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Rizwana Alvi
मदीना जाऊं मैं इक बार मेरे दिल की हसरत है करूं सरकार का दीदार मेरे दिल की हसरत है रिज़वाना अल्वी ©Rizwana Alvi नात का मतला
नात का मतला #शायरी
read moreM.j.Raza
नया अंदाज में नात शरीफ आजम बरेलवी की सुनहरी आवाज में। शाही जामा मस्जिद पीलीभीत शरीफ में। #न्यूज़
read moreRiyashaikh
याद में अल्लाह की सब कुछ भुलाकर तो देखिये कितना सकून है सज्दों मैं जाकर तो देखिये मिल जायेगी शिफा बीमार को क़ुरान उसको सुनाकर तो देखिये हो जाओगे हर गुनाह से साफ तुम मदीना ए मुनब्बर जाकर तो देखिये होगी रिज़्क मैं बरकत वादा है अल्लाह का किसी भूखे को खाना खिलाकर तो देखिये तासीर अपनी भी बादल देगा जहर उसमे जम जम मिलाकर तो देखिये हो जाती है जुबान मीठी मेरी रिया लबो पे नाम ए मुस्तफा लाकर तो देखिये ©Riyashaikh #नात शरीफ #blindtrust Mahtab Khan MM Mumtaz ABRAR Faiz Siddiqui Rashid Yusuf Zai
#नात शरीफ #blindtrust Mahtab Khan MM Mumtaz ABRAR Faiz Siddiqui Rashid Yusuf Zai #शायरी
read moreAkbar Shah
यूँ रुलाया ना कर जिंदगी हर बात पर जरूरी तो नहीं की हर किसी की किस्मत में चुप कराने वाला भी हो रेहान बरकाती रेहान रज़ा बरकाती
रेहान रज़ा बरकाती
read moreZeeshan Ansari
ग़ज़ल हमारी ज़िन्दगानी में जो इतनी शादमानी है। ये अपनों की इनायत है, ख़ुदा की मेहरबानी है। महेज़ क़तरा समझिए मत इसे दो बूंद पानी का, बयां जो कर नहीं सकते उसी की तरजुमानी है। उजड़ता जा रहा है धीरे-धीरे बागबां अपना, ये कैसी हुक्मरानी है, ये कैसी निगहबानी है। ये दुनियां चार दिन की है बहुत उम्मीद ना रखना, सुनाई जा रहीं हैं जो फकत झूठी कहानी है। मसर्रत बढ़ती जाती है कभी जब सोचते हैं हम, वरासत में मिली हमको बुज़ुर्गों की निशानी है। चलो सिक्का उछालो जो भी होगा देखा जायेगा, हमें फूटी हुई क़िस्मत मुक़र्रर आज़मानी है। ये कैस रहनुमां हैं जो हमें पहचान ना पाए, अरे पहचान तो ज़ीशान अपनी ख़ानदानी है। ज़ीशान अंसारी बरकाती
ज़ीशान अंसारी बरकाती #Music
read morepramod malakar
बिहार का बिहार शरीफ का मच्छर, बहुत शरीफ है भाई , नहीं सोने देगा, नहीं जागने देगा, सिर्फ और सिर्फ भागने देगा। 43 वर्ष पहले , बिहार शरीफ नहीं आऊंगा, मैंने कसम खाया था, मच्छरदानी के भीतर रहकर भी , बेहद शरीफ मच्छर से खुद को बचाया था। यार मत पूछो नाम उसका , जिसने मेरा कसम तोड़वाया है, मच्छर का अहिंसक विचार, मुझसे इस कविता को लिखवाया है। बिहार का बिहार शरीफ का दवा सिर्फ मच्छरदानी है, बिहार शरीफ का मच्छर भी अद्भुत बलिदानी है, कभी पैर, कभी हांथ कभी नाक पार बैठ, करता बहुत शैतानी है। न सो सका , न बैठ सका , नहीं ठीक से लिख सका, किया आज बहुत है पिटाई, बिहार का बिहार शरीफ का मच्छर, बहुत शरीफ है भाई।। 00000000000000000000 प्रमोद मालाकार की कलम से बिहार शरीफ से ..8 oct.. 23.. रात्रि ...12.28.बजे। 00000000000000000000 ©pramod malakar #बिहार शरीफ का मच्छर
sachu bihaniya
तू मेरा मरहम नहीं मेरा दर्द है और फिर वही आज मौसम सर्द है और वह मुझे आज भी चकनाचूर करेगी साथी हमारा थोड़ा बेदर्द है सारे गलत काम अच्छे ना जाने क्यों लगते हैं मेरी रेशम की साल पर किसी शरीफ दुपट्टे का कर्ज है मैं उसकी भी मजबूरी को मजबूरी समझता हूं वो ना आये छत पर तो क्या उसकी गली से गुजर ना मेरा फर्ज है शरीफ दुपट्टे का कर्ज़
शरीफ दुपट्टे का कर्ज़ #Shayari
read moreZeeshan Ansari
जो भी वादे हैं किए सारे निभाऊंगा मैं आप जो चाहेंगे वो करके दिखाऊंगा मैं दर्दो आलाम की तारीफ़ अगर पूछोगे अपने दिल की तुम्हे आवाज़ सुनाऊंगा मैं मैं हूं इक आम बशर कोई मुफ़स्सिर तो नहीं जो तेरे ख़्वाबों की ताबीर बताऊंगा मैं करदे मजबूर ज़माने को जो बोसे के लिए ऐसा किरदार हसीं अपना बनाऊंगा मैं खा नहीं पाएंगे जब खाना ज़ईफी के सबब बूढ़े मां बाप को हाथों से खिलाऊंगा मैं ऐसे बेगानों की बस्ती में कोई कैसे जिए छोड़िए दुनियां अलग जाके बसाऊंगा मैं इश्क़ है, इश्क़ है ज़ीशान सुनो इश्क़ है ये इसके हर नाज़ मुहब्बत से उठाऊंगा मैं ज़ीशान बरकाती इलाहाबादी ज़ीशान बरकाती इलाहाबादी
ज़ीशान बरकाती इलाहाबादी
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