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Asif Hindustani Official
बढ़ती ही जा रही है शायरों की तादाद, यह इश्क ने आसिफ किसी को नहीं छोड़ा ©Asif Hindustani Official बढ़ती ही जा रही है शायरों की तादाद, यह इश्क ने आसिफ किसी को नहीं छोड़ा #hunarbaaz #teatime #AsifHindustani #nojoto #teamnojoto #viral
Asif Hindustani Official
मैं चाहता हूं की दीप मोहब्बत का जले और हवा न चले, मैं मोहब्बत करूं उससे आसिफ, मगर उसे पता न चले। ©Asif Hindustani Official मैं चाहता हूं की दीप मोहब्बत का जले और हवा न चले, मैं मोहब्बत करूं उससे आसिफ, मगर उसे पता न चले। © Asif Hindustani #loversday #shayari #no
Asif Hindustani Official
कई साल गुजर हैं गए अब भी न ख्याल आया, क्या तुमने किया अब तक कोई न जवाब आया। इस अहदे सियासत को मैं नाम भला क्या दूं, जो खून की नदियों में डुबकी भी लगा आया। अब करने लगे कुछ लोग शैतान की भी पूजा, गुजरात के कातिल को भगवान बना डाला। दिन-रात जो मोदी को फूलों से सजाते हैं, कुछ नकली मुसलमां को यह साथ में भी लाया। टूटेगा कहर उन पर अल्लाह का ऐ आसिफ, गुजरात में खून की जो होली से नहा आया। ©Asif Hindustani Official कई साल गुजर हैं गए अब भी न ख्याल आया, क्या तुमने किया अब तक कोई न जवाब आया। इस अहदे सियासत को मैं नाम भला क्या दूं, जो खून की नदियों में डु
Mehfil-e-Mohabbat
हो लेने दो बारिश हम भी रो लेंगे दिल में हैं कुछ ज़ख़्म पुराने धो लेंगे ©Mehfil-e-Mohabbat ✍️♥️ सदार आसिफ ♥️✍️
Asif Hindustani Official
rahasyamaya tathya
इमामबाड़े के कुछ रोचक एवं अनसुलझे रहस्य:- आपने इतिहास में अवश्य ही पड़ा होगा की अवध प्रांत की राजधानी लखनऊ हुआ करती थी। यहीं पर नवाब आसिफ उद
Muhammad Asif Ali
अपनी क़िस्मत को फिर बदल कर देखते हैं आओ मुहब्बत को एक बार संभल कर देखते हैं चाँद तारे फूल शबनम सब रखते हैं एक तरफ महबूब-ए-नज़र पे इस बार मर
Asif Hindustani Official
हमें वतन से है ऐसी उल्फत यह शान लेकर ही चल रहे हैं, शहीद होकर अमर हुए हैं बदन पर मिट्टी को मल रहे हैं ।। सपूत हूं मादरे वतन का मैं फूल हूं अपने इस चमन का, यह बात उनको समझ में आए जो लोग मुस्लिम से जल रहे हैं ।। फिरंगी यों से मैं लड़ रहा था कसीदे उनके यह पर रहा था, जो खुद को कहते हैं देश प्रेमी वह मुखबिरों के ही दल रहे हैं ।। बयान हर दिन नया सुनाया यहां से जाओ यह गीत गाया, जो हक पर हैं यह वतन उन्हीं का तेरी नजर में जो खल रहे हैं ।। आसिफ अपना हमीद होता तो जाफरी क्यों शहीद होता, जला हूं जिंदा मैं अपने घर में तभी तो शोले उबल रहे हैं ।। ©꧁☆ᗩѕιf ᕼιηɗυѕтαηι☆꧂ हमें वतन से है ऐसी उल्फत यह शान लेकर ही चल रहे हैं, शहीद होकर अमर हुए हैं बदन पर मिट्टी को मल रहे हैं ।। सपूत हूं मादरे वतन का मैं फूल हूं
ASIF TEETA