Find the Latest Status about व्यासपीठ पर स्त्री from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, व्यासपीठ पर स्त्री.
NEERAJ SIINGH
तन दिखाकर अगर वाहवाहियत बटोरिनी ही थी इंस्टागराम पे तो तुमसे अच्छे तो वो थे जिन्होंने पेट की मजबूरियों में तन बेंच दिया हे आज की स्त्री #neerajwrites एक कटाक्ष स्त्री पर भी बनता हैं आज की स्त्री
writer_with_rupesh_86
एक स्त्री के सर पर........ इज्जत की ताज, वही इंसान रखता है... जिसकी परवरिश, एक अच्छी माँ, के हाथ से होता है.... ©writer_with_rupesh_86 एक स्त्री के सर पर........ #togetherforever
करिश्मा ताब
मेरा अपना अनुभव के आधार पर यह कि पुरूष किसी स्त्री का पुरूष से ज्यादा मान सम्मान ,पैसा ,पद या फैसले लेना उसके अहम को चोट करता वो सहज नहीं स्वीकार कर पाता ,,,, इन सबके कारण ही आये दिन पर्सनल रिश्ते प्रभावित होते हैं अगर पत्नी ऐसी किसी सपने या महत्त्वाकांक्षा रखती है तो इस मुद्दे पर घरों आये दिन विवाद इल्जाम जन्म ले लेते हैं ,,,,इसका सीधा सा कारण है पति या पिता जैसा बताये वैसा ही ठीक नहीं तो तुम घर की मर्यादा तोड़ने वाली ,घमंडी वगैरह वगैरह । तुम लड़की हो इसलिए ये जॉब तुम्हारे लिए सेफ नहीं है बाहर रहना पड़ेगा फलां जॉब में ऐसा होता है वैसा होता पता नहीं कितने उदाहरण वो रख देते हैं जिससे कि उस लड़की का इरादा बदल जाये । कोई मुझे बता सकता है कि महिलाएं कहाँ सुरक्षित हैं ? या कौन सी लड़की जॉब कर के अपने पति या ससुराल वालों पर रॉब झाड़ेगी या बदचलन होगी ,,,,क्या इन सवालों के डर से एक लड़की अपनी शिक्षा और सपनों की तिलांजलि दे दे । ये बहुत बड़ा सवाल होता है एक लड़की की ज़िंदगी के लिये ....अक्सर दो चार होना पड़ता है बहुत सी महिलाओं को .... स्त्री विमर्श पर लिखने वालों से बहुत से पुरुषों को इसी लिये बहुत आपत्ति होती है उन्हें शोर सा प्रतीत होता है इनको सब मिल रहा है हम सबकुछ दे रहे हैं ऐसे जताते हैं जैसे ये अपने हिस्से का दे रहे हैं एहसान जताना नहीं भूलते जबकि सच ये है आज भी महिलाओं की बड़ी संख्या ऐसी है जो रातदिन हक के लिए जूझती हैं तब कहीं अपने पैर जमा पाती हैं ©🇮🇳करिश्मा राठौर स्त्री विमर्श लेखन बनाम स्त्री विमर्श पर आपत्ति #स्त्रीविमर्श #ज्वलंतमुद्दा #nojotosocialissue #nojotohindi #nojotowomenempowerment
Pragya Saraf
स्त्री तो स्त्री है... स्त्री तो स्त्री है, मनुष्य कहाँ बन पाती है? कोई मानव अधिकार -स्त्री का अधिकार कहाँ? फ़र्ज निभाना बस फर्ज निभाना स्त्री के लिए तो बस एक यही है राह यहाँ... स्त्री तो स्त्री है, मनुष्य नहीं बन पाती है? चाहे रौंद दो भावनाओं को, मिटा दो किस्मत की रेखाओं को, बुझा दो सारी आशाओं को, तोड़ दो सारे सपनों को, फिर भी छोड़ के सारे अपनों को.... एक नए घोंसले की खातिर, तिनका -तिनका जुटाती है। स्त्री तो स्त्री है.... टूटने और बिखरने पर भी खुद ही सिमट जाती है, वो रूठे और कोई मनाएँ, उम्मीद कहाँ लगाती है... स्त्री तो स्त्री है, मनुष्य कहाँ बन पाती है.... स्त्री तो स्त्री है....
Bhushan Samrat
टाइम अच्छा रहे या मंदा प्यार मोहब्बत को मत बनाओ धंधा स्त्री पर कभी भी भरोसा नहीं रखना चाहिए
अनिता कुमावत
कभी गौर से देखा है उस छोटी सी बच्ची को जो घर - घर खेलती है गुड्डे - गुड़ियों को ही अपना संसार मानती है बड़े जतन से देखभाल करती है जैसे माँ अपने बच्चों की करती है हर स्त्री जन्म से ही माँ होती है ना फिर क्यों संतति को जन्मना ही स्त्री की सम्पूर्णता कही जाती है ...!!!! बंध्यता का कलंक स्त्री के माथे पर ही क्यों ?? 🙏🙏 #स्त्री #yqdidi #yqhindi #yqthoughts