपाई कर के। कभी ट
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
✍️*स्त्रियाँ*, ✍️ कुछ भी बर्बाद नहीं होने देतीं। वो सहेजती हैं।,सँभालती हैं। ढँकती हैं। बाँधती हैं। उम्मीद के आख़िरी छोर तक। कभी तुरपाई कर के। कभी टाँका लगा के। कभी धूप दिखा के। कभी हवा झला के। कभी छाँटकर। कभी बीनकर। कभी तोड़कर। कभी जोड़कर। देखा होगा ना👱♀ ? अपने ही घर में उन्हें खाली डब्बे जोड़ते हुए। बची थैलियाँ मोड़ते हुए। बची रोटी शाम को खाते हुए। दोपहर की थोड़ी सी सब्जी में तड़का लगाते हुए। दीवारों की सीलन तस्वीरों से छुपाते हुए। बचे हुए खाने से अपनी थाली सजाते हुए। फ़टे हुए कपड़े हों ,टूटा हुआ बटन हो। पुराना अचार हो,सीलन लगे बिस्किट, चाहे पापड़ हों,डिब्बे में पुरानी दाल हो। गला हुआ फल हो ,मुरझाई हुई सब्जी हो। या फिर😧 तकलीफ़ देता " रिश्ता " वो सहेजती हैं ,सँभालती हैं,ढँकती हैं। बाँधती हैं। उम्मीद के आख़िरी छोर तक... इसलिए , आप अहमियत रखिये👱♀ वो जिस दिन मुँह मोड़ेंगीं तुम ढूँढ़ नहीं पाओगे...। 🙏 *मकान" को "घर" बनाने वाली रिक्तता उनसे पूछो, जिस घर में नारी नहीं , वो घर नहीं, मकान कहे जाते हैं*🙏 Dedicated to all mothers, sisters n all the respected ladies ... ©Ankur Mishra ✍️*स्त्रियाँ*, ✍️ कुछ भी बर्बाद नहीं होने देतीं। वो सहेजती हैं।,सँभालती हैं। ढँकती हैं। बाँधती हैं। उम्मीद के आख़िरी छोर तक। कभी तुरपाई कर के
N S Yadav GoldMine
⏰जय श्री नारायण हरि⏰ {Bolo Ji Radhey Radhey} कभी भी घमंड न करें :- ⏰ एक बार एक गाय जंगल में घास चरने के लिए गई वह घास बड़े मज़े से घास चर रही थी। घास चरते-चरते वह बहुत अधिक घने जंगल में चली गयी जब उसने अपना सर ऊपर उठा कर देखा तो गाय ने अपने चारों तरफ बहुत अधिक पेड़ घास और काँटों भरे झाड़ देखे। गाय को महसूस हुआ कि वह जंगल में रास्ता भटक गई है। गाय को अपने घर जाने का रास्ता ढूंढ़ते हुए श्याम हो गई। गाय ने सोचा मैं आज घर नहीं जा पाऊँगी पर मेरा मालिक मुझे ढूँढ़ते हुए यहाँ जरूर आ जायेगा गाय यह सोचकर वहीँ पर आराम करने लगी। ⏰ जब गाय आराम कर रही थी तब उसी जंगल में एक शेर अपना खाना ढूंढ रहा था। शेर को खाना ढूंढ़ते हुए गाय बैठी हुई दिखाई दी शेर मन ही मन में कहने लगाआज तो दावत मिल गई है पहले मुझे कभी ऐसा खाना नहीं मिला यह कहकर शेर गाय को खाने के लिए भागने लगा। गाय ने शेर को अपनी तरफ आते हुए देखा और जोर से चिल्लाई-मालिक मुझे बचाओ ⏰ बस यह कहकर गाय वहाँ से भागने लगी आगे- आगे गाय पीछे-पीछे। शेर भागते हुए उसके करीब पहुँचने लगा गाय घबरा गई। गाय भागते हुए बहुत अधिक थक चुकी थी तभी गाय को भागते हुए एक तालाब दिखाई दिया। गाय तालाब की तरफ भागने लगी गाय ने मन ही मन में बोला-तालाब में मैं शेर से बच जाऊँगी ⏰ उसी समय गाय ने तालाब में झलांग लगा दी। शेर ने गाय को खाने के लिए उसी तालाब में झलांग लगा दी। पर गाय ने जिसे तालाब समझा था वह एक कीचड़ भरा कुण्ड था जिसे दलदल भी कहा जाता है। गाय दलदल में धसने लगी और शेर भी दलदल में धसने लगा। शेर आधा धस चूका था और गाय भी आधी धस गई। तभी गाय ने शेर से सवाल किया कि-क्या तुम्हारा कोई गुरु यह मालिक है शेर ने हंसकर जवाब दिया। ⏰ मेरा कोई गुरु या मालिक नहीं है बल्कि मै इस जंगल का राजा हूँ शेर को अपने ऊपर बहुत घमड़ था। इसपर गाय बोली-तुम्हारा कोई मालिक नहीं है पर मेरा तो मालिक है शेर ने घमंड में जवाब दिया-हा हा हा पर हम तो दोनों मरने वाले हैं जब जंगल का राजा ही अपनी जान नहीं बचा सकता तो तुम कैसे अपनी जान बचोगी। गाय ने बड़े गर्व से शेर को कहा-मेरा मालिक अभी आकर मुझे बचा लेगा। जब गाय गर्दन तक डूब गई तो उसका मालिक वहां आ गया और गाय को दलदल से बचा लिया। पर गाय और उसके मालिक ने अपनी जान बचाने के लिए चाहते हुए भी शेर को नहीं बचाया। ©N S Yadav GoldMine #delhiearthquake ⏰जय श्री नारायण हरि⏰ {Bolo Ji Radhey Radhey} कभी भी घमंड न करें :- ⏰ एक बार एक गाय जंगल में घास चरने के लिए गई वह घास बड़े
N S Yadav GoldMine
सांप और मेढकों की कहानी :- {Bolo Ji Radhey Radhey} 🃏 एक बार एक कुएं में गंगदत्त नाम का एक मेंढक रहा करता था। वह उसी कुए में मौजूद अपने रिश्तेदारों से बहुत परेशान था। इसलिए वह एक दिन कुए से बाहर आ गया और सोचने लगा कि अपने रिश्तेदारों से अपने अपमान का बदला किस प्रकारलिया जाये। तभी उसे चलतेचलते एक सांप का बिल दीखता है। 🃏 मेंढक ने सोचा कि मैं इस बिल में रहने सांप को अपना मित्र बनाकर अपने रिश्तेदारों का नाश करवा दूंगा। यह सोचकर वह सांप के बिल के आगे खड़े होकर जोर जोर से कहने लगा- मित्र मैं तेरे द्वार पर तेरा मित्र बनाने आया हूँ सांप ने यह सुन सोचा कि अवश्य ही मुझे फासने के लिए कोई मुझे आवाज लगा रहा है। 🃏 डर के मारे सांप अंदर से ही कहता है-मुझे विश्वास नहीं होता कि एक सांप और किसी दूसरे जिव की मित्रता भी हो सकती है। यहाँ सुनकर गंगदत्त कहता है-तुम्हारा कहना सही है तू मेरा दुश्मन जरूर है, परन्तु मैं अपने रिश्तेदारों से परेशान होकर तुम्हारा मित्र बनने आया हूँ ताकि तुम मेरे साथ रहकर मेरे रिश्तेदारों को खा कर खत्म कर दे। 🃏 यह सुनकर सांप सोचता है कि इसमें मेरा ही फायदा है मैं बिना मेहनत करके मेंढको को खाता रहूँगा। यह सोचकर सांप मेढक से पूछता है- तू कहाँ रहता है? गंगदत्त कहता है- मैं कुए में रहता हूँ तू भी उसी में रहना। 🃏 सांप कहता है-तू तो ऊँची ऊँची झलांग लगा कर कुए में घुस जाता है पर मैं तो बिना पैरों का रेंगने वाला जिव हूँ, मैं कुए में कैसे घुसूंगा? मेढक कहता है-तू इसकी चिंता मत कर मैं किसी तरह तुझे उसमे घुसा दूंगा और धीरे-धीरे तू सभी मेंढकों को खा लेना। 🃏 मेंढक ने किसी तरह सांप को कुए में घुसाया और सांप धीरे-धीरे गंगदत्त के सभी रिश्तेदारों को खा गया। लेकिन सांप सभी मेंढक खाने के बाद गंगदत्त से कहता है- मित्र मैंने तेरे सभी रिश्तेदारों को खा लिया है पर अब मैं कैसे अपना पेट भरूंगा। मेंढक ने कहा-मैं तुम्हारे लिए दूसरे मेंढकों का इंतजाम करता हूँ। 🃏 गंगदत्त मेंढक किसी तरह मेढकों का इंतजाम करके सांप को खिला देता है अगले दिन सांप फिर गंगदत्त को कहता है- अरे मित्र ये मेंढक भी समाप्त हो गए इसलिए तुम और मेंढको का इंतजाम करो। अगले दिन जब गंगदत्त को सांप के लिए भोजन नहीं मिला तो सांप ने उसके पुत्र को ही खा डाला। 🃏 गंगदत्त सांप को अपना मित्र बनाकर बहुत पछताया और अपने पुत्र के मरने का शोक करने लगा। सांप ने कहा–मित्र आज तो मेरी भूक मिट गई तू कल मेरे लिए दूसरे मेंढकों का इंतजाम करना। मेंढक ने सोचा कि एक दिन ऐसा आएगा जब सारे मेंढक समाप्त हो जायेंगे और ये मुझे खा जायेगा। 🃏 यह सोचकर मेढक ने सांप से छुटकारा पाने का एक उपाय सोचा और मेढकने सांप से कहा–तू चिंता मत कर मैं अभी कुए से बाहर जाकर कल के लिए मेढकों का इंतजाम करके लाता हूँ। यह कहकर मेंढक अपनी जान बचाकर वहां से चला जाता है और कभी भी उस कुए में वापिस नहीं आता। कहानी की शिक्षा :-🃏 जो अपने से बलवान शत्रु को अपना मित्र बनाता है उसका अपना ही नुकसान होता है जैसे मेढक ने सांप को अपना मित्र बनाया और सांप उसके पुत्र को ही खा गया। ©N S Yadav GoldMine सांप और मेढकों की कहानी :- {Bolo Ji Radhey Radhey} 🃏 एक बार एक कुएं में गंगदत्त नाम का एक मेंढक रहा करता था। वह उसी कुए में मौजूद अपने रिश्
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{Bolo Ji Radhey Radhey} महाराज आप निश्चिंत होकर सो जाइये अब यहाँ कोई चुड़ैल नहीं है बीरबल जानते थे !! 🎊🎊 बीरबल की चुड़ैल वाली चतुराई :- 👻 एक बार रात के समय अकबर अपनी सभा खत्म करके अपने कमरे में सोने के लिए जा रहे थे। वह सोने के लिए अपने बिस्तर पर लेट जाते हैं और सो जाते हैं। रात में उन्हें अपने कमरे में कुछ आवाजें सुनती हैं अकबर अपने बिस्तर से उठ जाते हैं। उन्हें लगता है कि शायद कोई बिल्ली कमरे में घुस गई है। इसलिए वह दोबारा सो जाते हैं। 👻 सोने के कुछ समय बाद उन्हें फिर से आवाजें सुनाई दी और वे उठ कर अपने कमरे में झाँकने लगे जब वह अपने कमरे में उस जगह गए जहाँ पर वह सोना चाँदी रखते थे तब उन्हें वहां एक चुड़ैल दिखाई दी। 👻 अकबर डर के मारे बेहोश हो गए। जब उन्हें होश आया तब सुबह हो चुकी थी अकबर ने सभी को दरबार में बुलाया और बीरबल से कहा –बीरबल हमने रात अपने कमरे में एक चुड़ैल देखी? बीरबल ने पूछा-महाराज अपने किस जगह चुड़ैल देखी अकबर ने जवाब दिया- मैंने अपने कमरे में उस जगह चुड़ैल देखी जहाँ मैं अपना धन रखता हूँ। 👻 बीरबल बहुत ही होशियार थे बीरबल ने खतरा भांप लिया था। बीरबल उसी स्थान पर गया जहाँ अकबर ने चुड़ैल को देखा था। जब बीरबल ने उस स्थान का जायजा किया तब पता चला कि वहां रखे धन में से कुछ धन गायब है। बीरबल को अब पता चल गया था कि मामला चोरी का है बीरबल ने यह बात किसी को नहीं बताई और अकबर से कहा 👻 महाराज अगर यहाँ चुड़ैल थी तो हम उसको तांत्रिक की मदद से पकड़ लेंगे बीरबल की सलाह से अकबर ने तांत्रिक को बुलाया तांत्रिक अपना काम करके चला गया। लेकिन सबसे मजेदार बात यह है कि बीरबल जानता था कि यहाँ कोई चुड़ैल नहीं है। सिर्फ कोई चोरी करने के लिए कोई चुड़ैल बन रहा है। 👻 बीरबल उस चोर को रंगे हाथ पकड़ना चाहते थे। इसलिए बीरबल ने अकबर से कहा –महाराज आप निश्चिंत होकर सो जाइये अब यहाँ कोई चुड़ैल नहीं है बीरबल जानते थे कि चोर के पास धन खत्म होने पर वह एक दिन यहाँ जरूर चोरी करने के लिए आएगा। कुछ दिन बाद ऐसा ही हुआ चोर दोबारा से चुड़ैल का रूप बनाकर अकबर के कमरे में घुस गया। 👻 बीरबल ने बिना किसी को बताये एक षड्यंत्र रचा बीरबल भी चुड़ैल का रूप बना कर उसी कमरे में बैठ गए जहाँ धन रखा जाता था कुछ देर बाद वहां चोर आ जाता है और चोरी करने के लिए सोने की मोहरे उठाने लगता हैं। तभी बीरबल चुड़ैल का रूप बनाये उसके ऊपर झलांग लगा देते हैं चोर बहुत डर जाता है। चोर जिसने चुड़ैल का रूप बनाया था वह जोर जोर से चिल्लाने लगता है। 👻 जिससे बीरबल का सन्देह सच्चाई में बदल जाता है कि यह कोई चुड़ैल नहीं सिर्फ एक चोर है। बीरबल सोचता है कि अगर सचमुच की चुड़ैल होती तो मुझसे क्यों डरती और चोरी क्यों करती क्योंकि चुड़ैलों को धन की क्या जरुरत है। इस तरह बीरबल चोर को बहुत डराते हैं और जोर जोर से चिलाते हैं – चोर चोर चोर चोर चिलाते हुए वह अपना चुड़ैल का रूप उतार देते हैं। 👻 बीरबल के चिलाते ही सभी नींद से जाग कर धन वाले कमरे जाते हैं और देखते हैं कि बीरबल ने चुड़ैल रूपी चोर को दबोच रखा है सभी डर जाते हैं और सोचते हैं कि बीरबल ने चुड़ैल को पकड़ रखा है तभी बीरबल कहते हैं महाराज यह कोई चुड़ैल नहीं है यह चोर है सभी बीरबल की चतुराई समझ जाते हैं और चोर को रंगे हाथ पकड़ लेते हैं। बीरबल की इस चतुराई से अकबर उन्हें इनाम से नवाजते हैं। ©N S Yadav GoldMine #CityWinter {Bolo Ji Radhey Radhey} महाराज आप निश्चिंत होकर सो जाइये अब यहाँ कोई चुड़ैल नहीं है बीरबल जानते थे !! 🎊🎊 बीरबल की चुड़ैल वाली चतुर