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Sneh Lata Pandey 'sneh'
सादर सुप्रभात आप सभी को 🌻🌻🌻💐💐💐🌷🌷🌹🌹🌹 आप सभी को वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें 🌻🌻💐💐💐 मातु शारदे आपसे, माँगू थोड़ा ज्ञान। देवी वीणा धारिणी, दे दो माता दान।। देवी माँ पद्मासना, आओ हंस सवार। छूलो मेरे हाथ को , हो मेरा उद्धार। मातु शारदे आइए, श्वेत हंस सवार। श्वेत वस्त्र माँ धारिणी, श्वेत पुष्प गल हार।। कमल नयनि माँ कामदा, आसन कमल विराज । चतुर्भुजी माँ शारदे, सकल सँवारो काज।। कर सुदृढ़ माँ लेखनी, भर विद्या भंडार। हो मुखरित सुर ताल सब , कर दो माँ उपकार।। निर्मल कर दो भाव को, रसना रस की धार। मधुरिम शुभ्र प्रकाश सा, चमके हृदय किवाड़।। झोली भर दो कृपा से, बालक करे पुकार। कच्चा कलश कुम्हार का, आया तेरे द्वार।। वसंत पँचमी आ रही, हरषे ऋतु अति जोर। पीली गेंदे की कली, महक उठी सब ओर।। स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह' ©Sneh Lata Pandey 'sneh' #मात शारदे
Rahul Ashesh
आशीष दो हे भारती कर्तव्य पथ पर हम चलें जो भी मिले हमको यहाँ सब मुस्कुराकर हम सहे लाखों निराशाएँ यहाँ आकर है हमको घेरती जितनी भी है खुशियाँ सभी अब हमसे मुँह है फेरती हे शारदे वरदान दो इन पर विजय हम पा सके हम ज्ञान से विज्ञान से हम ध्यान से अनभिज्ञ है हम धर्म से हम कर्म से तेरे मर्म से अनभिज्ञ है वागेश्वरी वरदान दो तम से कभी हम न डरे ©Rahul Meena हे शारदे...
Sneh Lata Pandey 'sneh'
मातु शारदे आपसे, माँगू थोड़ा ज्ञान। देवी वीणा धारिणी, दे दो माता दान।। देवी माँ पद्मासना, आओ हंस सवार। छूलो मेरे हाथ को , हो मेरा उद्धार। मातु शारदे आइए, श्वेत हंस सवार। श्वेत वस्त्र माँ धारिणी, श्वेत पुष्प गल हार।। कमल नयनि माँ कामदा, आसन कमल विराज । चतुर्भुजी माँ शारदे, सकल सँवारो काज।। कर सुदृढ़ माँ लेखनी, भर विद्या भंडार। हो मुखरित सुर ताल सब , कर दो माँ उपकार।। निर्मल कर दो भाव को, रसना रस की धार। मधुरिम शुभ्र प्रकाश सा, चमके हृदय किवाड़।। झोली भर दो कृपा से, बालक करे पुकार। कच्चा कलश कुम्हार का, आया तेरे द्वार।। वसंत पँचमी आ रही, हरषे ऋतु अति जोर। पीली गेंदे की कली, महक उठी सब ओर।। स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह' ©Sneh Lata Pandey 'sneh' #मातु शारदे
HANAMANT YADAV (कवीराज)
हे शारदे... हे शारदे ओज ईश्वरी। कृपा करी मजवरी। विस्कटलो गुरफटलो। अंधार्या या सागरी ।।धृ।। उसळू दे शब्दसूमने । जणू आसमानी तारांगणे । जिंकूनी सारी मने। प्रकाशूदे हे वाघेश्वरी ।।१।। वीना तुझी वाजू दे। डंका असा वाजू दे । शब्द माझे पेटू दे । या जगीच्या वाचेवरी ।।२।। कवीराज हे शारदे....