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Manoj Devdutt galib ke shahar agra se
लेखक मनोज कुमार देवदत्त बहन बेटियां दहेज़ देकर व्याही जायेंगी कब तक बहन बेटियां गर्भ में ही मिटा दी जायेंगी कब तक बहन बेटियां अनपढ़ रखी जायेंगी कब तक बहन बेटियां तमाम बंदिशों और पाबन्दियों में रखी जायेंगी कब तक बहन बेटियां मन्दिर, मस्जिद में नहीं घुसने दी जायेंगी कब तब बहन बेटियां पर्दे और बुर्के में रखी जायेंगी कब तक कब तक मनोज कुमार की कलम से कब तक ©Manoj Kumar #कबतक
Riya Anshulika
चुप रहना सीख लिया हैं मेने अब, कब तक सबको अपने सच होने की सफाई देते रहता। ©Riya Anshulika #कबतक
Pooja
plz plz plz दूर रहो ओ दुनिया वालो कब तक मुझे कमजोर और हारा हुआ बोलोगे क्योंकि अब मैंने भी सिख लिया तुम्हारी तरह double character चलना।।।। ©Pooja #कबतक
lafzshaalabygaurisharma
कब तक मुझे पैरों की बेडियों में जकड़ोगे, कब तक मुझे स्वच्छंद आसमां में उड़ने न दोगे! कब तक मुझे घूघंट की ओढ़ में ढकोगे! कब तक मुझे पाप का बोझ समझोगे! कब तक,कब तक....आखिर कब तक! -गौरी शर्मा #कबतक
Vidushi Sarita Gupta
दुसरो पर भरोसा करते रहोगे कभी खुद पर भरोसा कर के देखो तुम्हारी मंजिल तुम्हें खुद मिल जाएगी। ©Vidushi Sarita Gupta #कबतक
яαмєѕн ϐοѕѕ
कब तक यूं रोता रहेगा अपनी किस्मत पर ए बन्दें। तू थोड़ी मेहनत तो कर रोना भूल जाएगा। ©Ramesh Boss #कबतक #ReachingTop
usha
बेशर्त दोस्ती कब तक 🌸🌸🌸🌸 कब तक और ,थक कर मैं हार गयी जिंदगी सम्भली नहीं की एक ओर सही ,ऐसे ही करते करते मै कही खो सी गयी,और न जाने कितनी कहानी के अलफ़ाज़ मे अपनी जिंदगी से जोडूगीं,बस अब और नहीं ,किसी से कोई सबंध नहीं वरना राह पर भटकी मेरी कोई डोर तो नहीं, जिंदगी बनानी है मुझे,किसी की न हो डोर अब मेरे संग ये मेरे बस में अब और नही..... थक कर मै अब दूजा कोई और नहीं कब तक 🤔 usha....✍🌸 #कबतक🤔
RK SHUKLA
एक दिन ऐसा होगा कि तुम्हे पाने की इंतज़ार कबतक करूं तू ही बता ये प्यार कबतक करूं तुम ना आओगे लौट कर फिर सायद इस तरह खुद को बेकरार कबतक करूं PRK ये इंतज़ार कबतक
Shashi Bhushan Mishra
बेमौसम बरसात कबतक? अमावस की रात कबतक? दूर अपनों से मुसाफ़िर, अजनबी से बात कबतक? स्वार्थ में अंधे हुए सब, बेवज़ह की घात कबतक? रह-ए-उल्फ़त में दिलों के खेल में शह-मात कबतक? परेशाँ हर कोई जग में, दर्द से निजात कबतक? मन मुनासिब राह चल तू, सहे हृदयाघात कबतक? स्वयं की पहचान करले, व्यर्थ पश्चाताप कबतक? ज्ञान दीपक जला 'गुंजन', अंधेरे की बिसात कबतक? --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #व्यर्थ पश्चाताप कबतक#