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Mysterious Girl
©Mysterious Girl #समाज की सोच का ये दोहरा मापदंड बहुत गहरा है🥺💔 #Phalsafa_e_zindagi #स्त्री #स्त्रीविमर्श #Nojoto #nojotoapp #nojotohindi #Trending #viral R Ojha Pyare ji अdiति "सीमा"अमन सिंह Prashant Shakun "कातिब" poetry quotes poetry in hindi sad poetry hindi poetry Writer
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read moreSarika Joshi Nautiyal
#humarikahani होगा कुछ ऐसा हम सबका आशियाना❤😊🙏 #nojohindi #Hindi #merikavitamerijubani #Sarikapoetries #Sarika_Joshi_Nautiyal #विचारमंथन #स्त्रीविमर्श #poem #Poet
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क्यों सवाल न करुँ क्यों बवाल न करुँ बात अब अस्तित्व की है मन के सतित्व की है सीता की अग्निपरीक्षा हुई बहुत बात अब राम के संदेह की है प्रजा के नाम न्योछावर देह की है द्रौपदी का चीर हरण कुरु सभा का मौन विवरण बात अब चौसर खेल की है अहम और ज़िद के मेल की है सारिका..... ©Sarika Joshi Nautiyal #think क्यों सवाल न करुँ..🙂🙂 #nojohindi #Hindi #स्त्रीविमर्श #Broken #विचारमंथन #Sarikapoetries #Sarika_Joshi_Nautiyal
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एक दौर ज़ब वो अहम हिस्सा था जीवन का उस आईने से अब हर वक्त घबराने लगे हैं आत्मविश्वास बढ़ता उससे मिलकर मिलने से उसे अब हम कतराने लगे हैं हर पहर जिससे मिलना साँसों की तरह था अब उससे धड़कनों को अपनी बचाने लगे हैं बदलना रूप रंग का ढलना उम्र का यही चक्र है जीवन का अपनाता चल बदलती रुत को और बेफिक्र बढ़ता चल ऐसी बातों से अब ये आईने हमें बहलाने लगे हैं अनुभव मिलेंगे परिपक्वता बढ़ेगी नयी डगर नयी दिशा मिलेगी मत उलझ इन क्षणिक खुशियों में लहरों की तरह निस्वार्थ बस बहता चल एक सच्चे साथी की तरह ये आईने सच जीवन का अब हमें समझाने लगे हैं....... सारिका जोशी नौटियाल "सारा" ©Sarika Joshi Nautiyal #dusk उस आईने से अब हम घबराने लगे हैं...#बढ़तीउम्र #nojohindi #nojato #Hindi #hindi_poetry #स्त्रीविमर्श #पुरुषविमर्श #Sarikapoetries #Sarika_Joshi_Nautiyal
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बात आज समानता के अधिकारों की होती है कोई सुनता नहीं जिन्हे उन चितकारों की होती है डंके की चोट पर सबका कहना बेटा बेटी एक सामान दबी जुबान कहती सबकी बेटा ही कुल की पहचान एक अजीब से द्वन्द में पिसती एक नन्ही सी जान कब तक साबित करुँ खुदको कि मैं भी बन सकती हूँ सम्मान ज़ब सोच बदल चुकी है धारा संकीर्ण विचारों की सूखी है तो फिर क्यों आज भी भूर्ण हत्या जारी है कोख में बेटियां कहती आज मेरी तो कल तेरी बारी है माना कि प्रकृति के संतुलन हेतु दोनों जरुरी हैं तो फिर क्यों एक मूल्यवान और दूसरा मजबूरी है ये कुछ अनसुनी बातें बेटी भूर्ण की गर्भ से जिसके आने का सम्बन्ध नहीं किसी पर्व से ©Sarika Joshi Nautiyal #Time बात आज समानता के अधिकारों की होती है...#nojohindi #nojota #Sarikapoetries #Sarika_Joshi_Nautiyal #विचारमंथन #भूर्णहत्या #भेदभाव #स्त्रीविमर्श
#Time बात आज समानता के अधिकारों की होती है...#nojohindi #nojota #Sarikapoetries #Sarika_Joshi_Nautiyal #विचारमंथन #भूर्णहत्या #भेदभाव #स्त्रीविमर्श
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सालों बाद आज दर्पण से सामना हो गया यूँ लगा किसी अपरिचित को थामना हो गया दर्पण बोला बहुत देर हो गयी तू तो कब की खो गयी ठिठक कर कुछ देर के लिए मैं जड़वत सी हो गयी मेरे स्वाभिमान पर जैसे चोट सी हो गयी मैं थी मैं हूँ वाली आखिर कहाँ सो गयी झुर्रियां झाइयाँ,आँखों के काले घेरे तन की खूबसूरती भी अब आँख फेरे जाने कहाँ किसके लिए खो गयीं मेरी सुकून भरी रातें और सुहाने सवेरे द्वन्द भीषण चला बोला अंतर्मन मेरा सुन अभी भी है समय तेरा जहाँ आँख खुले है वहीँ सवेरा रिश्ते नहीं मंजिल न बना उन्हें बसेरा वो तो हैं ताउम्र का सफऱ जिस पर है हर रोज चलना किन्तु न रोक खुद की डगर अब फिर कर तलाश उसकी सालों पहले मुरीद थी तू जिसकी ढूंढ़ दुबारा वो वजहें जिससे था तुझे खुद से भी प्यार बेशुमार पहले अब उसे संवार मैं उठी एक नये जोश के साथ थामा खुद से खुद का हाथ मेरा अंतर्मन मुस्कराकर फिर से उम्मीदों के नये बीज बो गया """मैं बोली,हाँ मुझे खुद से प्यार हो गया""""" सारिका जोशी नौटियाल"सारा " ©Sarika Joshi Nautiyal #Her सालों बाद आज दर्पण से सामना हो गया....#nojohindi #Sarikapoetries #Sarika_joshi_Nautiyal #स्त्रीविमर्श #positivevibes #vicharmanthan
#Her सालों बाद आज दर्पण से सामना हो गया....#nojohindi #Sarikapoetries #Sarika_Joshi_Nautiyal #स्त्रीविमर्श #positivevibes #vicharmanthan
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मैं स्त्री हूँ!! मेरे सब्र का पैमाना अब छलकने लगा मेरा कुछ कहना,अब सबको अखरने लगा माँ की कोख से ही,जाँची परखी गयी घर की लाज है,बस इसलिए ढकी गयी डोली में जाना अर्थी में आना,ऐसी शर्तें रखी गयी पीहर से ससुराल तक,हर रोज बस चखी गयी मेरा अस्तित्व,मेरी नजरों में प्रश्नचिन्ह बनने लगा मेरा कुछ कहना,अब सबको अखरने लगा जन्म से मृत्यु,कर दिया औरों के हवाले फिर भी किसी को,दिखे न मन के छाले न हो शांति भंग कहीं,मन के हर भाव दबा डाले फिर भी सभी जगह,बस बनते गए जाले मन अपनी ही,दुर्बलताओं से भरने लगा मेरा कुछ कहना,अब सबको अखरने लगा उम्मीदों और जिम्मेदारियों के,बोझ तले मेरे सारे सपने,खाक हो चले काश,,!कोई मेरे लिए भी पिघले क्यों मेरी ख़ामोशी,किसी को न खले अब बस सबसे मन भरने लगा मेरा कुछ कहना,अब सबको अखरने लगा हर सीख ,बस मुझे सिखाई ज्ञान गंगा,सिर्फ मेरे लिए बहाई स्त्री हो!चुप रहो न दो दुहाई रहो मर्यादित!न करो जगहंसाई अब मन का शोला भड़कने लगा मेरा कुछ कहना,अब सबको अखरने लगा स्त्री होने से पहले,हूँ एक इंसान हर प्राणी की तरह,मुझमे भी है जान नहीं बनना,सिर्फ मुझे गुणों की खान मेरी भी है कुछ,अपनी"आन बान शान" 'मैं स्त्री हूँ!!मेरे सब्र का पैमाना अब छलकने लगा" मेरा मन भी,मनचाही उड़ान भरने लगा मेरा कुछ कहना,अब सबको अखरने लगा!!!!!! सारिका जोशी नौटियाल"सारा" ©Sarika Joshi Nautiyal #NationalSimplicityDay मैं स्त्री हूँ...#nojohindi #स्त्रीविमर्श #Sarikapoetries #vicharmanthan #Sarika_Joshi_Nautiyal
#NationalSimplicityDay मैं स्त्री हूँ...#nojohindi #स्त्रीविमर्श #Sarikapoetries #vicharmanthan #Sarika_Joshi_Nautiyal
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अक़्सर खामोश रहती हूँ...#nojohindi #poetrylovers #स्त्रीविमर्श #vicharmanthan #nojolove nojoto #merikavitamerijubani #Sarikapoetries
read moreस्वाति "उषा"
सपना.............. #poetry_addicts #faminism #स्त्रीविमर्श #स्त्री #poem Poetry #storytelling #story #Stories #Flute
read morePrashant Shakun "कातिब"
................... ©Prashant Shakun "कातिब" ..... "भोर" भी वही है वही "संध्या" में समाई है "गंगा" सी लड़कियाँ पवित्र करने संसार को "धरा" पर आई हैं मैंने देखा एक लड़की की शक्ति को
..... "भोर" भी वही है वही "संध्या" में समाई है "गंगा" सी लड़कियाँ पवित्र करने संसार को "धरा" पर आई हैं मैंने देखा एक लड़की की शक्ति को
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