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DR. LAVKESH GANDHI
White LAVKESH GANDHI ©DR. LAVKESH GANDHI #Buraee # #मैं बुरा हूँ #
Poetry-Meri Diary Se
White मैं वही इंसान हूँ, जों आईने जैसा हैँ! प्यार दिखाओगे तो प्यार पाओगे, नफ़रत दिखाओगे तो जल जाओगे! ©ABi Aman #nightthoughts मैं वही इंसान हूँ @#
DR. LAVKESH GANDHI
जिंदगी मैं अपनी ही जिंदगी में मैं अपने हाथों से खुद आग लगा बैठा हूँ फिर क्यों आज रोता हूँ,बिलखता हूँ फिर क्यों दुनियाँ के सामने मैं नादान बनता हूँ छोड़ कर दूर वापस भाग आया हूँ मैं फिर आज इस संसार में ढूंँढता हूँ इधर-उधर क्यों कोई विकल्प नहीं है दूसरा कोई जान कर भी अपनी जिंदगी में आग लगा बैठा हूँ ©DR. LAVKESH GANDHI #Mankadahan # #नासमझ हूँ मैं #
Kiran Chaudhary
खुद हैरान हूँ मैं, अपने सब्र का पैमाना देख कर, तूने याद भी ना किया और मैंने इंतज़ार नहीं छोड़ा। ©Kiran Chaudhary खुद हैरान हूँ मैं..
Kiran Chaudhary
BeHappy तुझको देखा तो फिर किसी को नहीं देखा, चाँद भी कहता रह गया, मैं चाँद हूँ, मैं चाँद हूँ।। ©Kiran Chaudhary मैं चाँद हूँ।। #beHappy
Sangeeta Kalbhor
जहाँ जहाँ से मैं गुजरु मैं एक पुकार सुनती हूँ कोई है यहाँ मुझे समझनेवाला सुनकर मैं सहमीसी जाती हूँ रसोई मेरी ,बर्तन मेरे घर के सारे काम मेरे मैं बस किये और किये ही जाती हूँ कोई है यहाँ मुझे समझनेवाला सुनकर मैं सहमीसी जाती हूँ पति का अपना रौब है बच्चों के अपने शौक है मैं सबको खुश करके थक जाती हूँ कोई है यहाँ मुझे समझनेवाला सुनकर मैं सहमीसी जाती हूँ सबके लिए हूँ मैं काम के लिए हूँ मैं सबकी होकर भी अकेला खुदको पाती हूँ कोई है यहाँ मुझे समझनेवाला सुनकर मैं सहमीसी जाती हूँ..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #outofsight जहाँ जहाँ से मैं गुजरु मैं एक पुकार सुनती हूँ कोई है यहाँ मुझे समझनेवाला सुनकर मैं सहमीसी जाती हूँ रसोई मेरी ,बर्तन मेरे घर के
Ravishankar Nishad
मुझे पता है मैं #Perfect नहीं हूँ पर मैं यकीनन #Original हूँ. ©Ravishankar Nishad मुझे पता है मैं #Perfect नहीं हूँ पर मैं यकीनन #Original हूँ.
Shashikant
ज्यादा चेहरे नहीं हैं मेरे। मैं जो हूँ, वहीं हूँ मैं।। ©Shashikant जो मैं हूँ...। #kklsaurabh #Life
Richa Dhar
कल शाम हवा कुछ मंद मंद सी थी मगर मुझे अंदर तक झकझोर के चली गयी अनायास ही भीतर कुछ शोर होने लगा तेरी यादों की कड़ी आई और आकर गुज़रती चली गयी कोलाहल इतना मच गया भीतर तेरी बातों का के सन्नाटों को चीरती तेरी यादें चली गयी ऐ-हवा अतीत की बातें न याद दिलाया कर मुझे मैं मिट्टी हूँ,और तू बार बार मुझे नम करती चली गयी ©Richa Dhar #chaandsifarish मैं मिट्टी हूँ
writer....Nishu...
मैं भी आज़ाद होना चाहती हूँ हर बंदिशों को तोड़ना चाहती हूँ नहीं आता खुद से बाते करना मगर अब खुद से हर बात कहना चाहती हूँ दूर लगे मंजिल जो कभी उसे सुर्ख़-रू के साथ पाना चाहती हूँ घुट घुट कर रोना सिखाया सबने मगर अब खुलकर हँसना चाहती हूँ ©writer....Nishu... #मैं चाहती हूँ ❤❤