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Dr Upama Singh
मान ले जग सारा मोहब्बत का तब्सिरा ख़ुदा का दिया हुआ यह एक अनमोल तोहफ़ा ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "तब्सिरा" "tabsira" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है राय देना, ख़ूबी बताना, समीक्षा एव
Anita Saini
छोड़कर बीच राह में रूह बेचैन दिल मक़बरा कर देते हैं लोग अहदे वफ़ा के नाम पर ऐसे मोहब्बत का तब्सिरा देते हैं लोग ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "तब्सिरा" "tabsira" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है राय देना, ख़ूबी बताना, समीक्षा एव
Ashok Mangal
आज-कल तब्सिरा देने का चल निकला है रिवाज़ ! गूगल करके भी लोग तब्सिरा देने से आते नहीं बाज़ !! (तब्सिरा = सलाह) ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "तब्सिरा" "tabsira" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है राय देना, ख़ूबी बताना, समीक्षा एव
Vedantika
तब्सिरा देते फिरते हैं दुनिया के लोग तमाम, हमने जो मर्ज़ बताया ज़माना चारासाज़ हो गया। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "तब्सिरा" "tabsira" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है राय देना, ख़ूबी बताना, समीक्षा एव
Sweetu Singh
!!हम बनारसी है साहब!! !!''इज्जत दोगे तो "!! !!इज्जत मिलेंगी😎!! !!वरना बदतमीजी में तो!! हमने पी.एच.डी. हासिल की है #बनारसी...
Shailesh raj upadhyay
हम बनारसी😎 है और साला जब हम बनारस की गलियों में नहीं उलझे तो तेरे प्यार😘 में क्या उलझेगे #####हर हर महादेव##### बनारसी
Raone
बनारसी प्रेम गुलाब सूखा हो चाहे ताज़ा, तुम्हें हरवक्त बनारस याद दिलायेगा । क्षणभर के लिए हीं सही, पर आँखों को ज़रूर नम कर जायेगा ।। जब-जब बन्द करोगे तुम अपनी आँखें, ज़ेहन में बस इक हीं खयाल मंडरायेगा । काश की लौट आता फ़िर से बनारस का पल, और दिल फ़िर से बनारसिया बन यूँ हीं पगलायेगा ।। राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी बनारसी प्रेम
नूर
इक फलक पर जल्वागर प्रकाशमान, सुशोभित था इक जी पर नूर बार रोशन चॉद दो थे और दोहरी चाँदनी कल रात को नज़ीर बनारसी !
Nitya Singh
एक बनारसी प्रेमिका अपने प्रियतम से - चल मेरे साथ तुझे बनारस की सैर कराते हैं , शमशान की जलती बुझती राख मलकर चल साथ में धूनी रमाते हैं । घाट की सीढ़ियों पर बैठकर चल मन का मंजीरा बजाते हैं, ठहर तो जरा देख ......वो ढलता हुआ सूरज कैसे लहरों को अपने ओर लिए जा रहा है ....इसी तरह चल तुझे भी अपनी ओर लिए जाते हैं । तन बनारस... मेरा मन भी बनारस... पान, चाय ,चिल्लम और तुम .....बस और क्या चाहिए मुझे ....चल इसी खुशी में धुआँ उड़ाते हैं । आज की शाम सुहागन और रात बंजारन है चल ना इश्क़ का जाम चढ़ाते हैं । #बनारसी इश्क़