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Neelam Modanwal
🙏 मेंरी छंद की अवधारणा 🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा.. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी. फूल से फल तक मधुर मकरंद की अवधारणा.. जीव ईश्वर का अनाविल नित्य चेतन अंश है. द्वन्द से होती प्रगट निर्द्वन्द की अवधारणा.. एक रचनाकार तो स्थितप्रज्ञ होता है उसे आँसुओं में भी मिली आनंद की अवधारणा.. प्यार से ही स्पष्ट होती है, अघोषित अनलिखे और अनहस्ताक्षरित अनुबंध की अवधारणा.. प्रेम में सात्विक समर्पण के सहज सुख से पृथक. अन्य कुछ होती न ब्रम्हानंद की अवधारणा.. मुक्तिका मेरी पढ़ी हो तो निवेदन है लिखें क्या बनी सामान्य पाठक वृन्द की अवधारणा.........✍️ प्लीज़....... 🙏🙏 ©Neelam Modanwal 🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी.
Vandana Rana
लोगों की किसी भी विषय पर अपनी एक अलग अवधारणा होती है, किसी का भी गलत आंकलन करने की अपेक्षा उनके विचार पर भी गौर करें! ©Vandana Rana लोगों की किसी भी विषय पर अपनी एक अलग अवधारणा होती है किसी का भी गलत आंकलन करने की अपेक्षा उनके विचार पर भी गौर करें!
Santosh yadav
Ravi Sharma
अब जो हम चलते हैं तो, तुम कारवां देखना हर हाथ में होगी मसाले तुम उजाला देखना नभ ढका होगा हमारे पांव की धूली से अब आंख में अंगारों की जलती तुम आभा देखना मंजिलों को है गुरूर अपनी बुलंदी का रवि अब रवानी ए सफ़र का तुम तो माद्दा देखना है हमारी हसरतों में चांद तारे जब्त सारे होगा मुठ्ठी में हमारे, तुम ज़माना देखना।। ।। रवि ।। ©Ravi Sharma अब जो हम चलते हैं तो, तुम कारवां देखना हर हाथ में होगी मसाले तुम उजाला देखना नभ ढका होगा हमारे पांव की धूली से अब आंख में अंगारों की जलती त
Rishika Srivastava "Rishnit"
MK Sharma
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
बोटी लेकर मुझे,तुझको बकरा देना पड़ा, तेरी इमदाद का यहां तक हिसाब देना पड़ा//१ रसुकात में कुछ तो जहर घुलना था लाज़िम, तेरी साजिशों को कुछ तो दोआब देना पड़ा//२ मेरे सब्र का इससे ज्यादा क्या इम्तेहान होगा, के बेईमानो को मुझे दोबारा हिसाब देना पड़ा//३ हरेक अफ़राद ए दश्त में,थे जहरीले खंजर, मुझे हरे अफ़राद को कोई न कोई ख़िताब देना पड़ा//४ कमदिल,कमजर्फ, सरकाश का इतना दबाव था,के किसी का हिस्सा,किसी और को जनाब देना पड़ा//५ "शमा"कहा तक रखती जब्त का माद्दा,बतोरे सुखन मे बददयानतो को जवाब देना पड़ा//६ #shamawritesBebaa ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #raindrops #nojoto बोटी लेकर मुझे,तुझको बकरा देना पड़ा,तेरी इमदाद का यहां तक हिसाब देना पड़ा//१ रसुकात में कुछ तो जहर घुलना था लाज़िम,तेरी स
Divya Joshi
Ravendra
Ravendra