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Nisheeth pandey

हाय रे पानी पानी रे पानी आकाश में भी तू , धरती पे भी तू , पाताल में भी तू जाने कितनों को सजीव किये जाने कितनों को डुबो खाये पानी रे पानी #BahuBali #boat #Remember #कविता #sadquotes #streak #dhundh #bekhudi #निशीथ #humaurtum #NojotoStreak

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Riyu_aishu

बहत पाक रिस्ते  होते है नफरत के, 
कपड़े तो अकसर मोहबत मे ही उतरते है।।।। #हवस #बासना #मोहब्बत #नफ़रत 
#nojotoerotica #nojotoenglishquotes 
#nojotodesire

Prince Raज

मत पड़ इन जंजालों में, सारे रंग गुलालों में आ फिर से हम लौट चलें, मस्ती की चौपालों में। ये पल भी जुड़ जाएगा पिछले बीते सालों में। जन्नत सी लगत

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मत पड़ इन जंजालों में,
सारे रंग गुलालों में
आ फिर से हम लौट चलें,
मस्ती की चौपालों में।
ये पल भी जुड़ जाएगा
पिछले बीते सालों में।
जन्नत सी लगती धरती,
बासन्ती दुशालों में।
दहरो -हरम पड़े खाली,
रब भूखे -कंगालों में।
फँसकर कैसे निकल सकें
इन मकड़ी के जालों में।
खुशियों वाले वो मंजर,
बन्द हो गए तालों में।
@:-प्रिंस राज*** #NojotoQuote मत पड़ इन जंजालों में,
सारे रंग गुलालों में
आ फिर से हम लौट चलें,
मस्ती की चौपालों में।
ये पल भी जुड़ जाएगा
पिछले बीते सालों में।
जन्नत सी लगत

Divyanshu Pathak

पतझड़ में भी फूल खिलाए बेमौसम बरसात कराए। मरु-धरा के तपते रेत में सुंदर उपवन को महकाए। सूनी आँखों में ख़्वाब सजाए मन भँवरा सा यार बनाए। हो #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #होजाताहैप्यार #KKC705 #पाठकपुराण

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पतझड़ में भी फूल खिलाए
बेमौसम बरसात कराए।
मरु-धरा के तपते रेत में
सुंदर उपवन को महकाए।

सूनी आँखों में ख़्वाब सजाए
मन भँवरा सा यार बनाए।
हो जाता है प्यार अग़र तो
तन बासन्ती सा हो जाए।

मेरे मन की मलिका बनके
तुमने तो बेचैन कर दिया!
पंछी को चाहत में जकड़ा
दिल में ऐसा क़ैद कर लिया। पतझड़ में भी फूल खिलाए
बेमौसम बरसात कराए।
मरु-धरा के तपते रेत में
सुंदर उपवन को महकाए।

सूनी आँखों में ख़्वाब सजाए
मन भँवरा सा यार बनाए।
हो

Ankit singh

#Mother #Love kuch alfaaz maa ke naam बेसन की सौंधी रोटी पर, खट्टी चटनी जैसी माँ| याद आती है! चौका बासन, चिमटा फुकनी जैसी माँ | बाँस की खर्

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बेसन की सौंधी रोटी पर,
खट्टी चटनी जैसी माँ|
याद आती है! चौका बासन,
चिमटा फुकनी जैसी माँ |
बाँस की खर्री खाट के ऊपर, 
हर आहट पर कान धरे |
आधी सोई आधी जागी थकी,
दो-पहरी जैसी माँ|
चिड़ियों की चहकार में गूँजे,
राधा मोहन अली अली|
मुर्ग़े की आवाज़ से बजती,
 घर की कुंडी जैसी माँ|
बीवी बेटी बहन पड़ोसन,
 थोड़ी थोड़ी सी सब में 
फटे पुराने इक एल्बम में 
चंचल लड़की जैसी माँ| #mother #love
kuch alfaaz maa ke naam

बेसन की सौंधी रोटी पर,
खट्टी चटनी जैसी माँ|
याद आती है! चौका बासन,
चिमटा फुकनी जैसी माँ |
बाँस की खर्

रजनीश "स्वच्छंद"

विरोधाभास।। मैं मर्त्यलोक का वासी हूँ, जीवन की बात सुनाता हूँ। क्षणभंगुर, अनन्त नहीं, बस मन की बात सुनाता हूँ। क्षुधा निवाला मेरी कहानी, ह

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विरोधाभास।।

मैं मर्त्यलोक का वासी हूँ, जीवन की बात सुनाता हूँ।
क्षणभंगुर, अनन्त नहीं, बस मन की बात सुनाता हूँ।

क्षुधा निवाला मेरी कहानी, हर भूखा एक नायक है।
शब्दबाण लेखन में भर, जन जन की बात सुनाता हूँ।

धरा जो उसकी जननी है, एक हिस्सा उसका भी हो,
एक टुकड़े की नहीं, मैं कण कण की बात सुनाता हूँ।

जिन हाथों ये महल बने, भौतिकता का आधार रहे।
उनके कष्ट-आंसू और उनके क्रंदन की बात सुनाता हूँ।

इस भोग-विलासी दुनिया के आधार रहे जो रक्त-कण,
सूखी उनकी जमीं और उनके गगन की बात सुनाता हूँ।

रौंदे गए जो कुसुम-कली, पतझड़ का सालों मौसम है,
बंजर धरा में पसरे-पले उस उपवन की बात सुनाता हूँ।

भोग लगाया ईश्वर को, मज़ारों को चादर से पाटा है,
पीठ से चिपके पेट और निर्वस्त्र तन की बात सुनाता हूँ।

कुछ बासन्ती अंधे ऐसे जिनको पतझड़ का भास नहीं,
उनको उनकी ही बस्ती की रुदन की बात सुनाता हूँ।

आर्त्तनाद से गूंजी धरती, कानो में तेल डाल जो सोये थे,
ले लेखनी भर स्याही, हक-गर्जन की बात सुनाता हूँ।

©रजनीश "स्वछंद" विरोधाभास।।

मैं मर्त्यलोक का वासी हूँ, जीवन की बात सुनाता हूँ।
क्षणभंगुर, अनन्त नहीं, बस मन की बात सुनाता हूँ।

क्षुधा निवाला मेरी कहानी, ह

Md Kamaal-uddin

Few lines from Laxmi Prasad Devkota's #Pagal #kawita 👇👇👇👇👇👇👇👇 जरुर साथी म पागल ! यस्तै छ मेरो हाल । म शब्दलाई देख्दछु ! दृश्यलाई सुन्दछु

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तिम्रो संसार ठोस छ ।
मेरो बाफ !
तिम्रो बाक्लो, मेरो पातलो !
तिमी ढुङ्गालाई वस्तु ठान्दछौ,
ठोस कठोरता तिम्रो यथार्थ छ ।
म सपनालाई समात्न खोज्दछु,
जस्तो तिमी, त्यो चिसो, मीठो अक्षर काटेको
पान्ढीकीको बाटुलो सत्यलाई !
मेरो छ वेग काँडाको साथी !
तिम्रो सुनको र हीराको !
तिमी पहाडलाई लाटा भन्दछौ,
म भन्छु वाचाल ।
जरुर साथी ।
मेरो एक नशा ढिलो छ ।
यस्तै छ मेरो हाल ! 

-LAXMI PRASAD DEVKOTA Few lines from Laxmi Prasad Devkota's #pagal #kawita  👇👇👇👇👇👇👇👇


जरुर साथी म पागल !
यस्तै छ मेरो हाल ।
म शब्दलाई देख्दछु !
दृश्यलाई सुन्दछु

Md Kamaal-uddin

Few lines from Laxmi Prasad Devkota's #Pagal #kawita 👇👇👇👇👇👇👇👇 जरुर साथी म पागल ! यस्तै छ मेरो हाल । म शब्दलाई देख्दछु ! दृश्यलाई सुन्दछु

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तिम्रो संसार ठोस छ ।
मेरो बाफ !
तिम्रो बाक्लो, मेरो पातलो !
तिमी ढुङ्गालाई वस्तु ठान्दछौ,
ठोस कठोरता तिम्रो यथार्थ छ ।
म सपनालाई समात्न खोज्दछु,
जस्तो तिमी, त्यो चिसो, मीठो अक्षर काटेको
पान्ढीकीको बाटुलो सत्यलाई !
मेरो छ वेग काँडाको साथी !
तिम्रो सुनको र हीराको !
तिमी पहाडलाई लाटा भन्दछौ,
म भन्छु वाचाल ।
जरुर साथी ।
मेरो एक नशा ढिलो छ ।
यस्तै छ मेरो हाल ! 

-LAXMI PRASAD DEVKOTA Few lines from Laxmi Prasad Devkota's #pagal #kawita  👇👇👇👇👇👇👇👇


जरुर साथी म पागल !
यस्तै छ मेरो हाल ।
म शब्दलाई देख्दछु !
दृश्यलाई सुन्दछु

Md Kamaal-uddin

Few lines from Laxmi Prasad Devkota's #Pagal #kawita 👇👇👇👇👇👇👇👇 जरुर साथी म पागल ! यस्तै छ मेरो हाल । म शब्दलाई देख्दछु ! दृश्यलाई सुन्दछु

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तिम्रो संसार ठोस छ ।
मेरो बाफ !
तिम्रो बाक्लो, मेरो पातलो !
तिमी ढुङ्गालाई वस्तु ठान्दछौ,
ठोस कठोरता तिम्रो यथार्थ छ ।
म सपनालाई समात्न खोज्दछु,
जस्तो तिमी, त्यो चिसो, मीठो अक्षर काटेको
पान्ढीकीको बाटुलो सत्यलाई !
मेरो छ वेग काँडाको साथी !
तिम्रो सुनको र हीराको !
तिमी पहाडलाई लाटा भन्दछौ,
म भन्छु वाचाल ।
जरुर साथी ।
मेरो एक नशा ढिलो छ ।
यस्तै छ मेरो हाल ! 

-LAXMI PRASAD DEVKOTA Few lines from Laxmi Prasad Devkota's #pagal #kawita  👇👇👇👇👇👇👇👇


जरुर साथी म पागल !
यस्तै छ मेरो हाल ।
म शब्दलाई देख्दछु !
दृश्यलाई सुन्दछु
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