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Dr Om Saa
"बैठ जाते थे अपने पराये सब बैलगाड़ी में, पूरा परिवार भी ना बैठ पाए उसे तू कार कहता हैं...।" गाँव की यादें😐
Kunwar Faisal Chauhan
गांव की मीठी यादें लेकर में शहर आया हु में अपने हमदर्दों को पीछे छोड़ आया हूँ यहां तो सब अपने मतलब की बात करते हैं बेमतलब फिक्र करने वालो से में किनारा कर के आया हु गाँव की मीठी यादें
Abhi Singh
#5LinePoetry आज भी याद हैं 🏘गाँव की मिट्टी🏘🏘 📝कागज की वो चिट्टी📝 🏚घर थे कच्चे, पर 🙏लोग थे, सच्चे🙌 🏜आज भी याद है।🏞⛺⛺⛺कुछ ख्वाब लिये आँखों मे,🏪 छोड़े थे,गाँव को ⛺⛺⛺⛺ 🌁आज ख्वाबों को छोड़कर 🚈🚈🚈लौटे हैं। गॉव,🏘🏘 आज भी याद है।🚔🚔🚔🙌🙌 ©Abhi Singh गाँव की यादें 🏡🏡
moh (Manjari)
लगी है भीड़ शहरो में ।खाली पड़े हैं गाँव ।।अब कहाँ वो सावन के झूले ।अब कहाँ वो नीम के पेड़ की छाँव।। गाँव की यादें # मंजरी की कलम से
Neelam Rawat
यादें तो तुझे भी आती होंगी ओ राही कढ़ी धूप में छाँव की,, लौट के आजा रे मुसाफ़िर तुझको बुलाती राहें तेरे गाँव की।। ©नीलम रावत #यादें #गाँव
विनोद "साँवरिया"
खेत की पुरानी पगडंडियों पे जिन्दगी की सीली सीली एक पुरवाई छोङ आये हम। यौवन के घट की रवानी को सम्भाले हुए, एक बलखाती तरुणाई छोङ आये हम। जीविका की खोज में मुढेर वाली धूप और, आम की सुहानी अमराई छोङ आये हम। अँखियों में मीठे-मीठे सपने सुहाने लिये, प्यार की अनूठी अँगडाई छोङ आये हम। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ - विनोद साँवरिया गाँव की सुहानी यादें घनाक्षरी के साथ।