Nojoto: Largest Storytelling Platform

New आफिसर कालोनी Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about आफिसर कालोनी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आफिसर कालोनी.

Stories related to आफिसर कालोनी

    LatestPopularVideo

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज-51 #प्रेरक

read more
पेज -51
नीर जी-कौन बैठा है पर्दे के पीछे... ऐ भाई बाहर निकलो जरा.. हेलो कौन है वहाँ... पर्दा हिला रहा है.. बाहर आओ हमें देखना है...!
सभी जोर से हंस पड़ते हैं तभी 
स्वेच्छा जी-अर्रे बुद्धू... सर का कहना है पर्दे के पीछे मतलब स्क्रिप्ट राइटर...जिसने हमें भी यहाँ ले आया.. !
सत्यप्रेम जी- अच्छा हमें कोई बताएगा. भोजन कक्ष कहां है बड़ी सौंधी सौंधी खुशबू आ रही है.. !
स्वेच्छा-हाँ सर.. मेरी निगाहें तो कब से इधर udhr2ढूंढ़ रहीं हैं... मगर..? 
नीर- अर्रे मगर क्या वो देखो वहाँ...से आ रही है खुशबू ...! 
हंसी ठहाकों के बीच अचानक दिव्या ने माइक लिया और 

दिव्या-अटेंशन प्लीज.. बड़ा ही ख़ुशनुमा माहौल बन चुका है.. 
यहाँ एक ओर हमारे मानक की आभाषी सगाई की धूम है.. वहीं आज हमारे नोजोटो की जानी मानी रचनाकारा. सुधा त्रिपाठी..हम सबकी दी.. आज उनकी वैवाहिक सालगिरह है...और सबसे बड़ी बात आज पूरा नोजोटो परिवार के साथ साथ हमारी नोजोटो टीम की उपस्थिति में आइये हम सब मिलकर हमारी दीदी को वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाइयाँ देते हैं...!.. 

इतना सुनते ही सुधा को वैवाहिक वर्षगांठ की बधाइयों का ताँता लग गया... "हैप्पी मैरिज एनिवर्सरी दीदी"
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
आगे पेज-52

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
पेज-51

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी आख़िरकार लेखक की मेहनत रंग लाई कल्पनाओं से गढ़ी इस कालोनी में सबने अपने निवास की स्वीकृति दे दी, साथ ही ईश्वर की असीम कृपा ऐ #प्रेरक

read more
आख़िरकार लेखक की मेहनत रंग लाई कल्पनाओं से गढ़ी इस कालोनी में सबने 
अपने निवास की स्वीकृति दे दी, साथ ही ईश्वर की असीम कृपा ऐसी हुई कि धीरे 
धीरे रचनाकार अपने परिवार के साथ रत्नाकर कालोनी में शिफ्ट होने लगे..देखते 
ही देखते सारे रतन रत्नाकर कालोनी में आन बसे...दिन-ब-दिन कालोनी की खूब
सूरती में चाँद सितारे जड़ते जाते और आज कालोनी अपनी चरम भव्यता लिये 
शहर से कुछ दूर जगमगा रही है,आज सुबह सुबह कालोनी के भ्रमण पर चल पड़ा, 
मुख्य द्वार में प्रवेश करते ही मानो शीतल मंद सुगंध लिये पवन के मनभावन झोंको
 ने लेखक  की अगुवाई की हो..मुख्य द्वार के बायीं ओर एक बरगद का पेड़ जिस पर 
बैठे पंछियों का कलरव लेखक को मंत्रमुग्ध करते हुये इस कालोनी के स्वर्णिम 
भविष्य को प्रेरित कर रहा है,आइये मेरे साथ इस अद्वितीय कालोनी पर एक दृष्टि 
डालते हैं...अगले पेज संख्या-2 पर

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी 

आख़िरकार लेखक की मेहनत रंग लाई कल्पनाओं से गढ़ी इस कालोनी में सबने अपने निवास की स्वीकृति दे दी, साथ ही ईश्वर की असीम कृपा ऐ

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज -5 रत्नाकर कालोनी.. ! इस स्वार्थपरक जहां से अलग दुनिया..! बड़ी अनोखी, बड़ी सुहानी दुनिया.. जहाँ भोर में सूरज की पहली कि #प्रेरक

read more
पेज -5
रत्नाकर कालोनी.. ! इस स्वार्थपरक जहां से अलग दुनिया..!  बड़ी अनोखी, 
बड़ी सुहानी दुनिया.. जहाँ भोर में सूरज की पहली किरण आते ही कालोनी के
 मंदिर में मन को शीतल करने वाली 
आरति और मस्जिद में अजान से साँझ का प्रारम्भ होता था..ईश्वर की कृपा ऐसी
 हुई कि वहाँ सभी रचनाकारों का व्यवसाय व्यापार और जॉब सेटल हो गया...
 इस कालोनी में आकर सबने अपने जीवन का एक ही लक्ष्य बना लिया... "
एक दूजे के लिये जीना है " कालोनी पूरी तरह से ईर्ष्या द्वेष, घृणा मनमुटाव 
से मुक्त केवल भाईचारे के भावों से ओतप्रोत हो गई... ऊंच नीच जात पांत छोटा
 बड़ा.. इन शब्दों का कोई स्थान ही नहीं था.. मनुष्य जीवन कैसा होना चाहिए
 इसके लिये लोगों की जुबां पर रत्नाकरवासियों का नाम आने लगा और देखते
 ही देखते इस कालोनी के प्रेम और भाईचारे ने आस पास के शहरों में भी अपनी
 खासी पहचान बना ली.... मानो इस कालोनी को ईश्वर ने अपनी निगरानी में रख
 लिया हो.. और क्यूँ ना रखे ईश्वर का वास भी तो वहीं होगा जहां छल कपट ईर्ष्या
 द्वेष नहीं होगा... हर दिन सुखमय.. हर घड़ी आनंदमयी..! कथाकार आये दिन
 अपनी कालोनी में सुबह शाम भ्रमण करके सबसे उनकी कोई भी परेशानियों के 
बारे में पूछता चलता था..इस कालोनी ने सारे संसार की दिव्यता को अपने में समेट 
रख्खा था, परिणाम ये हुआ कि नोजोटो के जिन रचनाकारों को अब तक इस.
कालोनी की ख़बर नहीं थी उन्हें भी जब यह पता चला तो वो भी इस कालोनी का 
हिस्सा बनने को आतुर हो गये.. उन रचनाकारों में A.K.शर्मा जी..जिनकी रचनाएँ
 बोलती हैं संस्कृति सभ्यता से जोड़ती हैं, सुमित जी..कुशाग्र लेखक...जिनकी
 रचनाओं की सराहना नोजोटो के मेधावी रचनाकार भी करते हैं, मनीषा जी..
जिनके आडिओ,विडिओ,राइट-अप्स, अपने आप में अद्भुत हैं, जिनकी लेखिनी
 बेहद प्रभावशाली है अब इस कालोनी में शामिल हो गये, सभी कालोनीवासियों
 ने तहे दिल से इनका स्वागत किया,, मगर अभी रचनाकारों के आने का क्रम
समाप्त नहीं हुआ बल्कि नये नये रचनाकार इस अमरावती से भी उत्तम कालोनी 
में अपना आशियाना बनाने को उत्सुक हैं,और हों भी क्यूँ नहीं, हम सभी एक 
ही परिवार तो हैं,, सबका अभिनन्दन है, सबका स्वागत है.. रत्नाकर कालोनी 
आपका अपना वैकुण्ठधाम है..
कथाकार इनके आने से और भी प्रफुल्लित हुआ.. आइये अब चलते हैं रत्नाकर
 कालोनी में रोजाना घटित होने वाले कुछ आनंददायी दृश्यों की ओर...
अब आगे पेज-6

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी 
पेज -5
रत्नाकर कालोनी.. ! इस स्वार्थपरक जहां से अलग दुनिया..!  बड़ी अनोखी, 
बड़ी सुहानी दुनिया.. जहाँ भोर में सूरज की पहली कि

saurabh kaushik

हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा ।। 6मार्च श्याम मित्र मंडल द्वारा टीचर कालोनी शिव मंदिर पर श्याम बाबा का कीर्तन होने जा रहा है ।आप सभी उसमे स

read more

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी.. सुधा की शानदार प्रस्तुति के बाद अपने डान्स फॉर्म में मशगूल बहन चंद्रमुखी जी ने सुधा दी से माइक लिया और उन्होने क्या गाय #कविता

read more

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज-18 हमारे लाड़ले की शादी की चर्चाएं अब तो रत्नाकर कालोनी से बाहर भी होने लगी लेकिन यहाँ एक बात स्पष्ट करना बेहद जरूरी है #प्रेरक

read more
पेज-18
हमारे लाड़ले की शादी की चर्चाएं अब तो रत्नाकर कालोनी से बाहर भी होने लगी लेकिन यहाँ एक बात स्पष्ट करना बेहद जरूरी है और वो ये कि हम अपने राजकुमार मानक के एक कपोलकल्पित भाव-विवाह में सम्मिलित होंगे.. क्यूंकि हम सभी रचनाकार एक भावजगत में जीते हैं और यहीं से अपना प्रेम एक दूसरे को दूर दूर तक ऐसे पहुंचाते हैं मानो हम एक दूसरे के लिये बहुत ही करीब हैं.. यथार्थ बिलकुल अलग हो सकता है लेकिन अभी हम उसकी चर्चा यहाँ नहीं करेंगे.. यहाँ तो हम अपने भावों में ही मस्त हैं.. और ये रत्नाकर कालोनी का मुख्य उद्देश्य है नोजोटो के सारे रत्न इस कालोनी का अंग हैं.. बस इस कालोनी में निवास करने की उनकी स्वीकृति अनिवार्य है.. कथाकार एक दिव्य आनंद में जीना चाहता है ऐसा आनंद जहाँ लागत जैसा कुछ नहीं आडंबर जैसा कुछ नहीं केवल और केवल विशुद्ध भाव और प्रेम जो यथार्थ में असम्भव हो किन्तु यहाँ भावों में कल्पनाओं में सब सम्भव हो और ऐसी ही अपेक्षा आप सभी से है, केवल अपनी भावनाओं के बल पर इसे महसूस करें जुड़ें और एक आत्मीय सुख की अनुभूति करें, तो आइये कथानक से जुड़ते हैं,, 
जैसा कि मैंने पहले कहा मानक के विवाह को लेकर नोजोटो में चर्चाएं जोरों पर हैं..इसका परिणाम क्या हुआ..?  परिणाम ये हुआ कि मानक के वो मित्र भी इस भाव विवाह में सम्मिलित होने को इस कालोनी में शिफ्ट होने लगे.. इसी क्रम में आज हमारे बीच नवीन सदस्यों इस कालोनी का हिस्सा बने.. एक हैं नोजोटो पर सुब्रो नाम से मशहूर रचनाकार, जिनकी रचनाएँ पढ़ते ही मन पर गहरी छाप छोड़ती हैं, फिर "शिव" नाम की उपासक, प्रखर ओजस्वी कलमकार "शालिनी पंडित " जो मानक की बहन भी हैं और अब हमारे बीच इस कालोनी के सदस्य भी दूसरी ओर एक नन्ही परी तान्या जो इस समय नवमी कक्षा में पढ़ते हैं और ये बहुत प्रभावशाली रचनाएँ भी रचते हैं.. दोनों का स्वागत करते हुये आइये घटनाक्रम से जुड़ते हैं..
पेज

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी 
पेज-18
हमारे लाड़ले की शादी की चर्चाएं अब तो रत्नाकर कालोनी से बाहर भी होने लगी लेकिन यहाँ एक बात स्पष्ट करना बेहद जरूरी है

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज-15 Unknown-जी मेरा नाम जे. एल. उपाध्याय है.. मतलब जनकलाल उपाध्याय.. दरअसल काफ़ी दिनों से आपसे बात करने की इच्छा थी, फिर #प्रेरक

read more
पेज-15
Unknown-जी मेरा नाम जे. एल. उपाध्याय है.. मतलब जनकलाल उपाध्याय.. दरअसल काफ़ी दिनों से आपसे बात करने की इच्छा थी, फिर एक दिन किसी ने आपका नंबर दिया। आपको कॉल करने की मुख्य वज़ह आपसे कुछ जानकारी लेना था...! क्या आप इसमें मेरी सहायता करेंगे..!

राकेश-जी मेरी सामर्थ्य में होगी तो अवश्य.. !

जे.एल.जी -आप रत्नाकर कालोनी में रहते हैं..!
राकेश-जी हाँ आदरणीय..!
जे.एल.जी- जी बड़ी बात.., इस कालोनी के बड़े चर्चे हैं साहब.. दूर दूर तक.. यहाँ के मैनेजिंग सिस्टम की दाद देनी होगी,... 
राकेश-जी शुक्रिया आपका, दरअसल यहाँ का हर सदस्य अपने आप में इस कालोनी का प्रबंधक भी है और मालिक भी... फिर भी औपचारिक रूप में विशाल जी नौसाद जी इस कालोनी के प्रबंधक द्व्य घोषित हैं.. जो आवश्यकता अनुसार शासकीय दफ्तरों में उपस्थित होते रहते हैं.. एवं कालोनी की समस्त व्यवस्थाओं पर सूक्ष्म निगरानी रखते हैं.  
जे.एल.जी -क्या बात है.. वाह जी वाह... आपकी बातों से ही उस कालोनी के दर्शनों की पिपासा बढ़ रही है.. दरअसल वहाँ कोई "मानक देसाई" नाम का नौजवान रहता है.. सुना है देखने दिखाने और आचार व्यवहार में बड़ा ही सभ्य और सुशील बच्चा है.. बस उसी के बारे में थोड़ी जानकारी चाहिए थी.. !सुना है वो आपको अपना बड़ा भाई मानता है और बड़ी आस्था है आप पर..

राकेश -जी ये तो उसका प्रेम है जो मुझे इतना मान देता है, और आपने बिलकुल सही सुना वो अपने परिवार के साथ अभी कुछ महीने पहले ही यहां शिफ्ट हुआ है..! और हाँ एक बात बता दूँ वो इस कालोनी के लिये भले ही बच्चा हो क्यूंकि सबका लाड़ला है ना मगर अब वो विवाह योग्य हो चुका है...और उस पर जहाँ तक अधिकारों की बात है तो मैं केवल पहला सोपान हूं उसके लिये मुझसे भी हजार गुना मायने उसकी नोजोटो की बहनें उस पर अधिकार रखती हैं... खैर बताएं उसके बारे में क्या जानकारी चाहिए..
आगे पेज-16

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी 
पेज-15
Unknown-जी मेरा नाम जे. एल. उपाध्याय है.. मतलब जनकलाल उपाध्याय.. दरअसल काफ़ी दिनों से आपसे बात करने की इच्छा थी, फिर

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज 38 शेष भाग हमारे मानक के विवाह में उमड़ता रचनाकारों का जत्था इस बात का प्रमाण है कि सहज स्वभाव विनम्रता शील और अपनत्व क #प्रेरक

read more
पेज-38
कहते हैं वैवाहिक कार्यक्रम में बहनें ना हों तो ऐसे कार्यक्रम बेहद सूने लगते हैं क्यूंकि कुछ खास पारम्परिक रस्मों में बहनों की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका और आवश्यकता होती है.. तब इस दृष्टि से देखा जाये तो मानक इस कसौटी खरे पर खरा उतरता है.. एक दो चार छः तो छोड़िये बहनों की संख्या सैंकड़ो के पार होते जा रही है वहीं भाई मित्र बड़े बुजुर्ग सभी मानक के लिये अपना सब कुछ छोड़छाड़ के आते ही जा रहे हैं.. आज मानक ने अपने प्रारम्भिक जीवन में ही कितना कुछ कमाया है शायद ये तो उसे भी ज्ञात ना हो.. ये सोशल मीडिया में बने रिश्ते आखिर हकीकत में कितने कारगर सिद्ध हुये हैं.. मगर ये तो विशेषता है हमारे व्यवहार की हमारे प्रेम की हमारे व्यक्तित्व की जो मानक के लिये हर कोई रत्नाकर कालोनी का हिस्सा बनने की ललक रखता है... सच कहूँ साहब तो इस संसार की सबसे बड़ी दौलत है किसी के दिल में अपना स्थान बनाना..और
आगे कैप्शन में.. 🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
पेज 38
शेष भाग 
हमारे मानक के विवाह में उमड़ता रचनाकारों का जत्था इस बात का प्रमाण है कि सहज स्वभाव विनम्रता शील और अपनत्व क

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी एक ओर जहाँ शुभ सगुन दिखाई देने लगे थे लड़की के पिता का मन पूरी तरह से संतुष्टि के अंतिम शिखर को पा चुका था, अब कोई जिज्ञास #प्रेरक

read more
पेज-21

एक ओर जहाँ शुभ सगुन दिखाई देने लगे थे लड़की के पिता का मन पूरी तरह से संतुष्टि के अंतिम शिखर को पा चुका था, अब कोई जिज्ञासा नहीं केवल इसके की जल्द से जल्द अपनी बिटिया का ब्याह होते देखे... वहीं दूसरी ओर कथाकार की दृष्टि रत्नाकर कालोनी में दो नये सदस्यों के आगमन पर पड़ी.. कहते हैं निःस्वार्थ भाव से किये गये कर्मो का फल भी परमानंदित करने वाला होता है, कालोनी का संगठित सकारात्मक प्रभाव और सभी रचनाकारों का एक दूजे के प्रति समर्पित प्रेम सम्मान और  विनम्र स्वभाव ने सबका मन मोह लिया कालोनी भी नित नव अपनों को पाकर धन्य धन्य हो रही थी...ईश्वरीय कृपा से इस कालोनी का भाग्योदय होने लगा.. जिन दो सदस्यों को कथाकार अपनी कालोनी का हिस्सा बनते देख रहा है वह नोजोटो ऐप में अपनी रचनाओं कलाओं के दम पर इतिहास रचते हैं... ऐसे ही रचनाकारों में जाना माना नाम "चंद्रमुखी मौर्य जी", और  "प्राजू उर्फ़ प्राजक्ता जी " इनके बारे में कथाकार ने मन बनाया सभी नवागंतुक रचनाकारों को उनके रचनात्मक परिचय से नवीन रचनाओं के माध्यम से कालोनी को विस्तार से बताएगा फ़िलहाल दोनों सहज स्वभाव मिलनसार रचनाकारों का रत्नाकर कालोनी भव्य स्वागत कर कथाकार अपनी कथा आगे बढ़ाता है.. संध्या बेला में राकेश गेस्टहॉउस पहुंचा जहाँ एक पिता राकेश से कुछ चर्चा करने को बड़े ही बेसब्र दिखाई दे रहे थे, राकेश ने उन्हें प्रणाम किया और पूछा-
राकेश-जी, आदेश करें आदरणीय.. क्या बात है जो इतने आतुर भाव से याद किया..!🙏🙏
जे एल जी- महानुभाव.., मेरे पास शब्द ही नहीं बचे कुछ कह पाऊं...! मानो मुझे वो जमाता मिल गया हो जिसकी केवल में कल्पना ही करता था..! अब आप उचित परामर्श दें कैसे हम अपनी बात उन तक पहुंचायें..!
राकेश-जी ये बड़ी खुशी की बात है कि मानक आपको पसंद आ गया उसका घर परिवार आपको भा गया, आपकी तरफ से एक जिज्ञासा और थी..!
जे एल जी- जी कहिये ना.. !
राकेश-अपनी बेटी से और पूछ लीजिये क्या उसे लड़का पसंद आया है...!
जे.एल जी-अर्रे रे रे.. अभी लीजिये... बेटा मनीषा.. !जरा इधर आओ.. और आप भी आओ हमारी धर्मपत्नी जी.. !
[पिता के पुकारते ही दोनों आकर राकेश को अभिवादन करते हैं..और पिता के पास बैठ जाते हैं.. ]
राकेश-जी, बेटी की माता जी को पसंद है मानक.. !
माता जी- जी जिस कालोनी में इतने प्यारे प्यारे सतकर्मी सज्जनों का डेरा है वहाँ के बारे में भला किसे संदेह होगा.. मेरा मन तो पहली बार में ही यहाँ बेटी ब्याहने का हो गया था पर, ये पिता हैं ना.. ! जब तक ये पूरी तरह संतुष्ट नहीं होते तब तक हम आगे कैसे बढ़ सकते थे.. !
राकेश-जी बिलकुल सही कहा आपने, मनीषा जी क्या आपने मानक की तस्वीर देखी है... मेरा भाई लाखों में एक है... बड़ा भाई मानता है मुझे.. !कहता है आप जो निर्णय लोगे मुझे सिरोधार्य होगा.. आज के समय में जहाँ सगे भाइयों में जंग देखने को मिलती है वहाँ सोशल मीडिया में ऐसे भाई मिलना असम्भव नहीं तो दुष्कर जरूर है... अरेरे रे... आपकी आँखें नम क्यूँ हो गईं... क्या मैं कुछ गलत कह गया... प्लीज... आप ऐसे रोइये नहीं.. !
अब आगे पेज-22

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी 


एक ओर जहाँ शुभ सगुन दिखाई देने लगे थे लड़की के पिता का मन पूरी तरह से संतुष्टि के अंतिम शिखर को पा चुका था, अब कोई जिज्ञास

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज-28 पुष्पा जी-उइ माँ... यहाँ तो पूरी कालोनी जमा हो गई.. अररर्र...! कथाकार ने इस दृश्य को पल भर के लिये रोक लिया... दृश्य #प्रेरक

read more
पेज-28

कृपया कैप्शन में पढ़ें.. 
🙏🙏🙏

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी 
पेज-28
पुष्पा जी-उइ माँ... यहाँ तो पूरी कालोनी जमा हो गई.. अररर्र...!
कथाकार ने इस दृश्य को पल भर के लिये रोक लिया... दृश्य
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile