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sachin mishra
जिन्दगी में हुनर और पैसा जब आदमी को आने लगता है, वो अपनों को ही दबाने लगता है, करने को बहुत कुछ है, फिर क्यों बुराई में अपना समय व सम्मान गवाने लगता है, उससे दूसरों में हर चीज अच्छी तब लगने लगती है जब अपना उससे कर नहीं पाता है, उसे अब और नीचा दिखाना गलत फैसले के लिए उकसाना, फिर चार लोगो में बताना क्या इसलिए पैदा हुए जरा खुद को समझाना, में नहीं जानता ये लोग बदलेंगे या नहीं पर समाज और देश हमारा है हमें इससे नेक दिल बनाना है, विश्वास और प्यार के फूल दिलो में खिलाना है बस एक बार इससे स्वच्छ भारत कि तरह जन जन में पहुँचाना है, क्युकि ||मनुष्य का शरीर एक रथ है मन उसका सारथी है कर्म ऐसे करो कि दुनिया उतारे आरती || हुनर और पैसा का खेल..
गूँजन
बस यही एक बात समझ नही पाती हू मैं उसके "अरमानो" को समझू या अपने "जज्बातो" को.......... #जज्बातो #और #अरमानो #का #खेल
sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3
कुर्सी पे मदारी बैठ गये हैं... बंदर बहुत अच्छा नाच रहॆ हैं..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 मदारी
Kamlesh Naraniyan
मेरे दोस्त अगर सामाजिक न्याय चाहिए तो आंदोलन मत करो. पैसे वाला बनो क्यों कि जिसके पास पैसा है, वो कानून और व्यवस्था को जेब में लेकर घूमता है ©Kamlesh Naraniyan सामाजिक न्याय और पैसे का खेल
Ajeet Kumar
जो मेरे इश्क मे होगा दम, किसी और की बाहों में तुम चली जाओ ऐसा मुमकिन ही नहीं सनम शक नहीं मुझे तेरी चाहत पर, बस खोने से हूँ मैं डरता तभी हो जाती है ये आँखें नम अब क्या बताऊं, अप्सरा हो तुम, मेरी अप्सरा दूजी तुम सी कोई मिलेगी नही चाहे ले लूं मैं कितने भी जनम हाँ, कुछ रिश्ते है और उनकी अपनी जिम्मेदारियाँ भी, जिन्हें मिलकर निभाएंगे इन जिम्मेदारियों की वजह से अपना प्यार न होगा कभी कम वायदा है ये मेरा, कल जो भी हो, एक-दूजे के ही रहेंगे हम अरे ओ मदारी, पकड़े मेरी डोर रहना, मैं वानर तुम्हारा। जो मैं सागर, तो तुम बन दरिया मुझमे मिलना, कुछ ऐसा हो प्रेम हमारा।। #मदारी
Hilal Hathravi
क़ैद थे घर में चैन से, गोया बाहर निकले भी नहीं, मदारी जानता है बंदर को नचाना कैसे है। ~Hilal #मदारी
DR. LAVKESH GANDHI
हाथ खाली हाथ हैं तो क्या हुआ चलो हाथों से कुछ आकृतियाँ बनाते हैं इन आकृतियों को दर्पण के करीब ले जाते हैं और हाथों और दर्पण के बीच प्रतिबिम्ब का खेल खेलते हैं ©DR. LAVKESH GANDHI #hand # # हाथ और दर्पण का खेल #