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Aniket Maskar
समजणे वाले भी न जाणे क्या क्या समज लेते हैं, जब समज नहीं पाते तो बेकार समज लते हैं..!! ©Aniket Maskar ..क्या क्या समज लते हैं.. #Shayari
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मेरे तन में तमाखू, मेरे मन मे तमाखू। डर लगता है कि ले डूबेगा तमाखू। #धूम्रपान धूम्रपान की लत बुरी है, इससे अपना जिस्म खत्म न करें। लतें आसानी से नही जाती, इसीलिए इस बीमारी से दूर रहें।
#धूम्रपान धूम्रपान की लत बुरी है, इससे अपना जिस्म खत्म न करें। लतें आसानी से नही जाती, इसीलिए इस बीमारी से दूर रहें।
read moreParul Sharma
हँसी के पल चुरा लते है कहीं न कहीं से 'ऐ जिन्दगी' तूने तो मेरा सपना छीन ही लिया अब क्या जीने भी ना देगी पारुल शर्मा हँसी के पल चुरा लते है कहीं न कहीं से 'ऐ जिन्दगी' तूने तो मेरा सपना छीन ही लिया अब क्या जीने भी ना देगी पारुल शर्मा #Nojo
हँसी के पल चुरा लते है कहीं न कहीं से 'ऐ जिन्दगी' तूने तो मेरा सपना छीन ही लिया अब क्या जीने भी ना देगी पारुल शर्मा Nojo #nojotohindi #nojotoquotes #kalakash #TST #Emotionalhindiquotestatic #NojotoTopicalHindiQuoteStatic
read moresakshi shah
वो नाता जो रिंद का मैखाने से होता है, बस वही इस रूह का उस ज़मीर से है, बेशक़ लतें दोनों बुरी है, अंजाम के पहले ही उससे वाक़िफ है, मुझे उनसे और उन्हें मैखाने से इश्क़ ही कुछ ऐसा है। ©shahsakshi रिंद = शराबी वो नाता जो रिंद का मैखाने से होता है, बस वही इस रूह का उस ज़मीर से है, बेशक़ लतें दोनों बुरी है, अंजाम के पहले ही उससे वाक़िफ ह
रिंद = शराबी वो नाता जो रिंद का मैखाने से होता है, बस वही इस रूह का उस ज़मीर से है, बेशक़ लतें दोनों बुरी है, अंजाम के पहले ही उससे वाक़िफ ह
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क्यों जरूरत पड़ रही है हिन्दीं दिवस मनाने कि ये जताने क कि आज हिन्दी दिवस है आज हिन्दी का दिन है क्या हिन्दी का दर्जा कम हो गया है या हमने ये स्वीकार कर ल्या है कि हिन्दी उन ऊँचाईयों पर नहीं है जहाँ इसे होना चाहिये था अपने देश में ही हिन्दी अपने अस्तित्व के लिये लड़ रही है हम कोई न कोई बहाना बनाकर अंग्रजी को गले लगालते है और हिन्दी से हाथ छिटक देते है और अपनी ही भाषा को पराया कर देते है हम अंग्रेजों से तो आजाद हो गये पर अंग्रेजी के गुलाम हो गये और बही बने रहना चाहते है और होना भी चाहते है। और इस मानसिक गुलामी में न जान कब अपनी भाषा का अपनापन खो बैठेपता ही नहीं चला। पर ऐसा क्यों हुआ ऐसा कब से हुआ ये इसकी शुरूआत गुलाम भारत में अंग्रेजी शाशकों ने की गुलाम भारत में अंग्रेजी माध्यम क स्कूल खुलबाये बड़े और पैसे बाले लोगों से मित्रता की और जो गद्दार थे या उनके चाटुकार थे उनको धन से माला माल कर दीया कुछ लोग उन्हे शासक मान तो कुछ लोग चापलूसी में तो कुछ लोग उनके बिछाये जाल को अहसान मान कर उनकी बेषभूषा, चालढाल भाषा आदत का अनुसरण करने लगे उन्हें इन्हीं धनी और उच्च पद पर आसीन लोगों जो देखा देखी और लोग इनकी नकल करने लगे जब तक अंग्रेज भारत छोड़ते तब तक अंग्रेजी ने पैर जामा लिये थे । भारत आजाद हुआ अब यह सोने की चिड़ीया भी न रहा और धनी लोग तो पहले से ही आधे अंग्रेज हो चुके थे और यहाँ तो भेड़ चाल खूब चलती है तो और इस तरह हिन्दी अपनी व्यापकता खोती गयी और अंग्रेजी सैंध जमाती गयी पारुल शर्मा imrohiinegi क्यों जरूरत पड़ रही है हिन्दीं दिवस मनाने कि ये जताने कि आज हिन्दी दिवस है आज हिन्दी का दिन है क्या हिन्दी का दर्जा कम हो गया ह
imrohiinegi क्यों जरूरत पड़ रही है हिन्दीं दिवस मनाने कि ये जताने कि आज हिन्दी दिवस है आज हिन्दी का दिन है क्या हिन्दी का दर्जा कम हो गया ह #Poetry #Life #Love #Motivation #Hindi #दिल #Dil #Pyar #जीवन #शेर #kavishala #ishq #प्यार #Shayari #मोहब्बत #nojotoofficial #इश्क #कविता #2liner #nojotohindi #hindipoetry #शायरी #sher #nojotoquotes #हिन्दीकविता #kalakash #TST #रचना #Faiziqbalsay
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