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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ... लोग माँ की कर रहे हैं अर्चना । सुन रही हैं मातु सबकी वंदना ।। और हठ बैठे किए कुछ भक्त हैं । मातु पे सुत का सदा अधिकार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है..... मातु सेवा में लगा दी पीढियाँ । चढ़ रहे हम भक्त सारे सीढियाँ ।। उन पहाड़ों पे करे माँ वास है । सुन रही वो भक्त की दरकार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.... गीत गाकर आज बंदनवार कर । मातु का अब भोग भी तैयार कर ।। आ गई हैं कर सवारी सिंह की । अब उन्हीं की हर तरफ जयकार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.... मोह माया छोड़ माँ के द्वार चल । फिर न मौका ही मिलेगा सोच कल ।। भूल तेरी आज हो जाये क्षमा । कष्ट से होते वही उद्धार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। १०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ...
Ravindra Singh
हे माँ भवानी हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी । मुझको बुलाया तेरे दर पर , दिया आशीर्वाद तेरा बेटा समझ कर । उठाया ज़मीन से ,इस लायक़ बनाया , ज़रूरतें हुई पूरी, माँ तूने रास्ता दिखाया । टूट गया था एक रोज़ मैं माँ , थे दरवाज़े सभी के, मेरे लिये बंद यहाँ । एक तू ही थी जो मेरे साथ खड़ी थी , थामी मेरी अंगुली जब मेरी कठिन घड़ी थी । तेरा उपकार माँ मैं सदैव याद रखूँगा , तेरे बुलाने पर तेरे दरबार आऊँगा ,मैंने है ठानी । हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा, दिल की बात मेरी जानी । ©Ravindra Singh #navratri हे माँ भवानी हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी । मुझको बुलाया तेरे दर पर , दिया आशीर्वाद तेरा बे
Ravindra Singh
माँ दुर्गा माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना । हो भूल तो अपने हाथों से दंडित करना मुझे , न करना ख़ुद से दूर कभी, क़सम है मेरी तुझे । हर चीज़ सह सकता हूँ , पर तेरा रूठना नहीं । मेरे लिये तू कोई मूर्ति नहीं , मेरी जीती जागती माँ है । तू सुनती है मेरी हर बात , तू मेरा सारा ज़हान है । तेरे दरबार में बातें करते हुए तुझ से , जैसे मैं सुकून के समंदर में चला जाता हूँ । तू भी नहीं ऊबती मेरी बातों से , तो मैं भी घंटों तुझसे बातें बतलाता हूँ । तू बेशक मुख से नहीं देती उत्तर , हर प्रश्न का उत्तर तेरे अहसास से मैंने जाना । माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना । ©Ravindra Singh #navratri माँ दुर्गा माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना ।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- द्वार माँ के आ गया हूँ आज सुनकर वंदना । दीप मन में जल गये हैं मातु की कर साधना ।। ज्ञान की देवी तुम्हीं हो दिख रहा संसार में । शीश सबके झुक रहे है आज तो दरबार में ।। हो कृपा सब पर यहाँ सब कर रहें.हैं अर्चना । द्वार माँ के आ गया हूँ..... हाथ पुस्तक और वीणा मातु तू है धारती । ज्ञान देकर आप जन को माँ सदा ही तारती ।। दूर हो जाता तिमिर जब भक्त करता कामना । द्वार माँ के आ गया हूँ ... माघ तिथि की पंचमी को मातु जन्मोत्सव हुआ । है खुशी की ये लहर सब भक्त करते हैं दुआ ।। मातु छवि मन मे बसाकर कर रहे हम कल्पना । द्वार माँ के आ गया हूँ ...। द्वार माँ के आ गया हूँ आज सुनकर वंदना । दीप मन में जल गये हैं मातु की कर साधना ।। १४/०२/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- द्वार माँ के आ गया हूँ आज सुनकर वंदना । दीप मन में जल गये हैं मातु की कर साधना ।।
Jaggi Charuta
pramod malakar
Shree Ram चलो हम दिव्य दरबार चलें, श्री राम के हम द्वार चलें। चलो हम अयोध्या हर बार चलें।। श्री राम हमारा स्वाभिमान है, माता - पिता का सम्मान है। भारत का अभिमान है।। श्री राम जीवन की रीति है, सनातन की नीति है। श्री राम भारत का संस्कृति है।। श्री राम प्राण है संस्कार का, दंड है अत्याचार का। श्री राम पैगाम है भारतीय सदाचार का।। चलो हम श्री राम के साथ चलें, चलो हम सब सत्य के साथ चलें। श्री राम के हम द्वार चलें। चलो अयोध्या हम हर बार चलें।। ##################### गीत - प्रमोद मालाकार....26.01.20 ©pramod malakar #चलो हम श्री राम के दरबार चलें...
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
बैरवे छन्द :- १२,७ पर यति जग में प्रभु का ही है, सुंदर नाम । करते हैं हम सब ही, नित्य प्रणाम ।। प्रेम अटल है प्रभु का, जन-जन हेतु । छुपा नहीं रहस्य अब , कहता सेतु ।। चलें भक्त रघुनंदन के, अब दरबार । माता सीता देंगी, अब उपहार ।। करो कृपा भक्तों पर , हे रघुनाथ । बैठे हैं हम सारे , है नत माथ ।। दसों दिशाओं में है , ये गुणगान । सुन अवध विराजेंगे , अब भगवान ।। भक्त सभी जपते हैं ,जय सिय-राम । होगी प्राण प्रतिष्ठा , रघुवर धाम ।। १७/०१/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR बैरवे छन्द :- १२,७ पर यति जग में प्रभु का ही है, सुंदर नाम । करते हैं हम सब ही, नित्य प्रणाम ।। प्रेम अटल है प्रभु का, जन-जन हेतु ।
AARPANN JAIIN
ऊँचे आसमान में, पंखों में चुराया रंग रूपी मस्तिष्क। छोटी सी दिल की धड़कन, तेज रफ्तार से, फिरता है आसमान में, जैसे सपनों का सफर। गति से चलता, हर रास्ता है उसका, अनछुए सपनों का दरबार। आसमान में आज़ाद, बजाता है उसका गीत, है ये विचारों का श्रृंगार। ©Arpan Jain #swiftbird #Freedom #freebird #Freedom #Life #Life_experience #flyhigh ऊँचे आसमान में, पंखों में चुराया रंग रूपी मस्तिष्क। छोटी सी दिल की
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
आज राम दरबार में , आते दिखे जटायु । राम कृपा से ही हुई , सुन लो इतनी आयु ।।१ राम काज में लग्न अब , दिखता है संसार । राम-राम में रम गया , शिव का भी परिवार ।।२ जीवन में संघर्ष ही , आयेगा सुन काम । इसीलिए कहते सभी , करो नही आराम ।।३ देव लोक है देखता , आज अयोध्या धाम । जहाँ विराजेंगे पुनः , सुनो सिया वर राम ।।४ जग के माया मोह में , भूल गये श्री राम । छोड दिए वैकुण्ठ वह , जो तेरे ही नाम ।।५ वह तो पालन हार है , करे नहीं विश्राम । तू क्यों प्राणी भूलता , फिर अब उनका नाम ।।६ तन-मन सब अर्पण किया , जाते क्यों हो भूल । पग-पग मेरी राह में , विछा रहे हो शूल ।।७ ०४/१/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR आज राम दरबार में , आते दिखे जटायु । राम कृपा से ही हुई , सुन लो इतनी आयु ।।१ राम काज में लग्न अब , दिखता है संसार । राम-राम में रम गया ,