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raman kashyap
दि कु पां
वस्तुतः प्रेम मन से वाणी से स्वभाव से होता है.. देह और बनावट सिर्फ़ शारीरिक आकर्षण के सिवा कुछ नहीं हैं.. ये सिर्फ़ वासनात्मक दृष्टिकोण हो सकता है.. कितना उचित है कवि का लिखना नायिका का गोरी, सुंदर, कामाक्षी, कोमलांगी तो क्या नायिका सांवली, थोड़ी मोटी या थोड़े छोटे आंखों वाली हुई तो प्र
Rupam Jha
व्यथित मन से कर रही हूं पुकार, ये कैसा प्रलय झेल रहा है बिहार, पहले सुखाड़ तत्पश्चात विकराल बाढ़, मासूमों को छीन गया पहले ही चमकी बुखार, दंश लू का चला ऐसा,जाने कितनी चली गयी, रोई बिलखी माँओ की आँचल बस भींग के रह गयी, कोई न सुना दुखड़ा, उनकी गोद सूनी हो गयी, इलाज़ के अभाव में बच्चों को बेमौत मौत मिल गयी, जाने क्या गलती हुई,क्यों कर रहा प्रकृति खिलवाड़, और नेत्र मूंदे सत्ता पर मौन बैठी है यहां की सरकार, जनता की कोई सुध नहीं है करती नहीं कोई प्रतिकार, बच्चे-बूढ़े तड़प रहे हैं,मिल न रहा है उनको आहार, सुशासन बाबू आत्ममुग्ध हो गए,अब आस ही न किया जाएं, सोये रहने दे उन्हें,उनके तंद्रा को न भंग न किया जाएं, बस प्रार्थना अब तुमसे करती हूं भगवन,दुःख मासूमों का सुना जाएँ, बहुत हो गया इम्तेहान अब कुछ रहम भी तो किया जाएं!🙏 आत्ममुग्धता के मारे क्या किसी की सुधि लेंगे,वो तो बस सत्ता की लिप्सा से ग्रसित हैं,बाकी भाषणबाजी जितना कर लें!पहले लू और अब बाढ़ की चपेट में
yogesh atmaram ambawale
मनात माझ्या आज हे विचार आले, कामावरून परतताना जेव्हा नाकाबंदी चालू असताना मला अडवण्यात आले. तुम्ही कामावर जात असाल किंवा आवश्यक असा प्रवास करत असाल तर तुम्हाला कोरोना चाचणी रिपोर्ट करणं गरजेचं आहे. अशी सूचना संचारबंदी चालू असताना कामावर जाणाऱ्यांना नाकाबंदी वर हजर असलेले पोलीस करीत आहे. ज्यांनी कोरोना चाचणी रिपोर्ट केला असेल त्यांनाच रस्त्यावर प्रवासाची ती कामावर येण्या जाण्यासाठी आणि अत्यंत आवश्यक काम असेल तरच मुभा दिली जाईल. मी म्हणतो कोरोना निगेटिव्ह रिपोर्ट हा किती दिवसांपर्यंत चा ग्राह्य धरला जाईल.? हा रिपोर्ट दाखवल्यावर प्रवास केल्यानंतर किंवा कामावर येऊन जाऊन असताना जर आपल्याला कोरोनाची लागण झाली असेल तर? एकदा कोरोना रिपोर्ट केला की दुसरा रिपोर्ट केव्हा करावा? एकच रिपोर्ट किती दिवस दाखवत प्रवास करावा? सुप्रभात लेखक मित्र आणि मैत्रिणींनो आजचा विषय आहे माझ्या मानत आज... #माझ्यामनात चला तर मग लिहूया. #collab #yqtaai लिहीत राहा. #YourQuoteAnd
pooja d
तुला पाहिले मी चोरुन तुझे केस मोकळे असताना त्यांचा जुड़ा बांधताना आलो होतो तुझ्यासाठी घेऊन गजरा, पण तेव्हा पाहिले मी स्वतः ला बेड वरुन खाली पडताना...... ✍️Writing_Companion✍️ "कविता लेखण स्पर्धा" (प्रेम कविता)" Organisers Anil Patil Santosh Chaudhary ही स्पर्धा सर्वांसाठी खुली असुन सर्व कव
Divyanshu Pathak
विश्व शान्ति दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🤗🐦🍫🍨🍧🍧🍨🍨🍫🍫🐦🤗😁🤓🤓🤓🐒🐒🤗🍫🍨🍨😘😍😗😗😃😃😃🍨🍧🍫🐦🤗😁🐦🍫🍫🍨🍨🍧🍧🍨🍫 प्रकृति, आकृति और अहंकृति एक साथ ही उत्पन्न होती हैं। एक-दूसरी के अनुरूप होती हैं। व्यक्ति की श
Anita Saini
मैं कामिनी हूँ मैं दामिनी भी मैं स्त्री हूँ मैं सृष्टि भी मैं श्रुति हूँ मैं स्मृति भी मैं तृप्ति हूँ मैं तृष्णा भी मैं प्रेम हूँ किंचित घृणा भी मैं उषा हूँ मैं निशा भी मैं दशा भी हूँ दिशा भी मैं उत्त्पति हूँ मैं विकास भी
Rupam Jha
दुनिया सिमटी है घर के अंदर,ये वायरस कितना दुखदायी है। भयभीत बैठा हर मानव जेहन,कैसी ये विपदा आयी है। विश्व व्याप्त इस महामारी का भयावहता सर्वविदित है, पर कुछ लोग न बाज आ रहे,जिनकी सोच सीमित है। ज्ञात है इस विकराल बीमारी का कोई उपचार नहीं है, एकाकीपन अपना लो मानव,एकमात्र बचाव यही है। अगर प्यार है अपने राष्ट्र से,मानवता से और प्रियजन से। कुछ दिन रोकिये भाव को अपने,न गढ़िए स्वप्न मिलन के। एक जन की लापरवाही,समूचे जनमानस को तबाह कर सकती है, हमारे भारत की दशा भी चीन-अमरीका-इटली सी हो सकती है। समय रहते ही क्यों न लें हम प्रण कि अपने देश को बचाएंगे, इस मुश्किल क्षण को घर में रह अपने परिवार के संग बिताएंगे। धोएंगे अपने हाथों को बारम्बार,ना किसी से हाथ मिलाएंगे। करते है छोटी सी त्याग,घर से बाहर कुछ दिनों के बाद जाएंगे। इस प्रकृति पर न हक़ है अपना,ये बात खुद को समझाते हैं, पशु-पंछी पौधों-पेड़ों को भी थोड़ा उनका हक लौटाते हैं। सोचो उन गरीबों का जो दो जून रोटी को तरसते हैं, अगर ग्राह्य बन गए कोरोना का तो बच नहीं सकते हैं। गर डॉक्टर,पुलिस व स्वच्छताकर्मी का हम सहयोग करेंगे, विश्वास है हम सब इस मुश्किल क्षण से जल्दी ही उबरेंगे। हर मानव इस वैश्विक महामारी से लड़ने को योद्धा बन सकते हैं। सिर्फ घर बैठ कुछ नहीं कर,हम बहुत कुछ कर सकते हैं। SAME IN CAPTION👇 दुनिया सिमटी है घर के अंदर,ये वायरस कितना दुखदायी है। भयभीत बैठा हर मानव जेहन,कैसी ये विपदा आयी है। विश्व व्याप्त इस महामार
पण्डित राहुल पाण्डेय
*रक्षाबन्धन* ● रक्षाबन्धन 11 अगस्त को रात 8.51 के बाद रात में ही मनाएँ *12 अगस्त को नहीं* (शास्त्र सम्मत निर्णय) ● इस वर्ष 11 अगस्त 2022 गुरुवार को भद्रा होने से रात्रि 08.51 भद्राशुद्धि बाद रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा । रक्षाबंधन में रात्रि दोष नहीं होता है- *भद्रान्ते प्रदोषे रात्रौ वा कार्यम्।* ● पूर्णिमा 12 अगस्त को पूरे भारत में पूर्णिमा उदयकाल में त्रिमहूर्त से कम है अतः 12 को रक्षाबंधन एवं श्रावणी नहीं करना चाहिए। *उदये त्रिमुहूर्त्तन्यूनत्वे पूर्वेद्यु: प्रदोषादिकाले कर्तव्यम्।* ● याजुषादियों को उपाकर्म (श्रावणी) भी 11 अगस्त को ही कर्तव्य है । उपाकर्म में भद्रा दोष नहीं होता है । रक्षाबंधन में होता है- *भद्रायां द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा।* *भद्रा में दो कार्य नहीं करने चाहियें श्रावणी अर्थात् रक्षाबंधन और होलिका दहन* । भद्रा में श्रावणी करने से राजा की मृत्यु होती है और होली जलाने से नगर में आग संबंधित उपद्रव होते हैं । *अतः रक्षाबंधन पर्व में भद्रा पूर्णतः त्याज्य है । उसका कोई भी परिहार ग्राह्य नहीं है*। रक्षाबंधन की पूर्णिमा में भद्रा मुख पुच्छ आदि ग्रहण करना शास्त्र मर्यादा के विरुद्ध है । *रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा के दिन ही कर्तव्य है । इस दिन ग्रहण या संक्रांति हो तो भी इसी दिन भद्रा रहित काल में रक्षार्थ रक्षापोटलिका युक्त रक्षासूत्र बांधना और बंधवाना चाहिए ।* *यदि पूरे दिन भद्रा हो तो रात्रि में प्रदोष काल में या भद्रा समाप्ति पर सभी रक्षाबंधन करें । रक्षाबंधन कर्म होलिका के समान सभी वर्णों के लिए कर्तव्य है* । *सूर्यास्त के साथ निशामुख से तीन मुहुर्त अर्थात् स्थूल रुप से छः घटी पर्यन्त अर्थात् सूर्यास्त से अढ़ाई घंटे तक "प्रदोष काल" रहता है ।* अतः अपने अपने क्षेत्र के पंचांगों के अनुसार भद्रा समाप्ति पर ही 11 अगस्त को ही रक्षाबंधन करें । *पण्डित राहुल पाण्डेय* काशीप्रयाग-मध्य ज्योतिष/वास्तु/ग्रहशांति/हस्तरेखा/समस्त जाप/शांति 8932080374 ©पण्डित राहुल पाण्डेय *रक्षाबन्धन* ● रक्षाबन्धन 11 अगस्त को रात 8.51 के बाद रात में ही मनाएँ *12 अगस्त को नहीं* (शास्त्र सम्मत निर्णय) ● इस वर्ष 11 अगस्