Nojoto: Largest Storytelling Platform

New nature poem written by william wordsworth Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about nature poem written by william wordsworth from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, nature poem written by william wordsworth.

Stories related to nature poem written by william wordsworth

Blissofsoul

written by @wordsbyrishabh

read more
White I hate those people who be like 
Valentines Day to bache manate hai 
Pyar karne wale to roz karte hai

Arey to ek din aur kar lo
 Kar do post 
Likh do kuch baatein 
Laga do story 
Bhej do flowers 
Dedo kuch gift!

Ye choti baatein hi shayad
 Unhe achi lage!❤️

©Blissofsoul written by @wordsbyrishabh

Ramji Tiwari

White 

       *प्यारा मास बसंत* 

जग से अँधियारा मिटा,हुई सुहानी भोर।
बादल छाए हैं घने,नाच रहे वन मोर।
नाच रहे वन मोर,घटा घनघोर सुहानी।
रिमझिम-रिमझिम रहा,बरस अम्बर से पानी।
देख प्रकृति का रूप,सभी के थिरक रहे पग।
सन- सन चलती पवन,करे शीतल सारा जग।।

दिखती है पहने धरा, हरा-हरा परिधान।
कोयल कूके पेड़ पर,गाए सुमधुर गान।
गाए सुमधुर गान,सभी का मन बहलाती।
पीली सरसों खेत, लहर-लहर लहलहाती।
देख भानु का ताप, ठंड पास नहीं टिकती।
देखें आँखें जिधर, सिर्फ हरियाली दिखती।।

बसंत उत्सव से शुरू,हो जाता है फाग।
भँवरा चूँसे फूल रस,गुन- गुन गाता राग।
गुन-गुन गाता राग,फूल पर है मँडराता।
कल-कल सरिता नाद,सभी के मन को भाता।
झूम रहे नर नारि,हर्ष फैला दिगदिगंत।
ऋतुओं का ऋतुराज, है प्यारा मास बसंत।।

     स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #Nature 
#springpoem
#Beauty 
#poem 
#Friend

Ramji Tiwari

White  

 मनहरण घनाक्षरी छंद-

घर- घर उल्लास है, कोई नहीं उदास है।
बह रही चहुँ ओर,फागुनी बयार है।।
आम फूली अमराई,छाँव लगे सुखदाई।
छाया हर तन पर, रंगों का खुमार है।।
देख चहुँ हरियाली,कूँजे पिक मतवाली।
कल- कल बह रही,गंगा नदी धार है।।
झूम रहे नर नारी,देख खेत बाग- बारी।
धरा ने भी कर लिया,सोलह श्रृंगार है।।

घूम-घूम खग वृंद,गा रहे हैं गीत छंद।
खिल गई हर कली, झूम रही डाली है।।
चम-चम करें तारे, लगें मन अति प्यारे।
जगमग होती अब,रात काली-काली है।।
यौवन उमंग भरे,चोली बहु तंग करे।
इठलाती फिर रही,गोरी मतवाली है।।
मल गई रंग गाल,आई न समझ चाल।
बड़ी नटखट मेरे,भैया जी की साली है।।

     स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #Spring 
#poem
#छंद 
#Festival 
#Nature 
#Friend

Golu Pammi

#Likho Written By PammiG Priti Kumari

read more
लालची इंसान 
ना जाने कौन काफ़िर कहकर मार दे मुझको,
यहां हर एक शख्स मुस्लमान बना बैठा है!

कंहा जाकर अब हम फरियाद करें,
यहां तो हाकिम भी बेईमान बना बैठा है!

और किस खुदा की परस्तिस करे इंसा, 
यहां तो पुजारी ही शैतान बना बैठा है!

और कैसे बेटियों की हिफाज़त करें इस दौर में,
यहां तो गद्दी नशीं ही हैवान बना बैठे हैं!

अब कैसे किस्से मोहब्बत करें "परवेज़"
यहां तो लालच से भरा इंसान बना बैठा है!

©Golu Pammi #Likho  Written By PammiG  Priti Kumari

Ramji Tiwari

White प्यारा मास बसंत 

वृक्षों पर नव कोंपलें होता पतझड़ का अंत
ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

हरी चादर ओढ़े धरा की शोभा न्यारी
बहुरंगी प्रसूनों से सज गई हर क्यारी
माँ सरस्वती की वन्दना करते साधु संत
ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

वृक्षों की शाखाओं पर कोयल गान कर रही
प्रकृति भी माँ सरस्वती का गुणगान कर रही
प्रात होते भानु रश्मि आतीं भू पे तुरंत
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

सन- सन करती मनोहर मलय समीर बह रही
चूँ- चूँ करती चिड़िया मनोहर राग कह रही
इन्द्रधनुष रंग से रंगा आसमान अनंत 
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

रिमझिम- रिमझिम बरसात की बूँदें गिरती हैं
सभी जीवों की आत्मा को तृप्त करती हैं
मनभावन, सुन्दर मौसम भाता अति हेमंत 
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

दूर तक दिखती हरियाली ही हरियाली है
मधुर तान में गा रही कोयल मतवाली है
सूखी तरूवर की डाली हो जाती जीवंत
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

       स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम"
                                       उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #Nature 
#poem 
#NatureBeauty 
#Spring

Ramji Tiwari

#Spring #poem #Nature #

read more
White 

     *मनभावन न्यारा मधुमास होता है*

नई उमंगों, नई तरंगों का एहसास होता है
सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है

दूर तलक धरती पर हरी मखमली चादर होती है 
खेतों में प्रिय मूली,आलू, शलजम, गाजर होती है
प्रकृति की देख सुन्दर छटा मन में उल्लास होता है
सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है

घास,ओस की बूँदों पर जब सूर्य किरणें पड़तीं हैं
मोती की मानिंद जल बूँद चम-चम चमकनें लगतीं हैं
चाँदनीं रात में तारों का सुन्दर प्रकाश होता है
सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है

पीले -पीले सरसों के फूल लगते बहुत मनभावन
बसंत पंचमी मात सरस्वती का उत्सव अति पावन
सम्पूर्ण प्रकृति में व्याप्त सुखद उल्लास होता है
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

पीले रंग की साड़ी पहनकर सज जाती नारी है 
बसंत पंचमी मेले की शोभा लगती न्यारी है 
माँ के मण्डप का निर्माण मन्दिर के पास होता है 
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

बसंत पंचमी मात सरस्वती का पूजन होता है
हर एक घर में नाच-गाना भजन-कीर्तन होता है
इस दिन ज्ञान की देवी का हर घर में वास होता है
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

जो नर बसंत पंचमी के दिन सरस्वती को ध्याता
माँ वीणावादिनी से सुर ,ज्ञान, सद्बुद्धि वर को पाता
विद्यार्थी,सुर साधक के‌ लिए यह दिन खास होता है 
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

        स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम"
                                         उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #Spring 
#poem
#Nature 
#

Abhishek kumar

this thought is written by Abdul Kalam #Motivation

read more
green-leaves if you want to being like a sun first burn like a sun

©Sitesh Kumar this thought is written by Abdul Kalam #motivation

RJ VAIRAGYA

Written and recited by RJ HARSH #rjharshsharma #rjvairagyasharma

read more

Schizology

Flowers #flowers poem✍🧡🧡💛 #Nature

read more
Flowers

It starts with a tiny seed
Soon roots grow down to feed
Then sprouts just like a weed

It grows a little each day
Leaves extend to catch the suns' rays
Even a little when the skies are grey

So many types and strains
All pretty, even if they're plain
Their beauty can't be contained

They grow in almost any conditions
Are part of many traditions
To many are a great acquisition

Filling the air with lovely scents
It can only make you content
Paradise... Is this what they meant?

©Schizology Flowers

#flowers #poem✍🧡🧡💛 #Nature

Schizology

October 29th 2024 #Random poem✍🧡🧡💛 #Nature

read more
October 29th 2024

It's now just past six am
A dog is barking quite proud
Music is playing on my phone
Too early to have it loud

Cars are moving on past 
Traveling to their destinations
Some stop at the coffee shop
Mornings start with caffeination

There's a skunk wandering 
A couple people have seen it
Probably just looking for food
If it comes I will give it a bit

The rain is falling now a little
Not long ago it was very hard
Splashing and dripping away
Puddles now all over the yard

©Schizology October 29th 2024

#Random #poem✍🧡🧡💛 #Nature
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile