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Parul Sharma
लघुकथा ।। पंख ।। पापा हिन्दी मैम ने योग पर चित्र बनाकर 8 लाइन लिखने को कहा है 10 बर्षीय अाशू और दीपू ने अपने पिता से कहा। बेटा बहुत थक गया हूँ थोड़ा और खेल लो बाद में पढ़ा दूँगा (पिता ने धीमे स्वर में कहा)। नहीं पापा कुछ देर बाद dombu मूवी TV आ रही है वो देखनी है तो काम अभी पूरा करना है अरे इस पिच्चर को भी अभी ही आना था (खीजते हुए स्वर में) इस किताब से देख के लिख लो बच्चे लिखने लगते है व्यायाम से माँसपेशियाँ मजबूत होती है पापा माँसपेशी कैसे लखते है पापा--किताब है तो दीपू--वो आशू ने ले ली है अरे तुम लोग मानोगे नहीं किताब बीच में रखो फिर दोनों लिखने लगते है दीपू लगता है पापा बहुत थक गये है कुछ मजेदार लिखते है जिससे पापा हँसने लगे दीपू अगला वाक्य लिख कि पापा की लाटरी लग गयी पापा उड़ने लगे पापा--ये क्या लिख रहे हो बच्चे जोर से हँसते है पापा कुछ सोचकर बेटा मै नहीं उड़ सकता मैं कैसे उड़ सकता हूँ बच्चे --क्यों पापा---- क्योंकि मेरे दो पंख जो अभी बहुत छोटे है आशू --आपके पंख! कहाँ है दीपू--अरे बुद्दू हम ही तो है (और फिर घर हँसी से गूँजने लगा) पारुल शर्मा #LoveYouDad लघुकथा ।। पंख ।। पापा हिन्दी मैम ने योग पर चित्र बनाकर 8 लाइन लिखने को कहा है 10 बर्षीय अाशू और दीपू ने अपने
#LoveYouDad लघुकथा ।। पंख ।। पापा हिन्दी मैम ने योग पर चित्र बनाकर 8 लाइन लिखने को कहा है 10 बर्षीय अाशू और दीपू ने अपने #nojotoofficial #nojotohindi #TST #Happy_fathers_day #Emotionalhindiquotestatic #NojotoTopicalHindiQuoteStatic
read moreDimika2sister
घर के छोटे सदस्य चाहे कितना भी काम में हाथ बटा ले उनको एक ही बात बोली जाती हैं,,,, कुछ काम कर लिया कर 🤷🤷 read caption dimika2sister : मतलब हद ही हो गयी हैं,,,,, घर वालो की ये मैथ्स ओर साइंस मुझे कभी समझ नही आती,,,, 6बजे उठती हूँ,,,, हाँ,,,,,,सुबह 6 बजे,,,, ओर घरवाले ,,,,,
: मतलब हद ही हो गयी हैं,,,,, घर वालो की ये मैथ्स ओर साइंस मुझे कभी समझ नही आती,,,, 6बजे उठती हूँ,,,, हाँ,,,,,,सुबह 6 बजे,,,, ओर घरवाले ,,,,,
read moreKulbhushan Arora
दीपिका का दिवा स्वप्न... दीपू को.... सूर्य किरणों की तरह, अंधेरे को .... उजाले में बदलना है, दिया की तरह जल के, जीवन पथ.... प्रदर्शित करना है, साधारण रह कर, असाधारण कार्य करना है, ऊंचे आस्मां को छूना है, उदासियों को.... खुशी में बदलना है, तुम्हारे स्वप्न दिवा हैं, तुम्हारे प्रयत्न भी दिवा होंगे, कितना भी ऊंचा उठो पांव जमीं पर ही होंगे ......... ये निश्चित है।। Clicks & Canvas Pic clicked by me #YourQuoteAndMine Collaborating with Deepika Pareek दीपिका का दिवा स्वप्न... दीपू को.... सूर्य किरणों क
Clicks & Canvas Pic clicked by me #YourQuoteAndMine Collaborating with Deepika Pareek दीपिका का दिवा स्वप्न... दीपू को.... सूर्य किरणों क
read moreArsh
इस रचना को आप कैप्शन में पढ़ सकते हैं। 111R डैडी क्यों मेरी लाड़ो, पापा से छादी क्यों नहीं कलनी? मुदे नई पता, आप बहोत दंदे हो पापा, पिथली बाल तहा था तौफी लेने दा लहा हूँ, इत्ते दि
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
विधा , गीत *{सरसी छन्द}* बचपन के वह खेल पुराने ,आते हैं अब याद । नहीं काम की चिंता कोई , रहते थे आजाद ।। बचपन के वह खेल पुराने ......, बचपन में रिश्तों का मतलब, खाना मिलता खास । बब्लू डब्लू रंजन दीपू , के हम होते पास ।। वह छुपा छुपाई खो खो के , साथी थे उस्ताद । सुन लेते थे बातें सबकी , मगर खेल के बाद ।। बचपन के वह खेल पुराने , आते हैं अब याद... सुबह शाम की होती वर्जिश , घर के करके काम । भूले रहते मास्टर जी के , दिए मैथ के काम । जाने कैसे मुर्गा बोले , कैसा मिले प्रसाद । फिर तो नानी मौसी भी कल ,आ जायेंगी याद ।। बचपन के वह खेल पुराने , आते हैं जब याद .....।। नहीं काम की चिंता कोई , रहते थे आजाद .....।। बचपन के वह खेल पुराने आते हैं अब याद ....।। २६/०७/२०२२ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चित्र चिंतन , विधा , गीत *{सरसी छन्द}* बचपन के वह खेल पुराने ,आते हैं अब याद । नहीं काम की चिंता कोई , रहते थे आजाद ।। बचपन के वह खेल पुर
Antima Jain
#depression #प्यार और अंधविश्वास #mentalHealth #nojotohindi #nojotonews Dr.santosh tripathi Sk.manjur Tiya Joshi Navneet Singh मैं एक
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