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Ravendra
Expressive ladki
पकड़े जाने पर स्त्री पर हाथ उठाया गया क्योंकि अच्छे घर की लड़कियां प्यार के चक्कर में नहीं पड़ती , लेकिन अच्छे घर के पुरुष को शोभा देता है अपने घर की स्त्री पर हाथ उठाना !! ©Expressive ladki एक सवाल का जवाब चाहते हैं हम आपसे - जिस प्यार ,मोहब्बत और प्रेम पर लिखी गई हजारों - लाखों कविताएं , जिस पर चर्चित फिल्मों को देखा गया दिल स
Ravendra
M.k.kanaujiya
इतनी भी क्या जल्दी थी क्या कुछ दिन और नहीं रुक सकते थे? ***** मेरा यहां मन नहीं लगता है, जल्दी जाना है, ***** ये बात तो सिर्फ बहाना था, ***** सच तो ये था कि उसे अपने जिम्मेदारियों का बोझ उठाना था, ***** वरना कौन चाहता है अपने मां बाबा से दूर रहना ***** 🥹🥹 ©सुनहरे पल #इतनी भी क्या जल्दी थी क्या कुछ दिन और नहीं रुक सकते थे? ***** मेरा यहां मन नहीं लगता है, जल्दी जाना है, ***** ये बात तो सिर्फ बहाना था, ***
Manya Parmar
Sangeeta G
ना मिले तेरी जिंदगी में कभी गम ना उठाना पड़े तुम्हे कभी सितम दुआ है कि जल्द मिले तुम्हे एक दुल्हन जिसका वेट ना हो 200kg से कम ©Sangeeta G ना मिले तेरी जिंदगी में कभी गम ना उठाना पड़े तुम्हे कभी सितम दुआ है कि जल्द मिले तुम्हे एक दुल्हन जिसका वेट ना हो 200kg से कम #funnys
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- दिल किसी से लगाना बुराई नहीं । चाहतें दिल से उसकी मिटाई नहीं ।।१ कोई तुमसा यहाँ हरजाई नहीं । बाजी घर में मेरे शहनाई नहीं ।।२ रात दिन इश्क़ में कर दिया एक था । जख्म़ ऐसा मिला की दवाई नहीं ।।३ अब कभी भी मिले वो तुम्हें बेवफ़ा । थाम उसकी कभी तू कलाई नहीं ।४ हो रहे कत्ल ए आम देख लो प्रेम से । हाथ खंज़र उठाना भलाई नहीं ।।५ दाग दिल के नहीं तुम धुले हो कभी अब किसी काम की यह सफाई नहीं ।।६ है सुना जबसे उसकी नज़र है बुरी । देख हमने नज़र फिर मिलाई नहीं ।।७ दिल लिया है तो जान भी माँग लो । चीज यह सब तुम्हारी पराई नहीं ।।८ मान लो बात तुम अपने परिवार की । ऐसी तुमको मिलेगी भौजाई नहीं ।।९ बात करना वही जिसके सिर पैर हो । झूठ की हमने आदत बनाई नहीं ।।१० जान से भी ज्यादा चाहता हूँ तुम्हें । बात ये और है की बताई नहीं ।। ११ की दुआ है सदा हर खुशी के लिए । बद नज़र हमने तुझ पर उठाई नहीं ।।१२ इस तरह मत चलाओ प्रखर हुक्म अब । दोस्त हूँ मैं तुम्हारा लुगाई नहीं ।।१३ ०२/११/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- दिल किसी से लगाना बुराई नहीं । चाहतें दिल से उसकी मिटाई नहीं ।।१
Deepak Mubarakpuri
भूली बिसरी राहें गुजरी , जिम्मेदारी कंधो पर निखरी, आना जाना , उठाना बैठना , गाना शोर , शराबा रंग। यारी जिम्मेदारी अपनी , करती चलती रास्ते भर तंग , नया डगर है , नया असर है , बहता नीर किनारों संग।। ©Deepak Mubarakpuri #standAlone भूली बिसरी राहें गुजरी , जिम्मेदारी कंधो पर निखरी, आना जाना , उठाना बैठना , गाना शोर , शराबा रंग। यारी जिम्मेदारी अपनी , करत
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
क़लम का काम हैं लिख़ना, वो तो ब़स वहीं लिखेगी, जो आपका दिमाग़ लिख़वाना चाहेंगा , सत्य-असत्य,अच्छा- ब़ुरा अपना या फिंर पराया I निर्जींव होते हुए़ भी , सजींवता क़ा आभास क़राती हैं सब़को, भावनाये,विवेक़,विचार सब़ तो आपकें अधीन हैं ये कहां कुछ़ समझ पाती हैं I ब़हुत सोच समझ़़ क़र उठाना यें क़लम, ये स्वय का परिचय नही देती ये देती हैं परिचय आपकें, बुद्धि, विवेक़ और संस्कार क़ा I ©Ankur Mishra #कलम_चरित्र क़लम का काम हैं लिख़ना, वो तो ब़स वहीं लिखेगी, जो आपका दिमाग़ लिख़वाना चाहेंगा , सत्य-असत्य,अच्छा- ब़ुरा अपना या फिंर पराया I