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Amit Rawat

हुनर और हालात 

चीथड़ों में लिपटा सड़क किनारे बैठ वो जो गा रहा था ,
दर्द अपने दिल का सुरो में पिरो कर सुना रहा था ।

लेकिन ये हुनर न देखा किसी ने उसका "आवर्त",
चंद सिक्के गिरा गए लोग उसके हालात देख कर  #हालात #हुनर #आवर्त

Amit Rawat

दोस्तो का साथ कुछ इस कदर हो गया है "आवर्त",
जिस कदर आसमाँ में तारे दिखते तो है,पर मिलते नहीं। #दोस्त #याद #आवर्त #friendshipday

Pushpvritiya

सारणी बनाएं....... जिनमें प्रेम और ज्ञान की हो दो तालिकाएं...... फिर बिंदुओं का संकलन कर अंकन करें............. गृहकार्य है अवश्य करें... #selflove #विचार

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यह तथ्य कभी समझ आया नहीं कि...............

 स्वउदर कष्ट दे             
                     किन्ही की आयु कैसे बढ़ाई जाती है.....
               स्वकंठ पिपासित कर
                                   स्तुतिगंग कैसे बहाई जाती है.........

सोचा यह सब "ज्ञान" नहीं.....

तो जो "ज्ञान" नही
 विवेक से परे हो जो
                    जहां तर्क अमान्य हो......
                   उन्हें "प्रेम" की तालिका में अंकित कर दे.........

©Pushpvritiya सारणी बनाएं.......
 जिनमें प्रेम और ज्ञान की हो दो तालिकाएं......
 फिर बिंदुओं का संकलन कर अंकन  करें.............
गृहकार्य है अवश्य करें...

Cpvishal Phophse

चपला पूरी नगर सारणी। का मैं करता रूप बखान। सतपुड़ा के अग्रभाग में। बाबा मठारेश्वर है पहचान। सारनी म. प्र. #nojotophoto

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 चपला पूरी नगर सारणी। का मैं करता रूप बखान। सतपुड़ा के अग्रभाग में। बाबा मठारेश्वर है पहचान। सारनी म. प्र.

Kishan Dahiya

बोलो सारणी कह दो कह दो थारे मन री बात माता के दोहरे मन की बात कौन सी धारा में राज जिओ #happynewyear2023 #tarening #foryou #nojotahindi Niaa #समाज

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Raj 94myfm

उपयोगी जड़ी बूटियों झाड़ियों एवं वृक्षों की कमी के कारण कतिपय स्थानों पर सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। ऐसे स्थानों पर वनस्पति के नाम पर

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उपयोगी जड़ी बूटियों झाड़ियों एवं वृक्षों की कमी के कारण कतिपय स्थानों पर सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। ऐसे स्थानों पर वनस्पति के नाम पर

Rakesh frnds4ever

#उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनि #जीवन #मनुष्य #दुनिया #ज़िन्दगी #ज़िन्दगी #रिश्तों #धरती #AdhureVakya

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उलझन इस बात की है कि   हमें .......उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
दुनिया के झमेले की या  मन के अकेले की
पैसों की तंगी की 
या जीवन कि बेढंगी की
रिश्तों में कटाक्ष की 
या फिर किसी बकवास की
दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की
अपनी व्यर्थता की 
या ज़िन्दगी की विवशता की
खुद के भोलेपन की 
या फिर लोगो की चालाकी की
अपनी खुद की खुशी की 
या दूसरों की चिंता की
खुद की संतुष्टि की
 या फिर दूसरों से ईर्ष्या की
खुद की भलाई की
 या फिर दूसरों की बुराई की
धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की
मनुष्य की कष्टता की
 या धरती मां की नष्टता की
मानव की मानवता की 
या फिर इसकी हैवानियत की
बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की
प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,,
विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की
बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की
,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों
 या उनके समस्याओं या समाधानों 
या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,,
की हम किस बात की उलझन है..==...........

rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,,
हमें ......
उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी #मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
#दुनि

आलोक कुमार

आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त

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बस यूँ ही चलते-चलते .........
जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त

Raj

# इंसान की सफलता की# #विचार

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Anuj Ray

# खुशबू की चरित्र की" #कविता

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