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Mili Saha
ज़हर
ज़हर काश तू पूछे मुझसे मेरा हाल-ए-दिल, मैं तुझे भी रुला दू तेरे सितम सुना सुना कर ©ज़हर #feelings #ज़हर ज़हर काश तू पूछे मुझसे मेरा हाल-ए-दिल, मैं तुझे भी रुला दू तेरे सितम सुना सुना कर 0 Anshu writer hardik Mahajan Sharm
Devesh Dixit
जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, देखो बढ़ने लगे हैं अब। नज़रअंदाज़ किया उनको, जिसने भी कांँटे बोए हैं। क्या कहें अब हम उनको, वे खुद ही कर्मों पर रोए हैं। उन्हें उनके हाल पर छोड़, सपने बुनने लगे हैं अब। उन सपनों को अपने जोड़, देखो जीने लगे हैं अब। क्यों करनी है उनकी चिंता, उनसे क्या सरोकार है अब। नकाब के पीछे है जो चेहरा, उन पर कहाँ एतबार है अब। आशाओं को जो हटाया, देखो जीने लगे हैं अब। स्वयं को फिर सुदृढ़ पाया, और संवरने लगे हैं अब। ..................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़,
MUKESH KUMAR
White ☝️एक विचार ✍️ फिर प्रयास करने से क्यों घबराना दोस्त ... इस बार शुरुआत शून्य से नही, अनुभव से होगी..... ©MUKESH KUMAR ☝️एक विचार ✍️ फिर प्रयास करने से क्यों घबराना दोस्त ... इस बार शुरुआत शून्य से नही अनुभव से होगी.....
Srinivas
धर्म जोड़ने का पाठ पढ़ाता है, फिर इंसान क्यों इसे तोड़ने का कारण बनाता है। मोहब्बत एक सूरज है, जो सब पर समान रौशनी डालता है, मजहब की दीवारें क्यों खड़ी करते हैं? ©Srinivas धर्म जोड़ने का पाठ पढ़ाता है, फिर इंसान क्यों इसे तोड़ने का कारण बनाता है। मोहब्बत एक सूरज है, जो सब पर समान रौशनी डालता है, मजहब की दीवारें
Rameshkumar Mehra Mehra
तु मेरी बो खुशी है.....! जो मै किसी को ना दूॅ..... ©Rameshkumar Mehra Mehra !# तू मेरी बो खुशी है,जो मै किसी को ना दूॅ......
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत:- डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। डर नहीं इंसान तू अब .... जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे दूर हों । जब शरण उनकी ठिकाना क्यों यहाँ मजबूर हों ।। आस जिसने भी लगाई वो न खाली हाथ है । जो न माने आज इनको वो बड़ा नादान है ।। डर नहीं इंसान तू अब.... राम के ही भक्त है वह राम का ही नाम लें । राम के वह नाम बिन देखो न कोई काम लें ।। राम का तू जाप कर ले राम ही आधार हैं । राम का ही नाम सुनकर खुश सदा हनुमान है ।। डर नहीं इंसान तू अब.... काम इस संसार में कोई हुआ ऐसा नही । दूत दानव दैत्य जो सुन नाम हनु कांपा नही ।। व्यर्थ फिर चिंता तुम्हारी है सुनो संसार में । सब सफल ही काज होंगे जब कृपा हनुमान है ।। डर नहीं इंसान तू अब... जानते हैं लोग भोलेनाथ के अवतार हैं । राम जी का काज करने को सदा तैयार हैं ।। इस जगत में भक्त इनसा सुन जगत में है नही । राम का ही नित्य करते ये सदा गुणगान हैं ।। डर नहीं इंसान तू अब .... डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। २३/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत:- डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। डर नहीं इंसान तू अब .... जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
लिए त्रिशूल हाथों में गले में सर्प डाले हैं । सुना है यार हमने भी यही वो डमरु वाले हैं ।।१ नज़र अब कुछ इधर डालें लगा दो अर्ज़ मेरी भी। सुना हमने उसी दर से सभी पाते निवाले हैं ।।२ यही हमको निकालेंगे कभी बेटे बडे़ होकर । अभी जिनके लिए हमने यहाँ छोडे़ निवाले हैं ।।३ नहीं रोने दिया उनको पिया खुद आँख का पानी । दिखाते आँख अब वो हैं कि हम उनके हवाले हैं ।।४ किसी को क्या ख़बर पाला है मैंने कैसे बच्चों को वहीं बच्चे मेरी पगड़ी पे अब कीचड़ उछाले हैं।।५ यहाँ तुमसे भला सुंदर बताओ और क्या जग में । तुम्हारे नाम पर सजते यहाँ सारे शिवाले हैं ।।६ डगर अपनी चला चल तू न कर परवाह मंजिल की । तेरे नज़दीक आते दिख रहे मुझको उजाले हैं । ७ प्रखर भाता नहीं बर्गर उन्हें भाता नहीं पिज्जा । घरों में रोटियों के जिनके पड़ते रोज़ लाले हैं ।।९ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR लिए त्रिशूल हाथों में गले में सर्प डाले हैं । सुना है यार हमने भी यही वो डमरु वाले हैं ।।१ नज़र अब कुछ इधर डालें लगा द
LAKKI
White हालातों की विरुद्धता से नहीं डर, तू जानता है अपना मार्ग। संघर्षों की धारा में, तू ही खुद को बनाता है श्रेष्ठ। ©LAKKI हालातों की विरुद्धता से नहीं डर, तू जानता है अपना मार्ग। संघर्षों की धारा में, तू ही खुद को बनाता है श्रेष्ठ।
Mehfuza
White मेरी हर सांस अमानत है तेरी यादों की, ए- मेरी मोहब्बत तू ही बता, अब टूट कर इससे ज्यादा तुझे चाहूं तो कैसे? ©Mehfuza #SunSet मेरी हर सांस अमानत है तेरी यादों की, ए- मेरी मोहब्बत तू ही बता, अब टूट कर इससे ज्यादा तुझे चाहूं तो कैसे?