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Stories related to पूछा भी नहीं

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dreamer shubhi

वादा किया था उसने लबों पर मुस्कान सजाने का, आज आंखों में अंशू देख पूछा भी नहीं। सुभी गुप्ता

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वादा किया था उसने लबों पर मुस्कान सजाने का,
आज आंखों में अंशू देख पूछा भी नहीं।
सुभी गुप्ता वादा किया था उसने लबों पर मुस्कान सजाने का,
आज आंखों में अंशू देख पूछा भी नहीं।
सुभी गुप्ता

vibha tripathi

पूछा भी नहीं मैंने उससे, फिर भी उसने अपना नाम बता दिया। ख़ामोश खड़ा रहा मैं, और इशारों-इशारों में उसने, मुझे अपने घर का पता बता दिया। हिंदी_ #YourQuoteAndMine #हिंदी_उर्दू #KaranBorana

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बिना पूछे ही उसने इशारा समझ लिया होगा।
पूछना न पड़े आपको इसलिए खुद ही कह दिया होगा😊😊😊 पूछा भी नहीं मैंने उससे, फिर भी उसने अपना नाम बता दिया। ख़ामोश खड़ा रहा मैं, और इशारों-इशारों में उसने, मुझे अपने घर का पता बता  दिया।
#हिंदी_

drunkenalpha

कश्मकश औ जद्दोजहद में सारी रात गुजर गई तो, क्या सपने आवारा है । मन में बस तेरी सूरत, जेहन में तस्वीर तुम्हारी, आँख बगावत सी करती, #randomthoughts #midnightthoughts

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कश्मकश औ
जद्दोजहद में
सारी रात गुजर गई तो,
क्या सपने आवारा है ।

मन में बस तेरी सूरत,
जेहन में तस्वीर तुम्हारी,
आँख बगावत सी करती,
नींद अब कहाँ आती है,
जज़्बात नहीं सम्भलते,
क्या सपने आवारा हैं ।

मैं भी न बस अपनी ही,
सुनाता रहा सारी बातें,
पूछा भी नहीं कि याद हूँ
या भुला दिया है तुमने
अपने इस आवारा को । कश्मकश औ
जद्दोजहद में
सारी रात गुजर गई तो,
क्या सपने आवारा है ।

मन में बस तेरी सूरत,
जेहन में तस्वीर तुम्हारी,
आँख बगावत सी करती,

ASHKAR Shahi

तुम चाहते तो रोक सकते थे मुझे, तुम चाहते हो तो अभी भी रोक सकते हो मुझे। "खुली क़िताब📖"❤️ याद है तुम्हें वो ख़त जो मैंने लिखा था तुम्हें, #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #healing__heartt #yqaestheticthoughts

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याद है तुम्हें वो ख़त जो मैंने लिखा था तुम्हें, ताकि कभी मैं तुम्हारे पास ना रहूँ तो तुम महसूस कर सको मुझे, उस ख़त को पढ़कर शायद तुम्हें वो भी याद नहीं।
हाँ! मैंने फ़ैसला लिया जाने का मगर तुमने भी तो वादा किया था कि हम साथ बैठकर उलझन सुलझा लेगे शायद तुम्हें वो भी याद नहीं।
मैं जा रहीं थी, तुमने एक दफ़ा पूछा भी नहीं कि आख़िरी वजह क्या है जाने की? तुम रोकना चाहते मुझे तो रोक सकते थे मगर शायद ये चाहते ही नहीं। तुम चाहते तो रोक सकते थे मुझे, तुम चाहते हो तो अभी भी रोक सकते हो मुझे। 

"खुली क़िताब📖"❤️

याद है तुम्हें वो ख़त जो मैंने लिखा था तुम्हें,

Shraddha

साल भर online class में आँखें सुजाई अपनी कोई दिक्कत ना किसी को बताई खुद की तैयारी हमने खुद को दिखाई कुछ बार तो कर दी खुद की ही बड़ाई एक

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From the heart of every 10th student

©Shraddha साल भर online class में आँखें सुजाई 
अपनी कोई दिक्कत ना किसी को बताई 
खुद की तैयारी हमने खुद को दिखाई 
कुछ बार तो कर दी खुद की ही बड़ाई 

एक

CalmKazi

(READ FULL POETRY BELOW) कुछ सुबह की बातें... चाय का ठेला, लगता है हर नुक्कड़ पर । पैदल सड़क पर घूमते हैं लोग, और गाय मदमस्त । लेखक है एक #Morning #दिन #yqbaba #हिंदी #कविता #yqdidi #repost #Allahabad #mycity #छोटेशहर #rememberingchildhood #calmkaziwrites #SmallTownMornings #ReverseTimelineChallenge

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कुछ सुबह की बातें

चाय का ठेला
लगता है हर नुक्कड़ पर
पैदल सड़क पर घूमते हैं लोग और गाय मदमस्त
लेखक है एक कोने में सोता
रात को कुछ थका सा था
वहीँ दूसरी ओर लफंदर लौंडे
ठिठोली करते हैं किसी अनसुनी बात पर
कुछ ऐसी सुबह होती है मेरे शहर में
जैसे रात का साया ही न रहा हो कभी

गिनी चुनी खाली थैलियाँ
और कुछ प्लास्टिक के छोटे खिलोने
बटोर रही वो बूढी अम्मा
और कहीं दूर से घंटियों की टनटनाहट
आती है मेरे कानो में
सुबह की पूजा चल रही होगी उस घर में
कुछ ऐसी सुबह होती है मेरे शहर में
जैसे रात का साया ही न रहा हो कभी (READ FULL POETRY BELOW)

कुछ सुबह की बातें...

चाय का ठेला,
लगता है हर नुक्कड़ पर ।
पैदल सड़क पर घूमते हैं लोग, और गाय मदमस्त ।
लेखक है एक

Madan Mohan

चाचा चमन लाल सन 1968 में एक सरकारी विभाग में क्लर्क के पद पर भर्ती हुए थे। चाचा जब हमारे साथ एक विभाग में आये तो बड़े हंसमुख और उदार व मज़ाकिय #ज़िन्दगी #Independence2021

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चाचा चमन लाल सन 1968 में एक सरकारी विभाग में क्लर्क के पद पर भर्ती हुए थे। चाचा जब हमारे साथ एक विभाग में आये तो बड़े हंसमुख और उदार व मज़ाकिया नज़र आए।
रामनारायण को चाचा रामू कहते थे ,अरे बेटा रामू चाचा का ख्याल रखले भाई आज तेरी चाची ने फिर चाय नही पिलाई ,चाचा को चाय पिला दे,आशीर्वाद मिलेगा।रामनारायण दफ्तरी को कहता अरे भाई शाहू जी चाचा के लिए चाय ले आओ,तुम हम भी पी लेंगे।
शाहू रामनारायण के नज़दीक आकर कहता है साहिब फिर चमन लाल जी आपको चूना लगा रहे हैं।रामनारायण कहता कोई बात नहीं यार बाप के समान हैं जा चाय ले आ ये ले पैसे।
चाचा चमनलाल रोज़ एक बाबू पकड़ते औऱ चाय की
चुस्कियां भरते,इसके बदले या इस प्रेम में वे मुश्किल से मुश्किल फ़ाइल की नॉटिंग ड्राफ्टिंग व लैटर तैयार
करवा कर अफसर तक पहुँचाते ।
एक दिन सब पूछने लगे कुछ अपने बारे में विशेष बताओ तो चमन लाल जी कहते मुझमेँ कुछ विशेष नहीँ पर हाँ मैं हारमोनियम का टीचर रहा हूँ, आज कोई हारमोनियम नहीँ सीखता ये कला भी भारत से लुप्त होने लगी है ये बड़ा अफशोष की बात है।
आप बहुत अच्छी नॉटिंग करते है,ये कैसे सीखी बताइये रामु ने पूछा । अरे रामू नौकरी जाते जाते बची थी इस नॉटिंग के चक्कर मे,वो बड़ा अदभुत वाकया है उसे सुनो,और चमनलाल जी सुनाने लगे ।जिस दिन मैंने ड्यूटी ज्वाइन की ,बड़े बाबू ने कहा फाइलें देख लो पुरानी ,उसी तरह का काम करना होगा। मैने पूरे दिन फ़ाइलें देखी ,कुछ समझ नहीं आया,पूछा भी नहीं। अगले दिन दफ्तर पहुंचा थोड़ी देर बाद बड़े बाबू ने बुलाया और कहा ये लो फ़ाइल कवर और दफ्तरी से टैग ले लो ,एक नोट पूट अप करना है।
चमनलाल जी बताने लगे कि वो डरे डरे सहमे से सोच रहे थे कि नोट कैसे पुट अप करें ।लंच टाइम हो गया,खाना भो ढंग से नहीं खाया,डर से भयभीत सीट पर आए बैठे ,फिर वही सोच बड़ी दुविधा थी क्या करे क्या न करें।तीन भी बज गए,अचानक बड़े बाबू ने कहा चमनलाल क्या हुआ नोट पुट अप नही किया जल्दी करो।
चमनलाल जी बताते हैं कि डर के मारे आनन फानन 
में उठकर शौचालय गए,धारीदार कच्छे के नाडे से पुराना सा मुड़ा हुआ दो का नोट निकाला और सीट पर आ कर फ़ाइल कवर में टैग लगाकर फ़ाइल में दो का नोट रख दिया।बंद फ़ाइल दफ्तरी को दी कहा बड़े बाबू के पास रख दो।दफ्तरी ने फ़ाइल रखी बड़े बाबू ने कहा साहिब के पास रख दो कमी हुई तो देखूँगा।
अब फ़ाइल साहब के पास थीं आगे सोच लो समझ लो क्या हुआ होगा ,दो दिन बड़े बाबू और अधिकारी डाँटते रहे और सारे विभाग में हंसी हुई।आज तक उस बात के लिए सब हंसते हैं। आज तुम भी मेरी मूर्खता पर हँसलो सभी हंसते रहे और कभी भी वो वाकिया याद आता है तो हंसी दिलाता है।
मदन मोहन

©Madan Mohan चाचा चमन लाल सन 1968 में एक सरकारी विभाग में क्लर्क के पद पर भर्ती हुए थे। चाचा जब हमारे साथ एक विभाग में आये तो बड़े हंसमुख और उदार व मज़ाकिय

ASHKAR Shahi

काफी वक़्त हो गया स्टोरी का अगला पार्ट नहीं आया, ये स्टोरी मै पहले ही अपने डायरी में पूरी लिख चुकी हूँ, पर पता नहीं क्यों इसके पांचवें और अं #healing__heartt #Ashl #i_am_lonely #alfaz_Queen #Aashi_luv #दोबारा_मोहब्बत #last_part6

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  Last part  काफी वक़्त हो गया स्टोरी का अगला पार्ट नहीं आया,
ये स्टोरी मै पहले ही अपने डायरी में पूरी लिख चुकी हूँ, पर पता नहीं क्यों इसके पांचवें और अं

Prashant Mishra

"हाल तक नहीं पूछा"

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किस हाल में जिंदा हूँ ये सवाल तक नहीं पूछा
अरसे गुज़र गए किसीने हाल तक नहीं पूछा

--प्रशान्त मिश्रा "हाल तक नहीं पूछा"

मनोज कुमार झा "मनु"

#Pattiyan उसका नहीं पूछा उसने #लव

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बहुत कुछ लिखा मगर उसका नहीं पूछा उसने।

डिलीट कर दिया मैंने जो उसका ही पूछा उसने।।

©मनोज कुमार झा "मनु" #Pattiyan उसका नहीं पूछा उसने
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