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Ankit Singh
कभी-कभी किसी पालतू जानवर को खोना किसी इंसान को खोने से ज्यादा दर्दनाक होता है क्योंकि पालतू जानवर के मामले में, आप उससे प्यार करने का नाटक नहीं कर रहे थे। ©Ankit Singh कभी-कभी किसी पालतू जानवर को खोना किसी इंसान को खोने से ज्यादा दर्दनाक होता है क्योंकि पालतू जानवर के मामले में, आप उससे प्यार करने का नाटक न
ਸੀਰਿਯਸ jatt
HintsOfHeart.
"कहते हैं, धरती पर सब रोगों से कठिन प्रणय है लगता है यह जिसे, उसे फिर नींद नहीं आती है दिवस रुदन में, रात आह भरने में कट जाती है मन खोया-खोया, आँखें कुछ भरी-भरी रहती है भीगी पुतली में कोई तस्वीर खड़ी रहती है"¹ ©HintsOfHeart. #रामधारी_सिंह_'दिनकर' के काव्य नाटक #उर्वशी' से। 1.इसके लिए 1972 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।
Ravendra
Aacky Verma
ram lala ayodhya mandir राम आज महल मे आये अयोध्या मे आज दिवाली है मन मे हर्षो उल्लास है तो क्या कहु शब्द कोष आज खाली है छटा इतनी मनमोहक मेरे राम लला की चेहरे पे हसी तो गालो पे लाली है insta: @aackyshayari www.aackyshayari.in ©Aacky Verma राम आज महल मे आये अयोध्या मे आज दिवाली है मन मे हर्षो उल्लास है तो क्या कहु शब्द कोष आज खाली है छटा इतनी मनमोहक मेरे राम लला की चेहरे पे हसी
प्रेम कुमार रावत
Jai shree ram चप्पा चप्पा गूंज उठा श्री राम नाम जयकारें से सज गया अयोध्या देखो सुंदर चाँद सितारों से आ रहे प्रभु हमारे मंगल गीत सब गाएंगे हर घर दीप जलाके दिवाली सुन्दर मनाएंगे ©cg_poet_ prem _kumar #JaiShreeRam चप्पा चप्पा गूंज उठा श्री राम नाम जयकारें से सज गया अयोध्या देखो सुंदर चाँद सितारों से आ रहे प्रभु हमारे मंगल गीत सब गाएंगे
Sushma
Jai shree ram जय श्री राम हे श्री राम आपके आगमन पर हम भी दिवाली मनायेंगे... अपने अंदर के रावण को मार हम आपका विजय पताका फहरायेंगे... माता सीता के आचरणों पर हम अपनी जिंदगी गुजारेंगे... जय श्री सीताराम 🙏🙏 ©Sushma #JaiShreeRam जय श्री राम हे श्री राम आपके आगमन पर हम भी दिवाली मनायेंगे... अपने अंदर के रावण को मार हम आपका विजय पताका फहरायेंगे... मात
Ravindra Singh
न लेता ख़ैर न खबर कोई मेरी… न लेता ख़ैर न खबर कोई मेरी , तू भूल गया है , या मुझे भूलने का नाटक कर रहा है । तू ऐसा तो बिल्कुल न था , ज़रूर कोई बात है । बता जरा, तू क्यूँ इतना बदल रहा है । मुझे यक़ीन है , मेरी यादें तेरे दिल में करतीं हैं बसेरा , क्या विचार ? तेरे दिल में मेरे लिए खल रहा है । न लेता ख़ैर न खबर कोई मेरी… बता तेरी लगी आदत को मैं भुलाऊँ कैसे , तूने तो समझा लिये ख़ुद को , ख़ुद को मैं समझाऊँ कैसे । एक तू ही है जिसका ज़िक्र , मेरा दिल हर बार करता है , तू नहीं कर रहा अब , इसे मैं बताऊँ कैसे । तुझसे आग्रह है , न कर ख़ाली इस दिल को , जो कभी तेरा घर रहा है । न लेता ख़ैर न खबर कोई मेरी , तू भूल गया है, या मुझे भूलने का नाटक कर रहा है । ©Ravindra Singh न लेता ख़ैर न खबर कोई मेरी… न लेता ख़ैर न खबर कोई मेरी , तू भूल गया है, या मुझे भूलने का नाटक कर रहा है । तू ऐसा तो बिल्कुल न था , ज़रूर
Shaarang Deepak
Shaarang Deepak