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Divyanshu Pathak
जीवन हमारा शब्दों से भरा है। अपने शब्द, महापुरूषों के शब्द, शास्त्रों के शब्द, मीडिया और शिक्षा के शब्द, समाज के शब्द। कहीं ओर-छोर दिखाई नहीं पडता शब्द जाल का। मार्ग मिले कैसे आगे जाने का। हम कहते कुछ और हैं, करते कुछ और हैं। हर शब्द का अवसर के हिसाब से अर्थ निकालते जाते हैं। चलते जाते हैं। हमारा अहंकार शब्दों के आगे जाने नहीं देता। कहेगे विनम्रता, झुकेंगे भी, हां में हां भी भरेंगे, किन्तु करने में अहंकार भी होगा, रूखापन भी होगा और जरूरत लगी तो टकराव भी हो जाएगा। :💕👨 Good morning ji ☕☕☕☕☕☕☕☕🍫🍫🍫🍫🍉🍉🍉🍉🍎🍧🍧🍧🍎🍎🍎🍎🍇🍇🐒☕🍫🙋🍀☘ : विषय कोई भी हो, मनोदशा वही रहेगी। समर्पण तो बहुत दूर होगा। वैसे भी समर्पण जीवन का सबस
MG official
प्रेम का अर्थ है समर्पण, त्याग और इंतज़ार ©MG official प्रेम का अर्थ है समर्पण, त्याग और इंतज़ार #HeartBreak
paritosh@run
relationship quotes किसी के लिए पूर्ण समर्पित होना मुश्किल नहीं है.. मुश्किल है तो ऐसा व्यक्ति ढूँढना जो उस समर्पण का हकदार हो.. ©paritosh@run समर्पण का हकदार...
आजाद पंछी pcj
Forgive & Forget भाग 2 पिता वो थका हुआ तो है बहुत , पर मुझे हरपल आराम दिया । खुद जहर का घूँट पीकर, मुझे खुशी का जाम दिया ।। मेरे स्कूल की फीस खातिर, खुद के सपनों को दबाया । खुद सदा भूखा रह रह कर , पहले मुझको ही खिलाया ।। प्रशान्त जैन पिता का समर्पण
Ganga Sharan
चलती है गाड़ी उड़ती है धूल, चलते हैं मिस्टर योगी तो खिलते हैं कमल के फूल 💪💪💪💪💪 🤗🤗🤗🤗🤗 ©Ganga Sharan योगी जी का समर्पण
Kavi Himanshu Pandey
धड़कनों से जो धड़कन मिली इस तरह, दिलबरों के दिलों का तर्पण हुआ, बारिशों में जो भीगा ये यौवन तेरा, भीगे भीगे लबों का समर्पण हुआ, ऐसा बरसा वो सावन, बरसता गया, उसमें डूबी जवानी को अब क्या कहें, वो निग़ाहें जो मदहोश कर दें सदा, उन निग़ाहों के चितवन को अब क्या कहें! ........ Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey # भीगे भीगे लबों का समर्पण हुआ...
Nature Lover Asha Khanna
पुस्l कहानी : त्याग और सम्पर्ण की अनूठी मिसाल भारतीयो का जीवन द्वारा- आशा खन्ना यह बात उस समय की है जब सिकन्दर विश्व को जीत लेने का सपना लेकर भारत आया था। सिकन्दर का जन्म पेला में हुआ था। सिकन्दर का पूरा नाम एलेक्ज़ेंडर मेसेडोनियन था । तक्षशिला के राजा आंभीक के आमन्त्रण पर सिकन्दर कुछ दिनों के लिए तक्षशिला में ठहर गया । तक्षशिला एक प्राचीन भारतीय शहर था जो एक उच्च शिक्षा का एक प्रसिद्ध हिन्दू प्राचीन संस्थान था। जो अब उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में है। एक दिन सांयकाल सिकन्दर गांव की तरफ निकल गया। वहाँ एक पंचायत हो रही थी। सिकन्दर पंचो का न्याय देखने वहाँ ठहर गया। पंचायत की कारवाई शुरू हुई। वादी (व्यक्ति) बोला- मैंने प्रतिवादी से एक खेत खरीदा था। हल जोतते समय जमीन के नीचे मुझे एक सोने के सिक्को से भरा घड़ा मिला। मैंने केवल जमीन खरीदी थी, उसके नीचे की सम्पत्ति नहीं। इन मुद्राओं पर प्रतिवादी का अधिकार हैं, मेरा नहीं, किन्तु वह मुहरें लेने से इन्कार कर रहा है। कृपा कर न्याय किया जाए और प्रतिवादी से स्वर्ण मुद्राए लेने को कहा जाए।' आज्ञा पाकर प्रतिवादी बोला'- “मैने जमीन बेच दी। उसमें उगने वाली फसल की तरह उसकी अंतस्थ सम्पत्ति से भी मेरा कोई सरोकार नहीं। उन मुहरों पर मेरा कोई अधिकार नही। वादी से कहा जाए कि वह सारा स्वर्ण अपने पास रखे।" बडी देर विचार-विमर्श के बाद सरपंच ने फैसला दिया। सरपंच बोला "बादी के विवाह योग्य लड़की और प्रतिवादी के विवाह योग्य लड़का है। वादी अपनी लड़की का विवाह प्रतिवादी के लड़के के साथ कर दे और वह सारा स्वर्ण वर-कन्या को उनके जीवन-विकास के लिए प्रदान कर दे। वादी-प्रतिवादी ने पंचायत का फैसला मान लिया और लड़के लड़की का विवाह कर सारा स्वर्ण उनको दे दिया। सिकन्दर चुपचाप यह सारी कारवाई देखता रहा। भारतयों का त्यागपूर्ण जीवन देखकर उसकी आत्मा कह उठी-यह एक गरीब ग्रामीणजन हैं, जो पाए, हुए स्वर्ण को भी अपने पास रखना नहीं चाहते और एक तू है राजा होकर भी दूसरों की धन दौलत छीनने के लिए रक्तपात करता फिर रहा है । धिक्कार है तेरे लोभ और तेरी तृष्ण को । भारतीयों की त्याग और सम्पर्ण की भावना ऐसी है जो कि एक अति महात्वाकांक्षी राजा को आत्म ग्लानि करने पर मजबूर कर देती है। धन्य है भारतवासी और धन्य है उनकी सम्पर्ण की भावना । ©Nature Lover Asha Khanna #airforce भारतीयों का त्याग और समर्पण
Ek villain
एक मां बेहतर जानती है कि उसके शिशु को क्या करना उचित और अनुचित है मां जानती है कि उसके बच्चे को भूख प्यास या नींद आने पर क्या उसे क्या चाहिए शिशु के पास केवल एक ही काम होता है और वह रोना बच्चे का रोना सुनकर मां दौड़ती पड़ती और सही अनुमान लगा लेती है कि वह भूखा प्यासा है उसी के अनुसार सारी व्यवस्था करती है इसी तरह परम पुरुष से मनुष्य के संबंध ©Ek villain मां का समर्पण बच्चों के प्रति