Find the Latest Status about पहलगाम से अमरनाथ गुफा की दूरी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पहलगाम से अमरनाथ गुफा की दूरी.
Lakhan Rajput BJP
दिल है की मानता ही नहीं ©Lakhan Rajput BJP दिल की बात दिल से
Rameshwar Nag
White दिल तकलीफ मे है और तकलीफ देने वाले दिल मे! ©Rameshwar Nag #love_shayari दिल की बाते दिल से
Kush Gupta
Red sands and spectacular sandstone rock formations Dooriyan वो कहता है, तुम दूर रहो मुझसे, पास न आओ, दूर रहो मुझसे, गिला क्या है कोई हमे तो बताए, क्यू करना चाहता है दूर हमे खुदसे, कुश ©Kush Gupta #Sands #दूरी #dooriyan #pyar #lafz
Khan Sahab
किस्मत के खेल से निराश नहीं होते जिंदगी में कभी उदास नहीं होते, अपने हाथों की लकीरों पर यकी मत करना किस्मत उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते..! ©Khan Sahab दिल की कलम से
Sandeep Sagar
White आधा चांद आधा सूरज आधा मैं बंजारों सा आधी आधी दुनिया फिर भी पूरी तुम इन तारों सा।। ©Sandeep Sagar #Moon सागर की डायरी से
Sandeep Sagar
White गिरे आँखों से आँसू तो लगे बहने लगी नदियाँ कि जैसे बिन तुम्हारे कट गयी मेरी पूरी सदियाँ वो मेरी भूल थी जो तुमको मैंने प्यार था समझा नहीं तो यूँ गुजर जाती थी एक तूफ़ाँ भरी रतियाँ। मुझे अब ख़्वाब भी वो लगने लगे है यूँ परायों से की जैसे तितलियाँ उड़ने लगी है इन सरायों से तुम्हे मैं दूँ बना एक आदमी वो भी मुन्तशिर सा मगर ना दूँ तुम्हें वो दिल जो तुम भरते थे किरायों से। मुझे अब एक नदी सी घाट घाट दरिया में जानी है पहाड़ों,पेड़ पर जाना खुद ही पंछी सी ठानी है वो एक पर्वत के पीछे एक बड़ी सी शांत घाटी है वही जीना वही मरना यही बस जिंदगानी है।। ©Sandeep Sagar #Road सागर की डायरी से
Himaani
White जब तक जिएंगे खुद पर विश्वास करेंगे यह बात हम मरते दम तक कहेंगे चाहे कितना भी हो हम चाहने वाला दस कदम उससे दूरी बनाकर ही चलेंगे ©Himaani #SAD सबसे दूरी बनाकर चलेंगे
Sandeep Sagar
Night sms quotes messages in hindi नींद पकड़ के बैठा हूँ मैं,इन काली सी रातों में जाने क्यों एक टीस उठा है,ख्वाबों वाली बातों में ये ख़्वाब ख़्वाब ही होते है,ना होते है ये संजीदा फिर क्यूँ मेरी आँखें हुई लाल,इन ख़्वाबो की मुलाकातों में।। क्या मैं तुमको ढूँढ रहा था,या मैं खुद की परछाई या फिर खुद की देख हकीक़त आँख बंद से खुल आई मैंने बस एक डर देखा था,डर भी वो नादान सा था जाग के भागा था जिस डर से,फिर वही डर आँखों में आई।। ©Sandeep Sagar सागर की डायरी से
Er. Ambesh Kumar
मेरी क़िस्मत में तू नहीं तो मेरा क्या कसूर है, हर शख्स यहां मोहब्बत में बस मजबूर है । इक ख्वाहिश कि तुझे देखूं सुबह - शाम हर घड़ी, और सितम ये कि मेरे घर से तेरा शहर दूर है ।। ©Er. Ambesh Kumar मोहब्बत और दूरी.......