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Deepika Nagpal
किसी ने कोशिश की, हमारा हर ग़म अपनाने की, पर ख़ुशी की आदत ही नहीं हमें, जालसाज़ी समझी हमने फिरसे ज़माने की ।। जालसाज़ी #yqbaba #yqdidi #jaal #zamana #gam #khushi #yqfarmaish
yogesh atmaram ambawale
लोग चाल चलते हैं कामयाब होते हैं, हम अपनी चाल नहीं बदलते नाकाम रहते हैं|😔 जालसाज़,चालबाज लोगों की दुनियां में हमारी सही चाल अक्सर हमें पीछे खड़ा कर देती है.. #yqhindi #yqdidi #yqspirituality #जालसाज़ी #चालबाजी #हिं
#maxicandragon
जालसाज़ी का पैंतरा भी वो न खेल सके ढंग से खोद लाए अब्दुल खुद को खोद खुद की कब्र से चूक हो गई जरा सी के रंग कफन का क्या? वो दफन कर आए खुद को कफन केसरी रंग से #Saazish #साजिश #तट #लाशें #Sadharanmanushya ©#maxicandragon जालसाज़ी का पैंतरा भी वो न खेल सके ढंग से खोद लाए अब्दुल खुद को खोद खुद की कब्र से चूक हो गई जरा सी के रंग कफन का क्या? वो दफन कर आए खुद
#maxicandragon
जालसाज़ी का पैंतरा भी वो न खेल सके ढंग से खोद लाए अब्दुल खुद को खोद खुद की कब्र से चूक हो गई जरा सी के रंग कफन का क्या? वो दफन कर आए खुद को कफन केसरी रंग से #Saazish #साजिश #तट #लाशें #Yamuna #Sadharanmanushya ©#maxicandragon जालसाज़ी का पैंतरा भी वो न खेल सके ढंग से खोद लाए अब्दुल खुद को खोद खुद की कब्र से चूक हो गई जरा सी के रंग कफन का क्या? वो दफन कर आए खु
माही|Maahi
"वक्त सबका गवाह है, इस तरह ये भी तो एक खुदा है..!" - माही | Maahi ©Kumar Mohit - Maahi ✍️👍💛 आज खामोश रह पगले कल तेरा लिए भी शोर होगा जिन्हें आज देखना पसंद नहीं, तू कल उनके ख्वाबों में घनघोर होगा ये बड़ा जालसाज़ है साहब, आज सबर
Vineet Sharma
"अंतर्दृष्टि" (17/04/19 - 19/04/19) कल गिरे तेरे शहर में ओले, जमकर हुई वृष्टि, घटित वो शाम याद आई, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| वो ही हमारी शुरुवात थी, वो शामें जालसाज़ थी, सुहावनी थी झर-झर बरसती वृष्टि, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| छलक पड़े आँसू, टपकती बूंद कह गई मुझसे हमारी कहानी, इक-इक पल जो बीते बरस रहे थे संग उस वृष्टि, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| यायावर सा भटक रहा ये मन, रिमझिम फुहारों के संग, मटरगश्ती हर साँझ की याद दिला रही थी वो वृष्टि, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| लालसा तुम्हें पाने की कभी न होगी कम, मोक्ष का द्वार तुम ही हो हमदम, प्रेरणा बन चल दिए छोड़ गए अनगिनीत पलों की वृष्टि, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| अंतहीन दास्तान का भी अंत हुआ, 'प्रेमासक्त' बन ये ज्ञात हुआ, मोह हो तुम और माया है ये वृष्टि, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| "अंतर्दृष्टि" (17/04/19 - 19/04/19) कल गिरे तेरे शहर में ओले, जमकर हुई वृष्टि, घटित वो शाम याद आई, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| वो ही हमार
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
❤️विवाहित स्त्री से प्रेम ❤ जब प्रेम हो जाता है इक विवाहित स्त्री से याद रखना पड़ता है उसके पति के घर आने का वक़्त गिननी होती है उसके कुकर की सीटियाँ देखना होता है दाल बातों के दरम्यान गली या नहीं ध्यान रखना होता है उसने चूल्हा बंद किया या नहीं उसके परिवार का ख़याल करना होता है पूछना पड़ता है हर रोज़ कैसा है उसका बेटा ? लिखनी होती हैं कई मैसेज रातें जगकर बताना पड़ता है प्रेम लिख-लिखकर उसकी बुझी हुई आँखों में झाँकते हुए कई शाम रात गुज़ारनी पड़ती है उससे प्रेम निश्छल है आपका। उसकी पसंद-नापसंद देर तक सुनना होता है उसके लिए उसका गुलाब बनना पड़ता है उसके झुमकों पर ज़ुल्फ़ सा ढ़लना होता है उसके पति पर उसकी झुंझलाहट का ना चाहते हुए भी सब दर्द सुनना पड़ता है देखने पड़ते हैं उसके ज़ख़्म, उसके घाव रो-रोकर उनपर मरहम होना पड़ता है उसे तब चूमकर अपनी बाहों में भरना होता है उसकी आँखों में झाँककर बताना पड़ता है कि उसके पास हमेशा है आप। उसके दुःख पर उसको चुप समझाना होता है बताना होता है- आप हमेशा उसके साथ है उसकी सास की बेतुकी रंज़ भरी बातों से ननद-भौजाई की जालसाज़ी साज़िशों से उसका ध्यान बिलकुल हटाना होता है उसको समझाना होता है अपना प्रेम उससे उसकी नाराज़गी में उसे हँसाना होता है उसके मौन पर उससे सवाल करने पड़ते हैं उसे बड़े प्यार से बुलाना होता है अपने क़रीब यक़ीन दिलाना होता है उसको कि- प्रेम हो जाता है इक बेहद प्यारी विवाहित स्त्री से... आप इस पर अवश्य सोचें। जरूरी नहीं कि मेरी सभी बातें ठीक हों। कौन दावा कर सकता है सभी बातों के ठीक होने का। ऐसा मैं सोचता हूं, वह मैंने कहा। उस पर सोचना। हो सकता है कोई बात ठीक लगे, तो ठीक लगते ही बात सक्रिय हो जाती है। न ठीक लगे, बात समाप्त हो जाती है। अगर इसे लेकर मन संदेह है तो आप तर्क कर सकते है मैं कोई उपदेशक नहीं हूं। मुझे जो ठीक लगता है, वह कह देता हूं, निवेदन कर देता हूं। मैं शून्य हूँ ©Ankur Mishra ❤️विवाहित स्त्री से प्रेम ❤ जब प्रेम हो जाता है इक विवाहित स्त्री से याद रखना पड़ता है उसके पति के घर आने का वक़्त गिननी होती है उसके कुकर