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CalmKazi

Inspired by Harsh Snehanshu's latest. ख़ुदी मेरी आराम कुर्सी पर पसरी नजरें मिलने का इंतज़ार करती है । Read more at #CalmKaziShorts #Hindi #poem #yqbaba #ख्याल #हिंदी #yqdidi #यादें #yopowrimo #calmkaziwrites

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जब भी,
तुम्हारी यादों की दस्तक
मेरे ख्यालों में होती है;

मैं शब्दों को आँगन में,
खेलने भेज देता हूँ ।
क्या पता, वो तुम्हें पसंद आयें । Inspired by Harsh Snehanshu's latest.

ख़ुदी मेरी 
आराम कुर्सी पर पसरी
नजरें मिलने का
इंतज़ार करती है ।

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vibrant.writer

#शामहोनेकोहै पूरे दिन की गोल-गोल जिंदगी के बाद, खुशियों की शाम होने को है । घर के आगे आराम कुर्सी, हाथों में चाय का कप और कुछ धुंधली सी याद #yqbaba #Collab #yqdidi #vibrant_writer #pritliladabar

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पूरे दिन की गोल-गोल जिंदगी के बाद,
खुशियों की शाम होने को है ।
घर के आगे आराम कुर्सी,
हाथों में चाय का कप और 
कुछ धुंधली सी यादें ।
कुछ इसी तरह से हम भागदौड़ भरी 
जिंदगी से कुछ पल अपने लिए चुराते ।
यादों के झरोखे से शाम होते ही वह 
चली आती है । फिर रात सपनों में आकर, 
सीधे ही वह यादों में चली जाती है ।
हां उन्हीं खुशनुमा यादों की शाम होने को है। #शामहोनेकोहै
पूरे दिन की गोल-गोल जिंदगी के बाद,
खुशियों की शाम होने को है ।
घर के आगे आराम कुर्सी,
हाथों में चाय का कप और 
कुछ धुंधली सी याद

Neetu Sharma

मैं और मेरी आराम कुर्सी😊😊😊🤗🤗🤗❤️😍🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑 #nojotoapp#sabdanchal#kavya#nojotohindi#nojotonews#nojotoenglish #Messageoftheday

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#MessageOfTheDay   आराम ही आराम में गुजर रही थी जिंदगी                                                                                          बस ख्वाइशे कुछ अधूरी सी थी                                                                       चेहरे पर थकान' और झुर्रियों से भरा चेहरा'                                                                       वो हाथ पैरों की लड़खड़ाहट,                                                                 सुध बुध खो रहा था ईक कोना'                                                                     वो अलग से पड़ा मेरा बिछोना,                                                                             वो आराम कुर्सी इंतजार में थी,                                             कार्यालय, दफ्तर ' से लंबी अवधि के बाद साथ छूटा उसका,                                                                                मेरे किसी रोज दफ्तर ना आने के इंतजार में' ,,                                                                                   मुझे पुकारती वो                                                                    -"आराम कुर्सी",,!                                                                       फाईलो और दीवारों से बतियाती,                                                                            मेरे रुतबे और शानो-शौकत को दर्शाती                                                                             वो मेरी कोई हमसफ़र                                                                   "आराम कुर्सी"                                                                            अपनों से किसी बात पर नाराज "मैं" >                                                                            गले लगाती वो-                                                                           "आराम कुर्सी"                                                                                 हर सुबह और शाम अखबारों और                                                                               चाय की चुस्की यों के साथ अपनेपन का एहसास दिलाती                                                                                  वो मेरी                                                                                  "आराम कुर्सी"                                                                                    हर शाम दफ्तर से घर वापसी पर                                                जैसे मैं उसकी पीठ थपथपाता और कहता तुम अकेली नहीं हों                                                                               अगली सुबह मैं फिर से मिलूंगा'                                                                  और वो जैसे उदासी को समेटें अपने "दामन" में,,                                                                             मेरे इंतजार में,                                                                                  एक दौर जब रिटायरमेंट का आया '                                            छूटा साथ उस "आराम कुर्सी" का तो मैंने उसे दौड़ कर गले लगाया,,           हां " "मुझे उसका साथ बहुत भाया " और मैं ना बिना किसी से पूछे उसे दफ्तर से घर ले आया !

©Neetu Sharma मैं और मेरी आराम कुर्सी😊😊😊🤗🤗🤗❤️😍🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑
#nojotoapp#nojotoquote#sabdanchal#Kavya#nojotohindi#nojotonews#nojotoenglish
#Messageoftheday

अम्बुज बाजपेई"शिवम्"

बरामदे में आराम कुर्सी पर बैठ कर अखबार हाथ में लिए, मेरे -"अजी सुनती हो"। कहने पर तुम्हारा रसोईघर से ही आवाज़ देना कि -"जी अभी आई"। बस इसी ए #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqtales #youandme #yqhindi #mydreams #unconditionallove

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बरामदे में आराम कुर्सी पर बैठ कर
अखबार हाथ में लिए,
मेरे -"अजी सुनती हो"।
कहने पर तुम्हारा रसोईघर से ही
आवाज़ देना कि -"जी अभी आई"।
बस इसी एक हसरत के खातिर 
तुमसे प्यार किया था।
दरवाजे पर खड़ी गाड़ी में बैठ कर 
तुम्हारा इंतज़ार करते हुए
मेरे -"अभी कितना समय लगेगा"।
कहने तुम्हारा सीढ़ियों से उतरते हुए
सिर पर पल्लू सही करते हुए वहीं से कहना
कि -" बस आ गई"।
बस इसी एक हसरत के खातिर 
तुमसे प्यार किया था।
कभी किसी शाम कमरे में 
तुम्हें बाल संवारते देख
मेरे -" आप बहुत प्यारे लग रहे हैं"।
कहने पर तुम्हारा खुद को शीशे में देख
शर्माना और मुस्कुराते हुए कहना
कि -" आप भी न"।
और मेरे कंधे पर सर रख देना।
बस इसी एक हसरत के खातिर 
तुमसे प्यार किया था। बरामदे में आराम कुर्सी पर बैठ कर
अखबार हाथ में लिए,
मेरे -"अजी सुनती हो"।
कहने पर तुम्हारा रसोईघर से ही
आवाज़ देना कि -"जी अभी आई"।
बस इसी ए

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे "सपनों_का_सौदा आज मैने, ​सपनों का एक टुकड़ा गिरवी रखा, ​और..उधार मे ले ली चंद साँसें, ​ #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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आज मैने,
​सपनों का एक टुकड़ा गिरवी रखा,
​और..उधार मे ले ली चंद साँसें,
​
​दहलीज पर मेरी कराह रही थी जो उम्मीद,
​एक आस के सहारे,
​निहार रही थी एकटक,
​बोझिल पड़ी..ढ़लती पलकों में नैनों को,
​और..कमरे मे रखी आराम कुर्सी पर,
​आराम फरमा रही थी मौत,
​
​बेसुध बैठी थीं जिम्मेदारियाँ,
​पलंग के सिरहाने पर,
​ताक रही थीं रस्ता मेरे नींद से जागने का,
​और..शोर मचा रहें थें रूढ़ियों के गिद्ध,
​मेरा माँस नोचने को, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे

"सपनों_का_सौदा

आज मैने,
​सपनों का एक टुकड़ा गिरवी रखा,
​और..उधार मे ले ली चंद साँसें,
​

Mridul sarraf (kavi raj)

कुछ हसरतों कुछ कहानियों के बीच रिश्ते अक्सर दब जाएंगे, जब कभी जिंदगी में पलटो पन्ने, तो पन्ने-दर-पन्ने बस वो रिश्ते याद आएंगे। . हाँ, कभी हस #Shayari #hindiquotes #कविता #hindipoetry #hindishayari #yqdidi #yqhindi #yqquotes #yqmridul

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उससे ज्यादा ना मैं पाऊंगा और ना ही तुम पाओगे।





(Continue Below ⬇ ) कुछ हसरतों कुछ कहानियों के बीच रिश्ते अक्सर दब जाएंगे,
जब कभी जिंदगी में पलटो पन्ने, तो पन्ने-दर-पन्ने बस वो रिश्ते याद आएंगे।
.
हाँ, कभी हस

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #रिवाज़ आओ...! कुछ देर साथ बैठतें हैं, ​मन के बरामदे मे, ​एक विश्वास की, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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आओ...!
कुछ देर साथ बैठतें हैं,
​मन के बरामदे मे,
​एक विश्वास की,
​आराम कुर्सी पर तुम बैठना,
​एक प्रेम की खाट पर मैं,

​किंतु आने से पूर्व,
अपने ​अहम के स्वेद से लथपथ,
​अपनी रूढ़ियों की कमीज को,
​दिल के कमरे मे,
​समर्पण के दरवाजे के पीछे लगी,
​संवेदना की खूँटी पर टाँग देना,
​ताकि तेरे पुरूषार्थ मे डूबे,
​तेरे गर्व की बू न फैले यहाँ,​​
​ #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे

#रिवाज़

आओ...!
कुछ देर साथ बैठतें हैं,
​मन के बरामदे मे,
​एक विश्वास की,

AK__Alfaaz..

ये प्रश्न सदियों का है...शायद । पूर्ण रचना अनुशीर्षक में🙏 #कौन_हूँ_मै...? कौन हूँ मैं..? ​एक स्त्री...या कुछ और.., ​एक दीवार.., #yqbaba #yqdidi

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कौन हूँ मैं..?
​एक स्त्री...या कुछ और..,
​एक दीवार..,
​जहाँ...कीलें ठुकी हों तमाम,
​जहाँ...निशानों मे दर्द छिपें हैं तमाम,
​जहाँ...गम की सीलन टपकती हो हर रात,
​जो बरसों से अपनी ही हँसती तस्वीरों का,
​बोझ उठाती हो सुबह-शाम..।
​
​कौन हूँ मै..?
​एक बिस्तर..,
​जहाँ...रूह तक में पड़ी हो सिलवटें बेहिसाब,
​जहाँ...तकिए पर सिसकती बूँदें गिरी हों बेशुमार,
​जहाँ...चादरों की तरह तोड़ी-मरोड़ी पड़ी हो जिंदगी,
​जो अपने ही कष्टों पर बिलखती हो,
​सोने और उठने के बाद..। ये प्रश्न सदियों का है...शायद ।
पूर्ण रचना अनुशीर्षक में🙏

#कौन_हूँ_मै...?

कौन हूँ मैं..?
​एक स्त्री...या कुछ और..,
​एक दीवार..,

CalmKazi

वक़्त - सादगी से परे, असंख्य क्षणों में हमारे सम्मुख सुविधा और दुविधा का खेल रचता है । यह ख्वाब ही हैं जो इस वास्तविकता से परे अलग विलीन होते #Dreams #Time #MorningThoughts #Hindi #different #yqbaba #हिंदी #कविता #yqdidi #lullaby #लोरी #calmkaziwrites #QuoteSeries #LullabyTwist #AboutSleep #ThisAgain #ChangingGears

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ले आज मैं देता हूँ,
तुझे एक पल अदायगी का;
लेकिन वापस लेता हूँ तुझ से,
हक़ खुली आँखों का ।।

सो जा ऐ ख्वाब !
तू इतिहास हो चला
मेरी अँगड़ाई तले,
तू बड़ा हुआ ।।

एक मीठा गीत जो,
मैं तुझे सुनाता हूँ ।
आगे यादों से तू बढ़े,
यही मैं चाहता हूँ ।। वक़्त - सादगी से परे, असंख्य क्षणों में हमारे सम्मुख सुविधा और दुविधा का खेल रचता है । यह ख्वाब ही हैं जो इस वास्तविकता से परे अलग विलीन होते

kanchan kushwaha

#झुमका झुमका.... शाम को आँगन में अपनी आराम कुर्सी पर आराम से बैठे 70 वर्ष के रायचंद जी अपनी बीवी के हाथ की चुस्कियां लेते हुए आज पुरानी #nojotohindi #nojotoLove #nojotoenglish #nojotonews

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झुमका... #झुमका
 झुमका....

शाम को आँगन में अपनी आराम कुर्सी पर आराम से बैठे   70 वर्ष के रायचंद जी अपनी बीवी के हाथ की चुस्कियां लेते हुए आज पुरानी
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