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Prashant Deep Srivastava
चाहत को अपनी कभी हम बयां नहीं करेंगे दिल की बात को कभी ज़ुबां से नहीं कहेंगे हम जानते हैं कि देखते हो चाहत तुम हमारी आंखों में पर अपनी चाहत की कभी हम नुमाइश नहीं करेंगे।। प्रसू ©Prashant Deep Srivastava #Soul #loveshayari #nojotohindi #NojotoFamily #prashantaryan written by PrashantAryan (प्रसू) आप सभी भाई बहनों से निवेदन है मेरी लिखी हुई ज
kumaarkikalamse
मेरी ग़ज़लें, मेरी नज़्में, सब में तेरी हिकायत है, क्यों लिखते हो थोड़ा सा ही, यही शिकायत है! मैं कर रहा सब कुछ नाम तेरे, तू रख ले मुझको, मैं जब तक हूँ तुझमे, तब तक मेरी हिफाज़त है! पहन के अन्फ़ास की क़बाएं, परी तू बन जाती, ज़ख्म भी गुलज़ार बन जाता, ऐसी नजा़कत है! अंदाज रखती खु़सरवाना, अदा ऐसी 'कुमार', थक कर जब जब करीब जाता, करती शरारत है! उस के लिए लिखो तो काग़ज़ कलम कम पड़ जाते और वो कहते कि है तुम थोड़ा सा लिख थक जाते! वो लड़की पागल है पागल है..! #kumaarsthought #kumaar
Darshana
मेरी रूह में कुछ बाकी सा रह गया है वो, अब तो सिर्फ ख्वाहिशों में और अरमानों में बसता है वो.. तुम्हें पता है प्रेम??? सहजीवन से कम नहीं होता ये प्यार !! हम प्रेम में प्रेमी के साथ साथ बातों बातों में उनकी पसंद की चीज़े भी अपनाने लगते
Prabhat Raghuvanshi
3 months 1 day 14 hours 13 minutes Or 92 days 14 hours 13 minutes Or 2,222 hours Or 1,33,333 minutes Or 8,000,000 seconds = 1,000,000 steps 👣 { fastest 1 million Step of me } **************************** आखरी स्याही in Caption कभी कहीं पर किसी सफर में उदास लम्हों की रहगुजर में मैं अपने मुस्तकबिल से खौफ खाकर और अपनी हालत से तंग आकर पलटकर जब भी मैं अपनी माजी को देखता
अविनाश कुमार
निकले जो कल हम, गली से तुम्हारी गुनगुना रही थी तुम भी, नज़्में हमारी मेरी नज़्में-ग़ज़लें, सब याद हैं उसे, एक मैं ही याद नहीं . #yqdidi #yqbaba #hindi #yqtales #नज्म #इश्क़ #यादें #1909avinash
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है कुछ बातें कुछ मुलाकाते कुछ एहसास कुछ जज़बात कुछ दर्द कुछ स्पर्श कुछ आंसू कुछ नज़्म कुछ राते कुछ दिन कुछ सफ़र कुछ रास्ते कुछ वक़्त कुछ बेवक्त कुछ नींद कुछ बेहोशी कुछ सर्द रातों की बेचैनी कुछ भीगे लम्हों की मुलाकाते कुछ प्यार के को पल कुछ बे मतलब की झुड़प कुछ दर्द भारी निगाहें कुछ हमदर्द बनती बातें कुछ सिसकियों में भांपते एहसास कुछ लंबी दूरी की हरारत कुछ सिलवटों में लिपटी हिफ़ाज़त कुछ भीनी गीली मिट्टी की खुशबू कुछ गुलाब से आती सुख लाल स्याही कुछ वक़्त बेवक्त की पहचान कुछ रातों की नींद कुछ दिन का चैन कुछ सुकून भरी सांसे कुछ नरम रुख एख्तियार करती वहीं हर्षिता कुछ लिखी थी वो नज़्में जो सुनाई थी कुछ अपनी जज़्बातों से भारी थी कुछ कतरा कतरा रीस रही थी कुछ वहीं मोम सी पिघल रही थी। कुछ सुकून मिलता आवाज़ सुनकर। कुछ कहते थे सुकून तुम हो। कुछ पन्नों पर बंद हुआ हो रंजो ओ गम कुछ हिफ़ाज़त से सम्भाल लिया जज़बात ए हर्षिता की ज़ुबानी। #realityoflife #feelings #deep #yqbaba #yqdidi #yqtales Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है कुछ बातें कु
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आज किताबों में डेयरी मिली वहीं पुरानी यादों की भरी नज़र मिली मेरी नज्मों में उलझी कहानी मेरी पड़ी तो फिर रों पड़ी जवानी मेरी कुछ नज़्में ग़ज़ले कुछ शायरी मेरी कुछ बेजोड़ नमूना पेश करती रवानी मेरी खराश थी गाले में नज़्म कुछ खफा सी मेरी कुछ साएं खड़े हुए डायरी से निकाल कर मेरी मेरी नज्मों ग़ज़लों के किरदार थे सभी वो साथ मेरी दोष देती नज़्में लिखने वालों को दोस्ती कर दबा मुंह फेरते नज़्में मेरी सवाल कर रही थी मैं उनसे थी, या वो मुझमें थी कहीं मेरी परछाई मेरी बनती बिगड़ती तखलीखं भी मैं करती स्माईन के हवाले मेरी सुकून सी आवाज़ थी मेरी तलकिनं थी नज़्में ग़ज़ले खफा होती भी तो सहलाती कलम मेरी तलाश रही थी कहीं मेरी किताबों में दब गई थी मेरी एक और हसीना थी नज़्म में ज़ुल्फो में छिल गई थी मेरी कसमकश में थी एक नज़्म मेरी ज़िन्दगी लिख कर चुप थी मेरी नज्मों को नाकाम नहीं नमक डालकर ज़िंदा किया अपनी पहचान में उनको भी शामिल किया आवाज़ मेरी आवाज़ मेरी सिक्कों सी खनकती सुकून थी नज़्म मेरी तखलीखं- creation ,स्माईन-audience, तलकिनं -recitation, कश्मकश- dilmema #lifequotes #respect #selfmotivation #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आज किताबों में डेयरी मिली वहीं पुरानी याद
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat यहीं अंजाम होना था शायरों की बस्ती में एक और शामिल होना था हज़ारों की महफ़िल सजी शिकवे कई गीले कई मिसरे कसते नुक्ते कहते लिहाज़ यहीं मिजाज़ वहीं फसाद वहीं मसले वहीं शायरों की महफ़िल में कदृदान कई जुमले लिखते गजले लिखते नज़्में लिखते क्या कमाल कई बेमिसाल समझ बेबुनियाद नहीं बादशाह को महफ़िल में आज भी मौजूद किस्सों में ज़माने से चली आती शायरी कई यही अंजाम होना था... #अंजाम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat यहीं अंज
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat तुम्हारी बातों के कुछ कतरें आज भी कहीं सांसें भर रहे है। सुलगते रहे रात भर उस एश ट्रे में जो आख़िरी काशं लगाया था तुमने । बाक़ी थी कुछ चिंगारियां उसमें सुलगती रही। अधजलीं सी दिया सिलाई में आज भी कुछ धुआं बाक़ी है। आज भी पिघलते जिस्मों की आहटें बाक़ी थी कुछ। ख़ामोशी में कुछ सुलगते पन्नें जो मरोड़ कर कुछ को फ़ाड़ कर जलाएं थे । कुछ बाक़ी थी। नज़्में मेरी उन पन्नों पर ज़ाहिर कर रही थी, तेरी मौजूंदगीं भी बाक़ी नहीं। बस कुछ राखं बाक़ी थीं। बस राखं कुछ चिंगारियों से उड़ता धुआं उठ रहा था। सुलगाती रहीं, उस एश ट्रें में ।। बचे कुछ बीतें लम्हें रात भर नींद में भी लुप्त होते रहे। वहीं पेंसिल के छिलकें जिससे कुछ नज़्में लिखी थी मैंने। तुम्हारे लिए तुमने कभी जलाएं होंगी। कुछ कतरें आज भी मौजूदं थे ।उस एश ट्रे में। आज भी कुछ कम दर्द नहीं था। माचिंस की डिबिया मिली ही नहीं। खोजती रहीं कहीं कुछ बाक़ी हो उस एश ट्रें में। तलब लगी थी ,एक काशं मिल जाता, कुछ गुम हल्का ही जाता। बस अब एश ट्रें भर चुकीं थी। आज भी कुछ कतरें टूटे रिश्ते के आख़िरी सांसे भरते रहे रात भर। हम कसीदें कसते रहे रात भर। अब भर चुकी है एंश ट्रें। उसमें से बस उड़ती गई हवा के उन झोकों से। टूटे रिश्ते की आखिरी सांस निकलती रही। निकलती रही। #memories #pain #quote #yqdidi #yqbaba #yqhindi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat तुम्हारी बातों के कुछ कतरें आज भी कहीं सांसें भर रहे ह